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बिहार में NDA सरकार गिराने की हुई थी साजिश, BJP-JDU विधायकों की हॉर्स-ट्रेडिंग मामले पर EOU का बड़ा खुलासा

Bihar Horse Trading बिहार में राजग सरकार के विश्वासमत से पहले विधायकों को मंत्री पद और 10-10 करोड़ रुपये के प्रलोभन देकर महागठबंधन में शामिल करने के आरोपों की जांच में ईओयू ने अपनी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है। जांच में दिल्ली उत्तर प्रदेश झारखंड और नेपाल से विधायकों को पैसे का प्रलोभन दिए जाने के साक्ष्य मिले हैं।

By Rajat Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 07 Oct 2024 08:42 PM (IST)
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ईओयू ने हार्स ट्रेडिंग मामले पर अपनी प्रारंभिक जांच पूरी की। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। राजग सरकार के विश्वासमत से पहले फरवरी में एनडीए विधायकों को मंत्री पद और दस-दस करोड़ रुपये का प्रलोभन देकर महागठबंधन के पाले में लाने के आरोपों की जांच में अवैध रूप से वित्तीय लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं।

मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अपनी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है। इसमें दिल्ली, उत्तरप्रदेश, झारखंड और नेपाल से विधायकों को पैसे का प्रलोभन दिए जाने की बात सामने आई है।

महागठबंधन की सरकार बनने पर समर्थन देने वाले विधायकों को अवैध धन उपलब्ध कराना था। इस वित्तीय लेन-देन और मनी लांड्रिंग की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के स्तर से भी की जा रही है।

ईओयू के डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि इस मामले में दो बिंदुओं पर जांच हो रही है। ईओयू आपराधिक साजिश के बिंदु पर जांच में जुटी है। वहीं, ईडी वित्तीय लेन-देन और मनी लांड्रिंग के बिंदुओं पर साक्ष्य जुटा रही है।

उन्होंने बताया कि ईओयू की प्रारंभिक जांच में वित्तीय लेन-देन की जानकारी मिली है, जिसकी अग्रतर जांच चल रही है। अभी बहुत सी चीजें प्रारंभिक स्तर पर हैं। कई बिंदुओं पर अनुसंधान किया जाना बाकी है। बहुत लोगों की गवाही होनी भी बाकी है।

JDU विधायक ने फरवरी में दर्ज कराई थी FIR

विधायकों की खरीद मामले में मधुबनी के हरलाखी से जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने 11 फरवरी को पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए करीब एक सप्ताह बाद इसकी जांच ईओयू को दे दी गई थी। इसमें पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) रैंक के अफसर को अनुसंधान पदाधिकारी (आइओ) बनाया गया था।

सुधांशु ने जदयू विधायक डा संजीव और राजद से जुड़े ई सुनील कुमार पर अपने सहयोगियों के माध्यम से विधायक बीमा भारती और दिलीप राय को डरा-धमकाकर अपहरण करने की शिकायत भी दर्ज कराई थी, ताकि दोनों महागठबंधन के पक्ष में मतदान कर सकें।

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