Move to Jagran APP

'पटना शहर से बाहर विकसित करें कोचिंग सिटी', DM चंद्रशेखर ने दी सलाह; कहा- विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोपरि

दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद पटना का जिला प्रशासन एक्टिव मोड में काम कर रहा है। पटना के डीएम ने कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सभी गाइडलाइंस को फॉलो करने की नसीहत दी है। डीएम ने यह भी कहा कि अत्यधिक भीड़ को देखते हुए शहर से बाहर कोटिंग सिटी या कोचिंग विलेज को विकसित किया जाना चाहिए।

By Vyas Chandra Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 01 Aug 2024 07:50 AM (IST)
Hero Image
कोचिंग संस्‍थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करते डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह। सौ-जिला प्रशासन
जागरण संवाददाता, पटना: दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हादसे के बाद पटना के कोचिंग संस्थानों की जांच की जा रही है। पहले दिन हुई जांच में कई तरह की अनियमितताएं सामने आईं। बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी पाई गई। आकस्मिक स्थिति से निपटने के इंतजाम तक नहीं थे। क्लास में क्षमता से अधिक बच्चे पाए गए।

इसको देखते हुए डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को पटना के प्रमुख कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्हें बिहार कोचिंग रेगुलेशन एक्ट के प्रविधानों के अनुसार एक माह में व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया। इसी क्रम में उन्होंने यह सलाह भी दी कि अत्यधिक भीड़भाड़ को देखते हुए शहर के बाहर किसी स्थान पर 'कोचिंग सिटी' या 'कोचिंग विलेज' विकसित करें।

इस बीच शहर के सभी प्रमुख कोचिंग संस्थानों में ताला लटका रहा। किसी ने शिक्षकों की कमी बताई तो किसी ने कोई और कारण बताया। वैसे इसे कोचिंग संस्थानों की सख्त सुरक्षा जांच का प्रभाव माना जा रहा है।

'आधुनिक मानकों के आधार पर बनाएं कोचिंग सिटी'

जिलाधिकारी ने सलाह दी कि पटना शहर का विस्तार हो रहा है। कोचिंग संचालक भी दीर्घकालीन व्यवस्था के तौर पर भीड़-भाड़ वाले स्थानों से अलग, शहर से बाहर आधुनिक मानकों के अनुसार एसोसिएशन के माध्यम से कोचिंग सिटी या कोचिंग विलेज विकसित करें। कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने बियाडा से जमीन की मांग की है। कोचिंग संस्थानों को उद्योग का दर्जा देने का भी प्रस्ताव सरकार को दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह नीतिगत मामला है। इसपर सरकार के स्तर से निर्णय लिया जाएगा।

सात टीमें कर रही कोचिंग संस्थानों की जांच

जिले में सात टीमों का गठन किया है। पहले चरण में तीन हजार बड़े कोचिंग संस्थानों की जांच की जाएगी। कुल छह बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है। कोचिंग संस्थानों का निबंधन, सुरक्षा मानकों व बिल्डिंग बायलाज का अनुपालन, फायर एग्जिट की व्यवस्था, प्रवेश एवं निकास द्वार की पर्याप्त व्यवस्था तथा आकस्मिक स्थिति से निपटने की व्यवस्था की पड़ताल की जा रही है। मुख्यालय से लेकर अनुमंडल क्षेत्र तक में संबंधित एसडीओ के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम कोचिंग संस्थानों की जांच कर रही है।

पहले दिन 60 कोचिंग संस्थानों की जांच की गई। वहां बुनियादी सुविधाएं, बेसमेंट, पार्किंग, शौचालय, फायर सेफ्टी, विद्यार्थियों के आने-जाने के मार्ग समेत अन्य कमियां मिलीं। इन्हीं कमियों के मद्देनजर जिलाधिकारी ने बैठक बुलाई थी। शहर के कई कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि, एसएसपी राजीव मिश्रा, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर, सदर एसडीओ श्रीकांत कुण्डलिक खांडेकर, डीईओ संजय समेत कई अधिकारी भी मौजूद थे।

विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोपरि

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन के लिए विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। यह सभी की जिम्मेदारी है। सुरक्षा मानकों का अक्षरशः अनुपालन किया जाए। प्रवेश एवं निकास द्वार की अवरोधमुक्त व्यवस्था और प्रकाश की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए। बिल्डिंग बायलाज का अनुपालन अनिवार्य है। फायर एग्जिट एवं आकस्मिक स्थिति से निपटने की सुदृढ़ व्यवस्था रहनी चाहिए। विद्यार्थियों व कोचिंग संचालकों को आने वाले दिनों में आपात स्थिति से निपटने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

डीएम ने कोचिंग संस्थानों का विधिवत निबंधन एवं नवीकरण का निर्देश दिया। कहा, बिहार सरकार ने कोचिंग संस्थानों के संचालन के लिए बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 लागू किया है। अधिनियम के प्रविधानों के तहत कोई भी कोचिंग संस्थान बिना वैध निबंधन प्रमाणपत्र के न तो स्थापित किया जाएगा और न चलाया जाएगा। डीईओ इस अधिनियम के अंतर्गत कोचिंग संस्थान निबंधन समिति की नियमित तौर पर बैठक करेंगे।

नोडल पदाधिकारी से स्पष्टीकरण का निर्देश

कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने बताया कि निबंधन एवं नवीनीकरण प्रक्रिया में विलंब होता है। डीएम ने संबंधित पदाधिकारी से स्पष्टीकरण कर कार्रवाई की अनुशंसा का निर्देश दिया। साथ ही डीईओ को दो सप्ताह में लंबित आवेदनों को निष्पादित करने को कहा। फिलहाल जो जांच चल रही है, वह जारी रहेगी।

यह भी स्पष्ट किया गया कि जिला प्रशासन ने किसी भी कोचिंग संस्थान को सील नहीं किया है। डीएम ने कहा कि अधिकतर जगहों से शिकायत आई है कि क्लासरूम में क्षमता से अधिक विद्यार्थियों को बैठाया जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए।

ये भी पढ़ें- पहले Vikas Divyakirti के Drishti IAS पर लगी सील, अब Khan Sir के कोचिंग सेंटर पर लटका मिला ताला; पटना में हलचल

ये भी पढ़ें- Patna Coaching Institutes: पटना में बिना निबंधन चल रहे कई कोचिंग संस्थान, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।