Bihar Cyber Crime : साइबर ठगी में नंबर 1 है ये जिला, बिहार में चार साल में 399 करोड़ का लगा चूना
Bihar Cyber Fraud बिहार में साइबर क्राइम के मामलों को लेकर बीते चार साल के आंकड़े सामने आए हैं। नोडल एजेंसी की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक इतने सालों में 399 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हुई है। वहीं 42 करोड़ रुपये होल्ड कराए गए हैं। इस रिपोर्ट में आप देख सकते हैं कि कौन सा जिला साइबर क्राइम के मामले में किस पायदान पर है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Cyber Fraud : बिहार में वर्ष 2020 से मार्च 2024 तक ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी (साइबर ठगी) की 70 हजार 166 शिकायतें दर्ज की गई हैं।
इस दौरान करीब 399.18 करोड़ रुपये की ठगी के मामले सामने आए हैं, जिसमें 42.12 करोड़ की राशि को होल्ड कराया गया है।यानी ठगी की 10.55 प्रतिशत राशि साइबर अपराधियों के पास जाने से पहले ही बैंकों से संपर्क कर खाते में ही रोक दी गई है।
साइबर अपराध के विरुद्ध कार्रवाई की नोडल एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की तिमाही रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में कार्रवाई के मामले में नालंदा जिला सबसे आगे हैं।वहीं, पटना दूसरे, सहरसा तीसरे, औरंगाबाद चौथे और गोपालगंज पांचवें स्थान पर है। ईओयू ने साइबर अपराध के विरुद्ध कार्रवाई की गति बढ़ाने को लेकर इस साल जनवरी से मार्च तक नेशनल साइबर क्राइम रिकार्डिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा की है। इसके आधार पर जिलों की रैंकिंग तय की गई है।
ठगी की राशि लौटाने में औरंगाबाद सबसे आगे
साइबर ठगों से बचाकर होल्ड कराई गई राशि को वापस पीड़ितों को लौटाने के मामले में औरंगाबाद सबसे आगे है। इसके बाद नालंदा दूसरे, लखीसराय तीसरे, जहानाबाद चौथे और अररिया पांचवें स्थान पर है।प्राथमिकी दर्ज करने के मानक पर सारण पहले स्थान पर है। इसके बाद क्रमश: नालंदा, शेखपुरा, गोपालगंज और गया का प्रदर्शन बेहतर है।वहीं, साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के मामले में नालंदा का प्रदर्शन सबसे अच्छा है। इसके बाद क्रमश: सीतामढ़ी, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और औरंगाबाद का स्थान है।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।जून में शुरू हुए थे 44 साइबर थाने
राज्य में साइबर अपराध की बढ़ती संख्या को देखते हुए पिछले साल जून में सभी 40 पुलिस जिलों और चार रेल जिलाें में 44 साइबर पुलिस थानों की शुरुआत की गई थी।साइबर अपराध से पीड़ित कोई भी व्यक्ति सामान्य पुलिस थानों के साथ ही इन साइबर थानों में भी प्राथमिकी दर्ज करा सकता है।इसके साथ ही पीड़ित महिलाओं और बच्चों को डाक एवं ई-मेल से भी प्राथमिकी दर्ज कराने की सुविधा दी गई है। साइबर अपराध से जुड़े कांडों पर क्या कार्रवाई हुई, इसकी मासिक समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। यह भी पढ़ेंBihar Crime News : भोजपुर में बड़े भाई ने रिटायर्ड अभियंता छोटे भाई की गोली मारकर की हत्या, आरोपी गिरफ्तारBPSC Paper Leak Case : उज्जैन से गिरफ्तार पांच आरोपित भेजे गए जेल, रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अपील करेगी EOU