कांग्रेस नेताओं को पता नहीं कि किस किसान ने बिल के खिलाफ किया हस्ताक्षर, पूछने पर मिले रोचक जवाब
बिहार कांग्रेस के पास किसान बिल के खिलाफ किस ने हस्ताक्षर किए इसकी जानकारी नहीं है। नेताओं के बयान भी अलग-अलग हैैं। प्रदेश प्रवक्ता से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता तक को ठीक से याद नहीं कि प्रदेश में अभियान कब से कब तक चला?
By Akshay PandeyEdited By: Updated: Sun, 27 Dec 2020 08:04 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना: कांग्रेस ने नए कृषि कानून के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाकर दो करोड़ हस्ताक्षर कराने का दावा किया है, लेकिन बिहार कांग्रेस के पास इसके बारे में सही-सही जानकारी नहीं है। प्रमुख नेताओं के बयान भी अलग-अलग हैैं। प्रदेश प्रवक्ता से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता तक को ठीक से याद नहीं कि प्रदेश में अभियान कब से कब तक चला? कितने हस्ताक्षर हुए? यह भी नहीं मालूम कि हस्ताक्षरों का बंडल लेकर दिल्ली कौन गया और किसे सौंपा? हालांकि शीर्ष के एक-दो नेताओं ने इतना दावा जरूर किया कि अभियान जरूर चला होगा।
सबके अलग-अलग जवाब
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं मदन मोहन झा। उनका जवाब था कि बिहार में कुछ समय पहले हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ किया गया था। मगर बीच में विधानसभा चुनाव आ गया, जिसकी वजह से अभियान की गति धीमी पड़ गई थी। इसके आगे और इससे ज्यादा उन्हें कुछ नहीं पता। यह भी याद नहीं कि अभियान शुरू और खत्म होने की तारीख क्या थी। विस्तृत जानकारी के लिए प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश प्रवक्ता से पूछने की अनुशंसा कर दी। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा का जवाब और रोचक निकला। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में ऐसा कोई अभियान नहीं चला है। रविवार को पार्टी का स्थापना दिवस मनाया जाना है। इस दौरान किसानों के मसले पर भी चर्चा होगी। जरूरत पड़ी तो हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा।
हस्ताक्षर का बंडल लेकर दिल्ली कौन गया और कब गया?
कांग्रेस के मीडिया पैनल के सदस्य एवं विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा के अनुसार हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था। कुछ हस्ताक्षर भी जुटा लिए गए थे, जिन्हेंं पार्टी आलाकमान को भेज दिया गया है। हालांकि उन्हें पता ही नहीं कि हस्ताक्षर का बंडल लेकर दिल्ली कौन गया और कब गया? प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर से जब पूछा गया तो उन्होंने दावा किया कि हस्ताक्षर अभियान लंबे समय से चल रहा था परंतु तारीख या महीना याद नहीं। हस्ताक्षर की गठरी के बारे में भी उन्हें कुछ खास नहीं पता। यह भी नहीं जानते कि कितने लोगों ने हस्ताक्षर किया और कब किया। जोर देने पर इतना जरूर बताया कि पता करके बताता हूं।
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