CoronaVirus: इन डॉक्टरों की गुहार, सुनिए सरकार- HIV किट से कैसे करें कोरोना का इलाज
कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ जारी जंग में जहां एक तरफ पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है। वहीं पटना के अस्पताल में कोरोना के संक्रमित मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर नाराज हैं।
By Kajal KumariEdited By: Updated: Thu, 26 Mar 2020 08:38 AM (IST)
पटना, काजल। कोरोना के खिलाफ चल रही जंग को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है। वहीं बिहार में अबतक कोरोना के चार पॉजिटिव मामले मिले हैं, जिनमें से एक मरीज की मौत हो चुकी है। इसके बाद बिहार सरकार ने कोरोना के संक्रमण के मद्देनजर एहतियातन कई सख्त कदम उठाए हैं। एक तरफ जहां पूरे बिहार में लॉकडाउन को लेकर पुलिस की टीम अपना काम मुस्तैदी से कर रही है, वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर भी संकट की घड़ी में मुस्तैदी से अपने कर्तव्य का निर्वहण करने में लगे हैं।
डॉक्टरों के भरोसे ही आज राज्य का हर एक नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है, लेकिन जब डॉक्टर ही जब सुरक्षित ना हों तो बिहार कोरोना के खिलाफ कैसे जंग जीत सकेगा? डॉक्टर सोशल मीडिया पर अपने असुरक्षित होने की बात बता रहे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि वे मरीज का इलाज कैसे कर सकेंगे? पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) तथा कोरोना अस्पताल घोषित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) में तो कोरोना से बचाव के सेफ्टी किट ही उपलब्ध नहीं हैं। वे एचआइवी किट के सहारे इलाज कर रहे हैं।
पटना के पीएमसीएच की एक डॉक्टर ने फेसबुक के जरिए सरकार से गुहार लगाई है और कहा है कि अगर अस्पताल में कोरोना के लिए पीपीई किट के बदले हमें अगर आप एचआइवी किट देंगे तो हम कैसे इस बीमारी से खुद को सुरक्षित रख सकेंगे और कैसे किसी मरीज का इलाज कर सकेंगे।#बिहार पटना pmch nmch के doctors ने कहा बिना ppe kit के कैसे करें corona का इलाज, ये मिला जवाब#coronavirusindia #Bihar pic.twitter.com/cJDpqZPw84
— kajal lall (@lallkajal) March 25, 2020
पीएमसीएच की रेसिडेंट डॉक्टर बिनीता चौधरी ने ये पोस्ट लिखा है और अपनी व्यथा सुनाई है। उन्होंने लिखा है कि सुसाइड स्क्वॉड # इमरजेंसी में काम कर रहा है @ पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल, बिहार .. हमें पीपीई की जगह hiv किट दी जा रही है। इससे हम कोरोना के रोगी का इलाज करने जा रहे हैं !! यह वास्तव में एक आत्महत्या है जिसे हमने खुद के लिए चुना है। एक बार जब हम संक्रमित हो जाते हैं, तो हम दूसरों को भी संक्रमित कर देंगे .. कोई सुविधाएं नहीं, कोई उपकरण नहीं, कोई प्रक्षेपास्त्र नहीं खाली बोतलों से अधिक, जैसा कि आप तस्वीर में देख सकते हैं !!
जहां चिकित्सा अधीक्षक अपने दोपहर के भोजन के लिए बिहार के सीएम के साथ अधिक चिंतित हैं, तो हमें लगता है कि हम पर एफआईआर की धमकी दी जा रही है यदि हम इस स्थिति में ड्यूटी करने से इनकार करते हैं, तो अपना काम करते हुए खुशी से आत्महत्या कर लेते।तो वहीं, नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की एक जूनियर डॉक्टर ने दैनिक जागरण को फोन पर बताया कि हमारे अस्पताल को कोरोना अस्पताल घोषित कर दिया गया है, लेकिन इस अस्पताल में कोई सुविधा अबतक नहीं दी गई है। हमारे पास पीपीई किट नहीं है और हमने जब इसकी मांग की तो अजीबोगरीब बात कही गई कि आप पॉजिटिव मरीज का इलाज नहीं कर रहे हैं तो आपको किट की चिंता क्यों है?
डॉक्टर ने चिंता जाहिर करते हुए बताया कि जब कोई मरीज जांच के लिए आता है, माना कि उसे सर्दी-जुकाम फ्लू ही हुआ है, पर किसी के चेहरे पर तो लिखा नहीं है कि वो कोरोना पॉजिटिव है या नहीं। हमारी पहली जिम्मेदारी बनती है कि उसकी जांच करें। उसका इलाज करें। हम डॉक्टर हैं और हम अपना कर्तव्य निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन अगर किसी योद्धा को बिना हथियार के युद्ध के मैदान में भेज देंगे तो वो कैसे लड़ाई लड़ेगा?
उन्होंने कहा कि हमारी इतनी मांग है कि हमें किट मुहैया करायी जाए, क्योंकि हम भी इंसान हैं और हम भी कोरोना से संक्रमित हो सकतेे हैं। अस्पताल की जो बुनियादी जरूरते हैं उनपर ध्यान दिया जाए।जूनियर डॉक्टर ने बताया कि हमने अस्पताल प्रबंधन से मांग भी की है कि हमें भी क्वारेंटाइन की अनुमति दी जानी चाहिए। इस संबंध में डॉक्टर्स एसोसिएशन ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भी लिखा है।
बता दें कि पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल को कोरोना अस्पताल बना दिया गया है। बिहार में कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी।एनएमसीएच में सिर्फ कोरोना संदिग्ध और इस बीमारी से पीड़ित मरीजों का ही इलाज होगा। अस्पताल में भर्ती दूसरे मरीजों को इलाज के लिए पटना के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में शिफ्ट किया जाएगा। सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के साथ बैठक करने के बाद यह फैसला लिया गया है। मंगलवार शाम से ही फैसले को लागू कर दिया गया है।
इसके बाद पीएमसीएच और एनएमसीएच के डॉक्टरों की इस गुहार पर स्वास्थ्य विभाग को ध्यान देना चाहिए।कोरोना से बिहार में एक मौत, दो पॉजिटिवबिहार में कोरोनावायरस की पहली खबर मौत से आई। रविवार को एम्स में इस बीमारी से एक युवक की मौत हो गई थी। दो मरीज की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। रविवार को भी 127 लोगों की रिपोर्ट आई जिसमें सभी निगेटिव हैं।31 मार्च तक लॉकडाउन करने का फैसला
बता दें कि कोरोनावायरस को लेकर बिहार सरकार ने 31 मार्च तक राज्य को लॉकडाउन करने का फैसला किया है। हालांकि, डेयरी, दवा दुकान और राशन की दुकानें खुली रहेंगी। आम लोगों को घर में बंद रहने का आदेश दिया गया है। लोग सिर्फ जरूरी काम से ही घर से निकल सकेंगे।
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