'पटना शहर से बाहर विकसित करें कोचिंग सिटी', DM चंद्रशेखर ने दी सलाह; कहा- विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोपरि
दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद पटना का जिला प्रशासन एक्टिव मोड में काम कर रहा है। पटना के डीएम ने कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सभी गाइडलाइंस को फॉलो करने की नसीहत दी है। डीएम ने यह भी कहा कि अत्यधिक भीड़ को देखते हुए शहर से बाहर कोटिंग सिटी या कोचिंग विलेज को विकसित किया जाना चाहिए।
जागरण संवाददाता, पटना: दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हादसे के बाद पटना के कोचिंग संस्थानों की जांच की जा रही है। पहले दिन हुई जांच में कई तरह की अनियमितताएं सामने आईं। बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी पाई गई। आकस्मिक स्थिति से निपटने के इंतजाम तक नहीं थे। क्लास में क्षमता से अधिक बच्चे पाए गए।
इसको देखते हुए डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को पटना के प्रमुख कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्हें बिहार कोचिंग रेगुलेशन एक्ट के प्रविधानों के अनुसार एक माह में व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया। इसी क्रम में उन्होंने यह सलाह भी दी कि अत्यधिक भीड़भाड़ को देखते हुए शहर के बाहर किसी स्थान पर 'कोचिंग सिटी' या 'कोचिंग विलेज' विकसित करें।
इस बीच शहर के सभी प्रमुख कोचिंग संस्थानों में ताला लटका रहा। किसी ने शिक्षकों की कमी बताई तो किसी ने कोई और कारण बताया। वैसे इसे कोचिंग संस्थानों की सख्त सुरक्षा जांच का प्रभाव माना जा रहा है।
'आधुनिक मानकों के आधार पर बनाएं कोचिंग सिटी'
जिलाधिकारी ने सलाह दी कि पटना शहर का विस्तार हो रहा है। कोचिंग संचालक भी दीर्घकालीन व्यवस्था के तौर पर भीड़-भाड़ वाले स्थानों से अलग, शहर से बाहर आधुनिक मानकों के अनुसार एसोसिएशन के माध्यम से कोचिंग सिटी या कोचिंग विलेज विकसित करें। कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने बियाडा से जमीन की मांग की है। कोचिंग संस्थानों को उद्योग का दर्जा देने का भी प्रस्ताव सरकार को दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह नीतिगत मामला है। इसपर सरकार के स्तर से निर्णय लिया जाएगा।
सात टीमें कर रही कोचिंग संस्थानों की जांच
जिले में सात टीमों का गठन किया है। पहले चरण में तीन हजार बड़े कोचिंग संस्थानों की जांच की जाएगी। कुल छह बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है। कोचिंग संस्थानों का निबंधन, सुरक्षा मानकों व बिल्डिंग बायलाज का अनुपालन, फायर एग्जिट की व्यवस्था, प्रवेश एवं निकास द्वार की पर्याप्त व्यवस्था तथा आकस्मिक स्थिति से निपटने की व्यवस्था की पड़ताल की जा रही है। मुख्यालय से लेकर अनुमंडल क्षेत्र तक में संबंधित एसडीओ के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम कोचिंग संस्थानों की जांच कर रही है।पहले दिन 60 कोचिंग संस्थानों की जांच की गई। वहां बुनियादी सुविधाएं, बेसमेंट, पार्किंग, शौचालय, फायर सेफ्टी, विद्यार्थियों के आने-जाने के मार्ग समेत अन्य कमियां मिलीं। इन्हीं कमियों के मद्देनजर जिलाधिकारी ने बैठक बुलाई थी। शहर के कई कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि, एसएसपी राजीव मिश्रा, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर, सदर एसडीओ श्रीकांत कुण्डलिक खांडेकर, डीईओ संजय समेत कई अधिकारी भी मौजूद थे।
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