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DIG अनुसूया के खि‍लाफ शिकायतें बढ़ीं.. होमगार्ड जवानों का आरोप- चावल-मुर्गा मंगाया, एक को उनके कुत्‍ते ने काटा

DIG Anusuya डीआईजी अनुसूया रणसिंह साहू का गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवा से तबादला जरूर हो गया है मगर विवादों का साथ नहीं छूट रहा है। गुरुवार को डीआईजी के साथ काम करने वाले होमगार्ड जवानों ने प्रताड़ना के आरोप लगाते हुए मदद की गुहार लगाई है। आरोप है कि गलती होने पर मुर्गा और चावल खरीदकर लाने का दंड दिया जाता था।

By Edited By: Prateek JainUpdated: Fri, 22 Sep 2023 02:09 AM (IST)
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DIG अनुसूया के खि‍लाफ शिकायतें बढ़ीं.. होमगार्ड जवानों का आरोप- चावल-मुर्गा मंगाया, एक को उनके कुत्‍ते ने काटा

Patna News: राज्य ब्यूरो, पटना: डीआईजी अनुसूया रणसिंह साहू का गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवा से तबादला जरूर हो गया है, मगर विवादों का साथ नहीं छूट रहा है।

गुरुवार को डीआईजी के साथ काम करने वाले होमगार्ड जवानों ने प्रताड़ना के आरोप लगाते हुए मदद की गुहार लगाई है। आरोप है कि गलती होने पर मुर्गा और चावल खरीदकर लाने का दंड दिया जाता था।

खराब खाना बनाने पर जवान पर तीन बार जुर्माना 

होमगार्ड जवानों ने गृह रक्षा वाहिनी मुख्यालय में समादेष्टा को इससे जुड़ा शिकायती आवेदन लिखकर मदद की गुहार लगाई है।

डीआईजी के आवास पर खाना बनाने वाले होमगार्ड जवान सूर्य देव कुमार ने कमांडेंट को लिखे आवेदन में आरोप लगाया है कि खराब खाना बनाने के नाम जवान को तीन बार जुर्माना भरना पड़ा है।

सबसे पहले 20 अगस्त को शीशे का कटोरा खरीद कर देना पड़ा। इसके अलावा दस सितंबर को मुर्गा और 17 सितंबर को इंडिया गेट का चावल दंड स्वरूप खरीद कर देना पड़ा।

DIG के कुत्‍ते ने जवान को किया घायल

दूसरा आवेदन होमगार्ड जवान संजीव कुमार राय ने लिखा है। इसमें कहा गया है कि तत्कालीन डीआईजी अपने साथ हमेशा कुत्ता लेकर कार्यालय आती थीं। एक बार कुत्ते ने उसे घायल कर दिया।

इसकी शिकायत करने पर डीआईजी ने नौकरी से बर्खास्त करने की चेतावनी दी थी। दोनों जवानों ने डीआईजी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए उनके यहां से विरमित करने की मांग की है।

आईजी ने भी डीजी को भेजा था गोपनीय पत्र

डीआईजी अनुसूया रणसिंह साहू के व्यवहार को लेकर गृह रक्षा वाहिनी के आईजी सुनील कुमार नायक ने भी डीजी शोभा ओहटकर को गोपनीय पत्र लिखकर शिकायत की थी।

आईजी ने 25 अगस्त को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि तत्कालीन डीआईजी का व्यवहार काफी अमर्यादित और अशिष्ट रहा है।

डीआईजी डीजी के बारे में भी अमर्यादित शब्दों का प्रयोग कार्यालय में करती थीं। वरीय अधिकारियों को भी गलत शिकायत कर फंसाने की धमकी देती थीं।

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