Bihar Politics: महागठबंधन का गिरा एक और विकेट, चली गई इस MLA की विधानसभा सदस्यता; जानें क्या है पूरा मामला
हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल की सदस्यता बिहार विधानसभा ने रद्द कर दी है। एमपी/एमएलए कोर्ट ने मनोज मंजिल को भोजपुर के बड़गांव में घटित किसान जय प्रकाश सिंह हत्याकांड में दोषी पाया था। कोर्ट ने इस मामले में विधायक मनोज मंजिल समेत 23 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
राज्य ब्यूरो, पटना। भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई है। वे भोजपुर जिला के अगिआंव विधानसभा क्षेत्र से 2020 में निर्वाचित हुए थे। विधानसभा सचिवालय ने शुक्रवार को इससे जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी है।
सचिव राज कुमार के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना के अनुसार आरा स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट ने मनोज मंजिल पर लगे आरोपों को सिद्ध माना।
क्या कहता है नियम?
उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम एवं संविधानिक प्रविधानों के अनुसार दो साल या उससे अधिक की सजा पाया कोई व्यक्ति किसी सदन का सदस्य नहीं रह सकता है।
अधिसूचना की प्रति निर्वाचन आयोग को भी दी गई है। मंजिल की सदस्यता समाप्त होने के बाद विधानसभा में भाकपा माले के सदस्यों की संख्या 11 रह गई है।
ये है पूरा मामला
भोजपुर जिले के बड़गांव गांव में घटित किसान जय प्रकाश सिंह हत्याकांड में एमपी/एमएलए कोर्ट ने अगिआंव से भाकपा-माले विधायक मनोज मंजिल समेत 23 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट के इस फैसले के बाद विधायक मनोज मंजिल समेत सभी दोषियों को कस्टडी में ले लिया गया है।
नौ साल पहले हुई थी किसान की निर्मम हत्या
20 अगस्त 2015 के दिन बड़गांव में माले नेता सतीश यादव की हत्या के बाद जेपी सिंह की हत्या कर दी गई थी। जेपी सिंह का शव एक नहर के किनारे पड़ा मिला था। इस मामले में जेपी सिंह के बेटे ने 23 नामजदों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी।
कोर्ट में लंबे समय से इस मामले का ट्रायल चल रहा था। सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने मंगलवार को सभी 23 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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