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पटना AIIMS में इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित महिला ने तोड़ा दम, चौथी लहर की आशंका के बीच प्रदेश में पहली मौत

Coronavirus in Bihar स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 21 दिसंबर के बाद से हर दिन कमोवेश 2100 लोगों की कोरोना जांच हो रही है। सोमवार को जिले में एंटीजन से 1200 और RT-PCR से 986 लोगों की जांच की गई। एयरपोर्ट और पटना जंक्शन पर भी स्क्रीनिंग की गई।

By Pawan MishraEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Tue, 03 Jan 2023 07:55 AM (IST)
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पटना AIIMS में इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित महिला की मौत
पटना, जागरण संवाददाता। पटना एम्स में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला की इलाज के क्रम में मौत हो गई। आशंकित चौथी लहर के बीच कोरोना से प्रदेश में यह पहली मौत है। एम्स पटना के कोरोना नोडल प्रभारी डा. संजीव कुमार ने बताया कि 54 वर्षीय संक्रमित महिला कैंसर रोग से ग्रसित थीं। वे भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड के मुरुद्दीनपुर से महावीर कैंसर संस्थान इलाज कराने आई थीं। जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद महावीर कैंसर संस्थान से 30 दिसंबर को एम्स रेफर किया गया था। एक जनवरी की देरशाम उनकी इलाज के क्रम में मौत हो गई। वर्तमान में जिले में दो और कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में रहकर अपना उपचार करा रहे हैं।

13 दिन, 26 हजार से अधिक जांच, जिले में कोई पाजिटिव नहीं 

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 21 दिसंबर के बाद से हर दिन कमोवेश 2100 लोगों की कोरोना जांच हो रही है। सोमवार को जिले में एंटीजन से 1200 और आरटी-पीसीआर से 986 लोगों की जांच की गई। एयरपोर्ट पर 17 और पटना जंक्शन पर 48 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। 13 दिन में 26 हजार से अधिक लोगों की जांच में जिले में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला है।

बाहर से आने वाले यात्रियों की सघन जांच जरूरी 

गत तीनों लहर में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की शुरुआत विदेश या दूसरे ज्यादा प्रभावित राज्यों से आए लोगों से हुई थी। विशेषज्ञों के अनुसार अभी जब प्रदेश में कोरोना के मामले न के बराबर हैं, स्वास्थ्य विभाग को स्टेशन, एयरपोर्ट या अन्य माध्यम से बाहर से आए लोगों की कोरोना जांच कराने में लगानी चाहिए। यदि कोरोना संक्रमित प्रदेश में खुले घूम नहीं पाएंगे तो चाैथी लहर भी नहीं आएगी। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बाहर से आने वाले हर रोगी तो दूर सभी आशंकितों की जांच को भी जटिल कार्य मान रहे हैं। उनका कहना है कि कोई भी यात्री कोरोना जांच नहीं कराना चाहता है।

कब और क्यों पहनें मास्क, लाेगों को नहीं जानकारी 

न्यू गार्डिनर रोड की ओपीडी में आए अधिकतर मरीज मास्क तो नहीं ही लगाए थे, उन्हें अभी इसे लगाने का फायदा तक नहीं पता था। डा. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रदूषण को देखते हुए सांस रोगियों के साथ बेहतर होगा कि स्वस्थ लोग भी मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें। इसके अलावा यदि आपके आसपास किसी को सर्दी-खांसी है तो मास्क पहन कर रहने से आप सुरक्षित रहेंगे। इसके अलावा किसी भी अंजान व्यक्ति के काफी करीब जाकर बैठना या बात करने की जरूरत हो तो मास्क पहनना सेहत के दृष्टिकोण से बेहतर है।

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