Congress President: बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा? आलाकमान की मानसिकता से बाहर नहीं आ रही पार्टी
Congress President बिहार कांग्रेस अध्यक्ष के लिए पार्टी के अंदर चुनाव की बात आए तो बहुतेरे नेता पीछे भी भागते हैं। प्रदेश स्तर के बड़े नेता वर्षो बाद भी आलाकमान की मानसिकता से बाहर नहीं आए पाए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Akshay PandeyUpdated: Thu, 20 Oct 2022 07:34 PM (IST)
सुनील राज, पटना : नेता चुनाव को भले ही लोकतंत्र की खूबसूरती बताएं। दावें करें कि चुनाव प्रक्रिया से पार्टी में जमीनी नेताओं को भी आगे आने का मौका मिलता है। लेकिन जब पार्टी के अंदर चुनाव की बात आए तो बहुतेरे नेता पीछे भी भागते हैं। बिहार कांग्रेस में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है। पार्टी के प्रदेश स्तर के बड़े नेता वर्षो बाद भी आलाकमान की मानसिकता से बाहर नहीं आए पाए हैं। लेकिन इन्हीं में कुछ ऐसे भी हैं जो मानते हैं संगठन के चुनाव प्राधिकार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के चुनाव पर विचार करना चाहिए।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान बिहार के बड़े-बड़े नेता दावे करते दिखे कि कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जहां आज भी लोकतंत्र जिन्दा है। जहां आज भी दलित समुदाय से आने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव होने के बाद अब कई प्रदेशों में कांग्रेस अध्यक्ष भी बदले जाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष का फैसला आलाकमान करे या इनका भी चयन चुनाव प्रक्रिया से हो इस पर प्रदेश स्तर के नेताओं की अलग-अलग राय है।
फिलहाल चुनाव की कोई बात नहीं
बिहार कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष मदन मोहन झा कहते हैं कि पार्टी के प्रदेश डेलीगेट्स ने आलाकमान को प्रदेश अध्यक्ष के मनोनयन के लिए अधिकृत कर दिया है। फिलहाल चुनाव की कोई बात नहीं है। अब तक तो यही व्यवस्था रही है। कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी कहते हैं प्रदेश स्तर पर चुनाव कराए गए तो बहुत लंबा समय लगेगा। कांग्रेस में बूथ से लेकर मुख्यालय तक में संगठन और पदधारी होते हैं। बारी-बारी से सबके चुनाव कराए गए तो वर्षो लग जाएंगे।चुनाव प्राधिकार करे विचार
पार्टी के दूसरे कार्यकारी अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह धीरज कहते हैं कि डेलीगेट का चयन चुनाव से होता है। डेलीगेट्स ही राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रदेश अध्यक्ष के चयन का अधिकार देते हैं। वैसी स्थिति में प्रदेश में जो अध्यक्ष बनता है वह तो डेलीगेट के समर्थन से ही बनता है। यह भी एक प्रकार का चुनाव ही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा कहते हैं कि चुनाव तो आदर्श स्थिति है चुनाव प्राधिकार इस पर विचार कर सकता है। वहीं मीडिया विभाग के अध्यक्ष राजेश राठौड़ और असितनाथ तिवारी कहते हैं कि चुनाव लोकतंत्र ही खूबसूरती है। लेकिन पार्टी की बनी बनाई परंपरा है। फैसला तो आलाकमान को करना है।
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