Move to Jagran APP

बिहार में कांग्रेस 'नौ' की नैया कैसे लगाएगी पार, सीटें मांग तो लीं पर बड़ा संकट खड़ा करेंगे 'उम्मीदवार'

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल दलों ने अपनी सीटों की मांग करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने भी नौ सीटों पर चुनाव लड्ने की मांग रखी है। ऐसे में पहले तो कांग्रेस को नौ सीटें मिलेंगी इस बात पर ही संदेह है। मिल भी जाएं तो इतने उम्मीदवारों को जुटाने में ही पार्टी परेशान हो जाएगी।

By Arun AsheshEdited By: Deepti MishraUpdated: Thu, 14 Sep 2023 03:26 PM (IST)
Hero Image
बिहार में कांग्रेस के सामने ये बड़ा संकट। फोटो प्रतीकात्‍मक
राज्य ब्यूरो, पटना: बिहार में कांग्रेस पार्टी I.N.D.I.A गठबंधन से लोकसभा की नौ सीटें मांग रही हैं। अव्वल तो इतनी सीटें उसे मिलेंगी, इस पर संदेह है। मिल भी जाएं तो इतने उम्मीदवारों को जुटाने में ही पार्टी परेशान हो जाएगी। साल 2019 में उसे नौ सीटें मिली थीं तो चार उम्‍मीदवार बाहर से लेने पड़े थे। इनमें से तीन अब पार्टी में सक्रिय नहीं हैं।

पुरानी कांग्रेसी रंजीता रंजन राज्यसभा की सदस्य बन गई हैं। उनका कार्यकाल 2028 तक है। राज्यसभा का कार्यकाल रहने के बावजूद लोकसभा चुनाव लड़ने के कई उदाहरण हैं। इसलिए उनके रंजीता रंजन के भी चुनाव लड़ने की संभावना बनी हुई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह के रूप में पार्टी को एक मजबूत उम्मीदवार मिल सकता है। डॉ. सिंह अभी राज्यसभा सदस्य हैं। वहां उनका कार्यकाल अगले साल के दो अप्रैल तक है। वह पूर्वी चंपारण से एक बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। मुजफ्फरपुर से भी लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ. सिंह के पुत्र आकाश पूर्वी चंपारण से महागठबंधन के उम्मीदवार थे। कांग्रेस इस सीट पर अब भी दावा कर रही है। नौ में से एक किशनगंज पर कांग्रेस के मो. जावेद की जीत हुई थी। उनका वहां से चुनाव लड़ना तय है।

यह भी पढ़ें - लालू-नीतीश के करीबी राधाचरण सेठ पर ED की कार्रवाई तेज, गिरफ्तारी के बाद आज कोर्ट में होगी पेशी

चार उम्मीदवार दूसरी पार्टियों से आए

साल 2019 में कांग्रेस ने दूसरे दलों से चार उम्मीदवारों को पार्टी में शामिल किया था। भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब से उम्मीदवार बने थे। भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थामने वाले पूर्व सांसद उदय कुमार सिंह को पार्टी ने पूर्णिया से उम्मीदवार बनाया था। चुनाव में हार के बाद ये दोनों कांग्रेस कार्यालय में कभी नजर नहीं आए।

मुंगेर लोकसभा सीट से उम्मीदवार रहीं नीलम देवी अब मोकामा से राजद की विधायक हैं। उनकी कांग्रेस में वापसी संभव नहीं है। राकांपा से आए तारिक अनवर अभी पार्टी में बड़े पद पर हैं। वह कटिहार से उम्मीदवार थे। इस बार भी उनका दावा है।

यह भी पढ़ें- ED की बड़ी कार्रवाई: नीतीश की पार्टी के एक MLC गिरफ्तार, टीम के हाथ लगी एक डायरी; जिससे खुल सकते हैं कई राज

समस्तीपुर से डॉ. अशोक कुमार, बाल्मीकि नगर से शाश्वत केदार एवं सासाराम से मीरा कुमार अभी कांग्रेस में हैं। ये तीनों चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। वैसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का हरेक कार्यकर्ता स्वयं को किसी भी चुनाव के लिए सक्षम मानता है। चुनाव मैदान में कूद भी पड़ते हैं, लेकिन चुनाव का परिणाम उन्हें हतोत्साहित ही करता है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।