Chhote Sarkar Murder: 'यही है, ठोक दो..', वीडियो कॉल पर मिला 'छोटे सरकार' को मारने का आदेश; बेउर जेल से जुड़ रहे तार
Danapur Chhote Sarkar Murder Case दानापुर अनुमंडल कोर्ट में शुक्रवार को पेशी के दौरान बिहटा के सिकंदपुर निवासी कुख्यात अभिषेक उर्फ छोटे सरकार की हत्या कर मौके से गिरफ्तार समरजीत उर्फ सैम और तहसीन उर्फ एडी ने पुलिस की पूछताछ में कई राज उगले हैं।उन्हें बाप-बेटे गिरोह के सरगना मनोज सिंह और माणिक सिंह उर्फ बउआ ने सात लाख रुपये की सुपारी दी थी।
By Prashant KumarEdited By: Prateek JainUpdated: Sat, 16 Dec 2023 06:28 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पटना। दानापुर अनुमंडल कोर्ट में शुक्रवार को पेशी के दौरान बिहटा के सिकंदपुर निवासी कुख्यात अभिषेक उर्फ छोटे सरकार की हत्या कर मौके से गिरफ्तार समरजीत उर्फ सैम और तहसीन उर्फ एडी ने पुलिस की पूछताछ में कई राज उगले हैं।
उन्हें बाप-बेटे गिरोह के सरगना मनोज सिंह और माणिक सिंह उर्फ बउआ ने सात लाख रुपये की सुपारी दी थी। दो लाख रुपये एडवांस में दिए गए थे। साथ ही हथियार और मोबाइल फोन उपलब्ध कराया गया था। वारदात के समय उनके साथ दो अपराधी और थे, जिन्होंने पिस्टल दी थी। उनके पास ही मोबाइल था।
वह वीडियो कॉल पर किसी से जुड़ा था। अभिषेक मास्क लगाकर पहुंचा था। वीडियो कॉल पर दूसरी तरफ रहे बदमाश ने पहचान कराई और कहा, यही है, ठोक दो। इतना सुनते ही सैम और एडी आगे बढ़े। पिस्टल निकाली और गोली चलाने लगे।
पुलिस को यकीन है कि बेउर जेल से कोई शूटरों के संपर्क में था। फिलहाल, बाप-बेटा गिरोह के शातिर वीरू और उज्ज्वल जेल में बंद हैं। पुलिस का उन पर भी गहरा शक है।संभव है कि उनसे पूछताछ की जा सकती है। एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार शूटरों ने बाप-बेटा गिरोह का नाम लिया है। जैसे-जैसे कड़ियां जुड़ती जाएंगी, पुलिस उन पर कार्रवाई करेगी।
राजेंद्र नगर टर्मिनल के पास रुके थे शूटर
राजेंद्र नगर टर्मिनल के पास एक लाज में शूटरों को ठहराया गया था। वहां से उन्हें कैब से जेपी गंगा पथ के रास्ते दानापुर अनुमंडल कोर्ट पहुंचाया गया था। इससे पहले मनोज सिंह ने उनसे मुलाकात की थी। शूटरों को भागने में आसानी हो, इसके लिए कोर्ट के बाहर बाइक भी खड़ी की गई थी, उसका रजिस्ट्रेशन नंबर भी उन्हें बताया गया था।सूत्रों की मानें तो जांच में नवीन और मोनू नामक दो युवकों की होटल में ठहराने से लेकर हथियार उपलब्ध कराने तक में भूमिका सामने आई है। पुलिस उनकी पहचान करने में जुटी है। बताया जाता है कि मनोज सिंह कई मामलों में लंबे समय से फरार है, जबकि माणिक सिंह हाल में जमानत पर रिहा हुआ था।
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