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बिहार के इस बड़े अस्पताल में 'सिलेंडर बम' का खतरा, शॉर्ट सर्किट से आग लगी तो मरीजों को बचाना होगा मुश्किल

NMCH पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर बम का खतरा मंडरा रहा है। यहां ऑक्सीजन और नाइट्रस ऑक्साइड के भरे सिलेंडर रखे हैं। बिजली के जर्जर तारों के बीच रखें सिलेंडरों में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की संभावना बनी हुई है। यदि आग लगी तो मरीजों को बचा पाना मुश्कल होगा। सक्शन मशीन मैनीफोल्ड कक्ष में ही लगी है।

By ahmed raza hasmi Edited By: Shashank Shekhar Updated: Tue, 28 May 2024 02:26 PM (IST)
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बिहार के इस बड़े अस्पताल में 'सिलेंडर बम' का खतरा (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) में ऑक्सीजन सिलेंडर बम का खतरा मंडरा रहा है। यहां के दो मैनीफोल्ड में ऑक्सीजन और नाइट्रस ऑक्साइड के भरे हुए सिलेंडर रखे हैं। बिजली के जर्जर तारों के बीच रखें दर्जनों सिलेंडरों में शॉट सर्किट से आग लगने की संभावना बनी हुई है।

खतरा उत्पन्न होने की स्थिति में आग पर नियंत्रण पाने के लिए अस्पताल में न तो फायर हाइड्रेंट की व्यवस्था है और न ही किसी मैनीफोल्ड कक्ष में अग्निशमन यंत्र लगा है। एनएमसीएच में तीन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट होने के बावजूद इन दोनों मैनीफोल्ड से ऑक्सीजन और नाइट्रस ऑक्साइड का वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में इस्तेमाल होता है।

मैनीफोल्ड कक्ष में ही सक्शन मशीन लगी है, जिसका इस्तेमाल लगातार होता रहता है। एनएमसीएच में शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी और वार्ड के पीछे स्थित इस मैनीफोल्ड में दर्जनों सिलेंडर असुरक्षित रखे हैं। बचाव के नाम पर यहां एक पानी का साधारण सा नल लगा है।

मैनीफोल्ड में दर्जनों ऑक्सीजन और नाइट्रस ऑक्साइड के सिलेंडर

इस मैनीफोल्ड से सटे प्रधानमंत्री जन औषधि की दुकान, सामने में अस्पताल की सेंट्रल इमरजेंसी और कुछ कदम की दूरी पर केंद्रीय रजिस्ट्रेशन काउंटर है। इन सभी जगहों पर हर समय मरीजों और स्वजनों की भीड़ लगी रहती है। शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी में जर्जर विद्युत वायरिंग के कारण भी शॉट सर्किट से आग लगने के खतरे की संभावना हर समय बनी रहती है।

इसी तरह स्त्री एवं प्रसूति विभाग के भूतल में स्थित मैनीफोल्ड में दर्जनों ऑक्सीजन और नाइट्रस ऑक्साइड के सिलेंडर लगे हैं। पुरानी वायरिंग के बीच यहां भी सक्शन मशीन लगी है। इस मैनीफोल्ड से ऑक्सीजन नाइट्रस ऑक्साइड और सक्शन मशीन का निरंतर इस्तेमाल इसी भवन में स्थित कई ओटी में किया जाता है। यहां की लापरवाह व्यवस्था से संभावित खतरों के बीच चिंता इस बात की है कि आग से बचाव के लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है। एक भी अग्निशमन यंत्र नहीं लगा है।

कर्मियों ने बताया कि बिजली की वायरिंग पुरानी होने के कारण शॉर्ट लगने की संभावना हर समय बनी रहती है। कई बार अस्पताल की वायरिंग में शॉट लगने से आग लग भी चुकी है।

क्या कहते हैं NMCH के उपाधीक्षक

अस्पताल में खरीदा गया करीब 600 सिलेंडर उपलब्ध है। लगभग 126 आक्सीजन सिलेंडर मैनीफोल्ड में लगा है। तीन आईएमओ होने के कारण इसका इस्तेमाल नहीं होता है। आग से सुरक्षा के लिए आवश्यक हाइड्रेंट अस्पताल में नहीं है। इसके लिए बीएमएसआईसीएल को कई बार लिखा जा चुका है।- डॉ. सरोज कुमार, उपाधीक्षक, एनएमसीएच

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