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Cyber crime: ठग हर दिन खाते से उड़ा रहे दो लाख, एप डाउनलोड करा के लगाते हैं चूना, पुलिस को नहीं मिल रहा सुराग

पटना में पिछले दस दिनों में सात थानों में 12 लोगों ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी के मामले दर्ज कराए हैं। इनके खातों में सेंध लगाकर शातिर करीब 20 लाख रुपए उड़ा चुके है।पुलिस गिरफ्तारी तो दूर गिरोह की पहचान तक नहीं कर सकी है।

By Jagran NewsEdited By: Deepti MishraUpdated: Mon, 27 Mar 2023 10:56 AM (IST)
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साइबर अपराधी हर दिन खाते से उड़ा रहे दो लाख, नहीं हो रही गिरफ्तारी।
 जागरण संवाददाता, पटना: साइबर अपराधी बिहार की राजधानी पटना में हर दिन दो लाख रुपये से अधिक की निकासी कर रहे है। पिछले दस दिनों में सात थानों में 12 लोगों ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी के मामले दर्ज कराए हैं। इनके बैंक खातों में सेंध लगाकर साइबर ठगों ने करीब 20 लाख रुपए उड़ा चुके है।

इस मामले में पीरबहोर, दीघा, कोतवाली, पत्रकार नगर, दीघा, रुपसपुर और एसके पुरी थाने में केस भी दर्ज है, लेकिन गिरफ्तारी तो दूर गिरोह की पहचान तक नहीं की जा सकी है।

एप और लिंक भेजकर खाते में लगा रहे सेंध

हाल के दिनों में सबसे अधिक मामले एप डाउनलोड कराकर और लिंक भेजकर खाते से रकम उड़ाने के सामने आए हैं। शातिर खाते से रकम ट्रांसफर करने के दस से बीस मिनट के भीतर ही खाते से निकासी कर ले रहे हैं। वहीं पुलिस की मानें तो साइबर ठग फर्जी नाम और पता पर खाता खोल रुपये ट्रांसफर कर निकासी कर रहे है। हाल ही में पत्रकार नगर और कंकड़बाग थाने की पुलिस एटीएम के बाहर साइबर ठगों को गिरफ्तार की थी, लेकिन गिरोह के सभी सदस्य पुलिस की पहुंच से दूर है।

हाल के दिनों में दर्ज मामले

22 और 23 मार्च को दीघा थाने में 12.50 लाख रुपये साइबर ठगी का केस किया गया। 15 मार्च को पीरबहोर थाने में 52 हजार निकासी और 22 मार्च को मो. आरिफ और मारिया के खाते से 98 हजार व 39 हजार रुपये निकासी का मामला सामने आया। 17 मार्च को एसकेपुरी में 53 हजार रुपये, 20 मार्च को रूपसपुर में 1.5 लाख रुपये, 21 मार्च को पत्रकार नगर में 60 हजार और 1.50 लाख रुपये की निकासी का मामला दर्ज हुआ। इसी तरह पाटलिपुत्र थाना और कोतवाली थाने में दो केस दर्ज हुआ है।

दो साल में 4 हजार से अधिक मामले

साइबर अपराध के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। आर्थिक अपराध इकाई द्वारा बिहार में वर्ष 2021 में जहां 1560 केस दर्ज किए गए तो वहीं वर्ष 2022 में बढ़कर 24 सौ से अधिक हो गए। पटना में सबसे अधिक साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे है। शहरी क्षेत्र में 30 हजार से दो से पांच लाख रुपये की निकासी के मामले में हर दो चार दिन में थानों में दर्ज हो रहे है। छानबीन में पता चला कि साइबर अपराधी पटना, नालंदा, गया, शेखपुरा और जमुई जिला को अपना गढ़ बना लिया है। इसके साथ ही बेतिया, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर और मधुबनी में सक्रिय होते जा रहे हैं।

अज्ञात प्रेषकों द्वारा भेजे गए किसी भी ई-मेल के अटैचमेंट डाउनलोड न करें। फिशिंग लिंक के माध्यम से जालसाज द्वारा नकली वेबसाइट, टेक्स्ट मैसेज, ईमेल के लिंक पर क्लिक कराकर गोपनीय जानकारी प्राप्त कर ठगी का शिकार बनाते है। ऐसे में लुभावने ऑफर वाले ऐसे किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें और न ही ओटीपी साझा करें। बायोमीट्रिक क्लोनिंग करके वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है, ऐसे में इस अविश्वसनीय जगह से इसे साझा न करें।

किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या संस्थान को आधार का ओटीपी शेयर न करें। बायोमेट्रिक प्रिंटस का काम हो जाने के बाद इसे लॉक कर दें। इस बात का भी ध्यान दें कि क्यूआर कोड का स्कैन पैसे भेजने के लिए किया जाता है। अनजान एप डाउनलोड करने से बचें।

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