बिहार में डेंगू का कहर जारी, 15 माह की बच्ची ने गंवाई जान; 214 की हालत गंभीर, मरीजों की संख्या 2200 पार
बिहार में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। फिलहाल राजधानी पटना में एक 15 माह की बच्ची ने इस खतरनाक बीमारी से अपनी जान गंवा दी है। बताया जा रहा है कि 214 लोगों की हालत गंभीर है। हालांकि बीते दो दिनों से अस्पतालों में डेंगू की जांच नहीं होने के कारण संख्या में काफी कमी आई है।
By Pawan MishraEdited By: Mukul KumarUpdated: Wed, 04 Oct 2023 11:07 AM (IST)
जागरण संवादददाता, पटना सिटी : रविवार व गांधी जयंती पर दो दिन सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जांच नहीं होने से राजधानी पटना में नए डेंगू संक्रमितों की संख्या भले ही कम हुई हो लेकिन अस्पतालों में भर्ती रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। राजधानी के अस्पतालों में भर्ती रोगियों की संख्या 300 से अधिक हो गई है।
मंगलवार दोपहर तक एम्स पटना, पीएमसीएच, आइजीआइएमएस व एनएमसीएच में 104 और सिर्फ सात बड़े निजी अस्पतालों में 110 गंभीर डेंगू रोगी भर्ती थे। इसी बीच, सोमवार रात एनएमसीएच में नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड के गोसाई दीघा निवासी मुकेश की 15 माह की बच्ची पीहू कुमारी की मौत हो गई।
वह एक अक्टूबर को डीईआइसी से रेफर होकर आई थी। अंदरूनी अंगों में रक्तस्राव और आइसीयू की व्यवस्था नहीं होने के कारण दो अक्टूबर की रात उसकी मौत हो गई। विभागाध्यक्ष ने बताया कि छह डेंगू पीड़ित बच्चों का इलाज अभी चल रहा है।
वहीं, पीएमसीएच में सात डेंगू संक्रमित बच्चे भर्ती हैं। डेंगू के गंभीर रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एनएमसीएच में तीसरी बार बेड की संख्या बढ़ाकर 40 से 50 कर दी गई है।
वहीं, पीएमसीएच में आइसीयू के आठ समेत 34 बेड डेंगू के लिए आरक्षित हैं। बताते चलें कि मंगलवार को 50 नए समेत राजधानी में डेंगू पीड़ितों की कुल संख्या 2,244 हो गई है।
डेंगू से ना हों अधिक मौतें, इसकी तैयारी रखें अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने डेंगू के बढ़ते मामलों और उनकी रोकथाम के लिए मंगलवार को सभी मेडिकल कालेजों के अधीक्षक-प्राचार्य, सिविल सर्जनों व वेक्टर बोर्न डिजीज के जिला पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की।
इसमें उन्होंने कहा कि पर्व का मौसम आने वाला है, ऐसे में बड़ी संख्या से डेंगू संक्रमित आकर यहां रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ा सकते हैं। डेंगू के कारण अधिक लोगों की मौत नहीं हो इसके लिए सभी अस्पताल पूरी तैयारी रखें।
इसके लिए बाहर से आने वालों की स्क्रीनिंग बल्कि रैंडमली डेंगू संक्रमितों के नमूने की जेनेटिक सिक्वेंसिंग करा वायरस के सक्रिय स्ट्रेन पर नजर रखी जाए। इसके पर आइजीआइएमएस के प्रभारी चिकित्साधीक्षक डा. अमन ने जांच रिपोर्ट पेश की।
यह भी पढ़ें- दुबई में बंधक बने UP-बिहार के दर्जनभर मजदूर, सोशल मीडिया पर मोदी सरकार से लगाई गुहारइसके अलावा एम्स और आरएमआरआइ में भी डेंगू वायरस स्ट्रेन की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि डेंगू के कारण अधिक लोगों की जान नहीं जानी चाहिए। इसके लिए मेडिकल कालेज व अन्य अस्पताल पूरी तैयारी रखें। मरीजों के इलाज के लिए बेड, आइसीयू, प्लेटलेट्स समेत तमाम तैयारियां 24 घंटे दुरुस्त रखी जाएं।
यह भी पढ़ें- बिहार में जल्द होगी 70 हजार शिक्षकों की नियुक्ति, एक्शन में आए छुट्टी से लौटे KK Pathak
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।