Darbhanga AIIMS: आठ साल बीत गए, अब तक नहीं पड़ी दरभंगा एम्स की बुनियाद; जानिए कब-क्या हुआ?
मार्च 2023 में मंत्रिमंडल ने दरभंगा एम्स के लिए शेाभन-एकमी बाइपास के निकट डेढ़ सौ एकड़ जमीन आवंटित करने स्वीकृति दी। जमीन देने के साथ सरकार ने इसके विकास का प्रारूप भी बनाया। डेढ़ सौ एकड़ के अलावा और 39 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई। साथ ही इस 189.17 एकड़ जमीन में मिट्टी भराई इसे समतल करने के लिए 309 करोड़ रुपये भी दिए।
सुनील राज, पटना: दरभंगा एम्स की घोषणा दशक छूने के करीब पहुंच गई, लेकिन इतनी लंबी मियाद बीतने के बाद भी घोषणा महज घोषणा ही रही। जमीन पर उतर नहीं सकी।
नरेन्द्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान बजट पेश करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दरभंगा में एम्स की घोषणा की थी। पर आठ साल बीतने के बाद भी बिहार के लिए घोषित दूसरे एम्स की बुनियाद तक नहीं पड़ पाई है।
2015-16 में बजट में एम्स दरभंगा का प्रस्ताव स्वीकृत होने के करीब दो वर्ष बाद केंद्र ने दरभंगा के प्रस्तावित दूसरे एम्स के लिए तीन-चार विकल्प और फोर लेन रोड के साथ 200 एकड़ जमीन मुफ्त देने का अनुरोध राज्य सरकार से किया।
2019 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से दरभंगा में दूसरे एम्स की सहमति मांगी गई। नड्डा के बाद हर्षवर्धन स्वास्थ्य मंत्री बने जो उन्हें भी दरभंगा में दूसरे एम्स का प्रस्ताव दिया गया। पांच वर्षों की भाग-दौड़ के बाद 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार के लिए दूसरे एम्स को मंजूरी दी।
दूसरे एम्स का प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल को अपग्रेड कर एम्स बनाने का सुझाव दिया। डीएमसीएच की खाली जमीन का प्रस्ताव भी दिया गया। लेकिन, जमीन की जांच को आई केंद्रीय टीम ने इसमें कई समस्याएं गिनाकर प्रस्ताव खारिज कर दिया।
इसके बाद अशोक पेपर मिल की खाली पड़ी जमीन देने की बात भी केंद्र से कही गई, लेकिन हां, न में कोई जवाब नहीं मिला। इस बीच इस वर्ष जनवरी में समाधान यात्रा के दौरान दरभंगा वासियों की मांग पर मुख्यमंत्री ने एम्स के लिए जल्द जमीन देने का आश्वासन दिया।
कैबिनेट ने स्वीकृत किया प्रस्ताव, तीन सौ करोड़ भी दिए
आश्वासन के बाद मार्च 2023 में मंत्रिमंडल ने दरभंगा एम्स के लिए शेाभन-एकमी बाइपास के निकट डेढ़ सौ एकड़ जमीन आवंटित करने स्वीकृति दी। जमीन देने के साथ सरकार ने इसके विकास का प्रारूप भी बनाया। डेढ़ सौ एकड़ के अलावा और 39 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई।
साथ ही इस 189.17 एकड़ जमीन में मिट्टी भराई, इसे समतल करने के लिए 309 करोड़ रुपये भी दिए। मिट्टी भराई, इसे समतल करने और चारदिवारी के लिए निविदा तक निकाली जा चुकी थी।
इस बीच 26 मई 2023 को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बिहार के स्वास्थ्य के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को पत्र लिख दरभंगा के शोभन बाइपास के निकट आवंटित जमीन को लेकर सवाल खड़े कर दिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने आवंटित जमीन को लो लैंड बताते हुए इस एम्स निर्माण के लिए अनुपयुक्त बता दिया। जिसके बाद से यह मामला खटाई में पड़ा है। हकीकत यह है कि आठ साल की लंबी मियाद में दरभंगा एम्स के नाम पर सिर्फ बजट घोषणा, मंत्रिमंडल की स्वीकृति, जमीन आवंटन, केंद्र के इंकार से बात आगे बढ़ ही नहीं पाई है।