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बिहार में बेलगाम हर्ष फायरिंग: एक हफ्ते में आधा दर्जन लोगों की गई जान; सख्त कानून के बावजूद फल-फूल रहा प्रचलन

बिहार में शादी उपनयन प्रतिमा विसर्जन आदि के दौरान हर्ष फायरिंग आम है। ऐसे मौकों पर अचानक चली गोली जब किसी को भी लगती है तो जल्दी इलाज नहीं मिल पाने से मौत तक हो जाती है। इसके खिलाफ कड़े कानून के बावजूद ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं।

By Amit AlokEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Wed, 24 May 2023 03:18 PM (IST)
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बिहार में हर्ष फायरिंग के खिलाफ सख्त कानून के बावजूद एक हफ्ते में आधा दर्जन लोगों की गई जान
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार में शादियों का सीजन चल रहा है। बीते रविवार को राजधानी पटना और भोजपुर जिले में शादी समारोह के दौरान गोली लगने से दो लोगों की मौत हो गई। एक दुल्हन का चचेरा भाई था तो दूसरा शादी में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था।

शान-शौकत के चक्कर में जान गंवानेवालों की सूची में जुड़ी ये सिर्फ दो घटनाएं हैं। ऐसी अनगिनत कई और मामले हैं। शादी-विवाह जैसे शुभ आयोजनों में हर्ष फायरिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इसके खिलाफ कड़े कानून हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं में हर साल दर्जनों बेगुनाह लोगों की मौत हो रही हैं।

एक सप्ताह में ही आधा दर्जन मौतें

पटना से दैनिक जागरण के संवाददाता अमित आलोक की मानें तो बीते एक सप्ताह में ही मौत का आंकड़ा आधा दर्जन पहुंच चुका है। पटना के बख्तियारपुर स्थित सालिमपुर थाना क्षेत्र के नरौली गांव में रविवार को वैशाली के जुड़ावनपुर से योगेंद्र सिंह की बेटी की बारात आई थी। वरमाला के समय हर्ष फायरिंग में शंभूनाथ सिंह की गोली लगने से मौत हो गई। थानाध्यक्ष रवि रंजन सिंह ने इसकी पुष्टि की।

उसी रात भोजपुर जिले के आरा मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत सैदपुर गांव में भी शादी के दौरान वरमाला के दौरान हर्ष फायरिंग में दुल्हन के चचेरे भाई रोहित सिंह (25 साल) की गोली लगने से मौत हो गई। भोजपुर के एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि वीडियो फुटेज और अन्य जानकारी एकत्र कर आरोपित की पहचान की जा रही है।

उक्त दोनों घटनाओं के एक दिन पहले शनिवार की रात छपरा के जलालपुर गांव में शादी समारोह के दौरान हर्ष फायरिंग में घायल रमेश यादव की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। शुक्रवार को पटना के दानापुर स्थित शाहपुर दियारा के गंगहारा फुटानी बाजार में बारात में एक सात साल की बच्ची को गोली लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई।

इसके पहले जहानाबाद के घोसी के थल्लू बीघा गांव में तिलक के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी। एक सप्ताह पूर्व 15 मई को भोजपुर के चांदी थाना के भदवर गांव में एक मई को तिलकोत्सव के दौरान नृत्य के कार्यक्रम में हुई फायरिंग में एक छात्र आर्यन (17 साल) की मौत हो गई थी। इस मामले के चार में से दो आरोपितों की गिरफ्तारी हो सकी है। पुलिस कांड में प्रयुक्त हथियार बरामद नहीं कर सकी है।

पुलिस कार्रवाई की गति मंद

कुछ मामलों में पुलिस कार्रवाई तेज रही है, लेकिन अधिकांश मामलों में ऐसा नहीं है। बीते सात अप्रैल को कैमूर जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के किनरचोला गांव निवासी बाबूलाल राम की हर्ष फायरिंग में मौत के चार में से दो आरोपित अब तक फरार हैं।

बक्सर के सिमरी में नौ मई को तिलक समारोह के दौरान हर्ष फायरिंग में एक वृद्ध को गोली लगने के मामले में पुलिस फायरिंग करनेवालों की पहचान ही कर रही है।

अब यह मामला ही समझ लीजिए। रोहतास के ही नासरीगंज प्रखंड के नावाडीह गांव में 12 मई 2022 को पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार उर्फ सुनील पांडेय की शादी की वर्षगांठ पर अयोजित कार्यक्रम में सपना चौधरी के गाने पर फायरिंग हुई। इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। हालांकि, बड़ी घटना सी संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। तत्कालीन एसपी आशीष भारती ने जांच टीम गठित की, लेकिन पुलिस आज तक आरोपित का पता नहीं लगा सकी है।

क्या है हर्ष फायरिंग

हर्ष फायरिंग या सेलिब्रेटरी गन फायर किसी भी खुशी के मौके पर की जाने वाली फायरिंग को कहते हैं। बिहार में शादी, उपनयन, प्रतिमा विसर्जन आदि के दौरान यह आम है। ऐसे मौकों पर अचानक चली गोली जब किसी को भी लगती है तो जल्दी इलाज नहीं मिल पाने से मौत तक हो जाती है।

हर्ष फायरिंग पर सजा के क्या प्रावधान

हर्ष फायरिंग के अपराध के लिए दो साल की सजा या एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह अन्य मौजूदा कानूनों के तहत अपराध की सजा के अतिरिक्त है। जैसे अवैध हथियार के मामले में तीन से सात साल तक की सजा का प्रावधान है।

मौत पर हत्या की प्राथमिकी

हर्ष फायरिंग पर बिहार के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि ऐसे मामलों में सभी जिलों को तत्काल प्राथमिकी करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। थाने से पुलिसकर्मियों को तत्काल घटनास्थल पर जाकर घटना का वीडियो बरामद करने और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान लेने को कहा गया है। हर्ष फायरिंग के दौरान मौत होने पर भारतीय दंड विधान की धारा 302 के अंतर्गत हत्या की प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।

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