PACS Common Service Centre: सभी पैक्सों में मिलेंगी कॉमन सर्विस सेंटर की सुविधाएं, दाखिल-खारिज का अपडेट भी मिलेगा
मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि 2025 तक राज्य के सभी 8463 पैक्सों में कंप्यूटराइजेशन कार्य पूरा किया जाएगा। इन पैक्सों से केवल किसानों को ही नहीं बल्कि उन पंचायतों के नागरिकों को भी जाेड़ा जाएगा। पैक्सों में रोजगार सूजन और उसकी आमदनी बढ़ाने को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे पैक्सों की छवि बदलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
राज्य ब्यूरो, पटना। अगले साल तक राज्य के सभी 8463 पैक्सों में कॉमन सर्विस सेंटर की सुविधाएं मिलेंगी। नागरिकों को आवश्यक दवाओं की खरीद, आधार कार्ड, पैन कार्ड बनवाने, रेल टिकट, हवाई जहाज टिकट लेने, जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र और राशन कार्ड बनाने के लिए साइबर कैफे या संबंधित कार्यालयों का चक्कर नहीं काटना नहीं पड़ेगा। ये सारी सुविधाएं पैक्सों में ही मिलेंगी।
हालांकि, अभी भी राज्य के 300 से ज्यादा पैक्स कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में काम कर रहे हैं। 120 पैक्सों में दवाएं बेचने हेतु जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं। अगले माह तक 2934 और पैक्सों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) कार्य करने लगेंगे। ऐसे पैक्सों में नागरिकों को 300 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध होंगी।
अभी तक राज्य में 2803 पैक्सों में कॉमन सर्विस सेंटर कार्यरत हैं। इस प्रकार अगले माह तक कुल 5737 पैक्सों में कॉमन सर्विस सेंटर क्रियाशील होंगे। जन सुविधाओं के रूप में बैंक मित्र, भंडारण सहित अलग-अलग गतिविधियां चला सकेंगे। जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जमीन की रसीद और परीक्षा फॉर्म भरने जैसे महत्वपूर्ण कार्य पैक्सों के माध्यम से किए जा रहे हैं।
सहकारिता, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि 2025 तक राज्य के सभी 8463 पैक्सों में कंप्यूटराइजेशन कार्य पूरा किया जाएगा। इन पैक्सों से केवल किसानों को ही नहीं, बल्कि उन पंचायतों के नागरिकों को भी जाेड़ा जाएगा। पैक्सों में रोजगार सूजन और उसकी आमदनी बढ़ाने को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे पैक्सों की छवि बदलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
उन्होंने बताया कि सहकारिता के महत्वपूर्ण अंग रहे पैक्सों की छवि बदलने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है। पैक्सों से खाद बीज वितरण, कोल्ड स्टोरेज, भंडारण गृह, राशन दुकानों का संचालन, कामन सर्विस सेंटर, दुग्ध एवं शहद उत्पादन, मत्स्य पालन, नल से जल, सिंचाई व्यवस्था और गोबर गैस उत्पादन जैसे काम में तेजी लायी जाएगी।
सहकारी समितियों की सक्रियता से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां रोजी-रोजगार बढ़ेगा, वहीं किसानों को स्थानीय स्तर पर बीज, खाद और कीटनाशक उपलब्ध होने लगेंगे।
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