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Dengue in Bihar: डेंगू स्ट्रेन की पहचान के लिए सीरोलाजी टेस्ट, दूसरे राज्यों से आने वालों की होगी स्क्रीनिंग

बिहार में डेंगू के मामलों में हो रही वृद्धि को लेकर राज्य के अपर मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक की। इस दौरान सभी जिलों के डीएम को इस बिमारी के रोकथाम के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू स्ट्रेन की पहचान के लिए सीरोलाजी टेस्ट भी शुरू कर दिया है। साथ ही लार्वीसाइट का छिड़काव और फागिंग पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

By Jagran News NetworkEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Thu, 14 Sep 2023 01:32 PM (IST)
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बिहार में डेंगू के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, पटना: राज्य में डेंगू के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। बुधवार को प्रदेश में डेंगू के 200 नए मरीजों सामने आए। इसके साथ ही राज्य में डेंगू के मामले बढ़कर 1332 हो गए हैं।

बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बुधवार को सभी जिलाधिकारी और सिविल सर्जन के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की।

अपर मुख्य सचिव ने प्रत्येक जिले में ब्लड प्लाज्मा की उपलब्धता बनाए रखने को कहा। इसके लिए जिलाधिकारियों को कम से कम एक रक्तदान शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया गया है।

दूसरे राज्यों में आने वालों लोगों की स्क्रीनिंग के निर्देश

इसके साथ ही डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए अस्पतालों में आवश्यकता के आधार पर बेड की संख्या भी बढ़ाने को कहा। इसके अलावा बाहर से राज्यों में आने वालों लोगों की स्क्रीनिंग के निर्देश भी दिए गए हैं।

बैठक में यह भी बताया गया कि डेंगू के स्ट्रेन की पहचान के लिए पटना एम्स और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में सीरोलाजी टेस्ट शुरू कर दिए गए हैं। इससे यह पता चल सकेगा कि डेंगू स्वरूप तो नहीं बदल रहा है। अपर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को समाचार पत्रों के साथ डेंगू के आंकड़े सार्वजनिक करने को भी कहा।

अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने के निर्देश

वहीं, सिविल सर्जनों से कहा गया कि वे आवश्यकता के आधार पर अस्पतालों में डेंगू के लिए बेड की संख्या बढ़ाएं। मच्छरों पर नियंत्रण के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।

नगर निगम साथ मिलकर गहन रूप से लार्वीसाइट का छिड़काव और फागिंग करने के लिए निर्देशित किया गया है। अस्पतालों में विशेष छिड़काव के आदेश दिए गए हैं।

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पटना में डेंगू मरीजों के लिए स्पेशल वार्ड

वहीं, पटना में स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए एक अलग वार्ड बनाया है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. विवेक सिंह ने कहा कि मानसून के मौसम में आमतौर पर डेंगू के मामले बढ़ जाते है।

पटना के सभी मेडिकल कॉलेज और स्थानीय अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए स्पेशल वार्ड बनाए गए हैं। फिलहाल घबराने की बात नहीं है। आमतौर पर मरीज इलाज शुरू होने के बाद दो से तीन में ठीक हो जाते हैं।

अधिकतर पैरों में काटते हैं डेंगू मच्छर

वेक्टरबोर्न डिजीज के जिला नियंत्रण पदाधिकारी डा. सुभाष चंद्र प्रसाद व उनकी टीम ने बताया कि ऊपर गहरे काले और पैरों व पीठ पर सफेदधारी वाले कुछ बड़े मच्छर देखें तो सचेत हो जाएं।

ये डेंगू फैलाने वाले मच्छर हैं। ये डंक मारकर भाग जाते हैं। ये अधिक ऊंचाई तक नहीं उड़ पाते इसलिए वे अधिकतर पैरों में काटते हैं। डेंगू वाहक एडीज इजिप्टी मच्छर सुबह-शाम ज्यादा काटते हैं। दिन में वे अंधेरी जगहों पर छिपे रहते हैं।

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