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Bihar News: 'जो भी ऐसी शिकायत दर्ज कराता है...', सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर; नीतीश सरकार ने ले लिया ये एक्शन

असल में यह निर्णय मुख्य सचिव के एक निर्देश के बाद लिया गया। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सरकारी सेवकों के खिलाफ बढ़ते झूठे मामलों शिकायतों को देखते हुए प्राप्त बेनामी एवं छद्मनामी परिवाद पत्रों पर कार्रवाई के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया था। मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा था कि भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं।

By Sunil Raj Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 11 Jan 2024 07:22 PM (IST)
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सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर; नीतीश सरकार ने ले लिया ये एक्शन
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी सेवकों के खिलाफ दर्ज की गई किसी भी तरह की शिकायत (परिवाद) अब वापस नहीं ली जा सकेगी। झूठी शिकायत करने और बाद में उसे वापस लेने की कोशिश करने वाले आम आदमी व अन्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकारी सेवकों के खिलाफ बढ़ती झूठी शिकायतों को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। जिसका सीधा मकसद सरकारी सेवकों को ब्लैक मेल करने जैसे मामलों पर रोक लगाई जा सके।

निगरानी विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी अरुण कुमार ठाकुर ने हाल ही में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव से लेकर विभागाध्यक्ष, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम, डीजीपी व अन्य श्रेणी के पुलिस पदाधिकारियों को एक दिशा निर्देश जारी किया है। इस दिशा निर्देश पत्र में कहा गया है कि सम्यक विचार करने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है कि यदि किसी सरकारी सेवक के विरूद्ध की गई शिकायत को यह कहते हुए वापस लिया जाता है कि दुर्भावना से प्रेरित होकर या किसी के बहकावे में आकर की थी, तो उसे वापस नहीं लिया जा सकेगा।

विधि सम्मत की जाएगी कार्रवाई

जो भी व्यक्ति ऐसी शिकायत दर्ज कराता है उस व्यक्ति के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही गलत शपथ पत्र दायर करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। विशेष कार्य पदाधिकारी ने अपने पत्र में कहा है कि सरकार के इस संकल्प का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाए, ताकि भविष्य में किसी सरकारी सेवकों को ब्लैकमेल या परेशान करने की नीयत से इस प्रकार की झूठी शिकायत दर्ज कराने से पहले लोग पहले एक बार विचार करें।

क्यों लिया गया ये फैसला?

असल में यह निर्णय मुख्य सचिव के एक निर्देश के बाद लिया गया। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सरकारी सेवकों के खिलाफ बढ़ते झूठे मामलों, शिकायतों को देखते हुए प्राप्त बेनामी एवं छद्मनामी परिवाद पत्रों पर कार्रवाई के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया था। मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा था कि भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। निगरानी विभाग को जन प्रतिनिधि एवं आम जनता से सरकारी सेवकों के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतें परिवाद पत्र प्राप्त होते हैं।

इन पत्रों में दर्ज शिकायत पर नियमों के तहत कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन बहुत से मामले ऐसे भी हैं जिनमें लोक सेवकों के खिलाफ झूठी शिकायत आती है। सह परंपरा ठीक नहीं है। इससे आधारहीन आरोप लगाने की प्रवृति को बल मिलेगा और सरकारी सेवकों के ब्लैकमेल होने की आशंका भी बनी रहेगी। मुख्य सचिव के दिए गए दिशा निर्देश के बाद निगरानी ब्यूरो ने इस दिशा में निर्देश जारी कर दिए हैं।

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