Dhanteras 2024 Shubh Muhurat: धनतेरस का शुभ मुहूर्त, खरीदारी का सबसे उत्तम समय क्या है? पढ़ें पंडितों की राय
धनतेरस पर लक्ष्मी जी की पूजा भी की जाती है जो धन और समृद्धि की देवी हैं। धनतेरस की पूजा करने से स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति होती है। धनतेरस के दिन नया खरीदना शुभ माना जाता है जैसे बर्तन आभूषण या अन्य उपयोगी वस्तुएं। धनतेरस के दिन दान करना भी शुभ होता है जैसे गरीबों को अनाज वस्त्र या अन्य आवश्यक वस्तुएं देना।
जागरण संवाददाता, पटना। Dhanteras 2024: कार्तिक कृष्ण प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी आज मंगलवार को अति शुभकारी त्रिपुष्कर व शश महापुरुष राजयोग में धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। धन त्रयोदशी की तिथि आज सुबह 10:59 बजे से पूरे दिन खरीदारी होगी।
धनतेरस पर ऐश्वर्य, धन, आरोग्य, सौभाग्य, सुख आदि में वृद्धि हेतु लक्ष्मी-गणेश के साथ धन्वंतरि भगवान की पूजा होगी। धनतेरस के दिन बर्तन, सोना, चांदी, झाड़ू आदि खरीदने की परंपरा है। दीपोत्सव का प्रमुख पर्व दीपावली कार्तिक कृष्ण अमावस्या में 31 अक्टूबर गुरुवार को चित्रा नक्षत्र व प्रीति योग में मनाया जाएगा।
शुभ संयोग में धनतेरस आज
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने कहा कि आज मंगलवार की सुबह 10:59 बजे से कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि शुरू होकर प्रदोष व निशीथ काल में व्याप्त होने से धनतेरस का पर्व कई शुभ संयोग में मनाया जाएगा।आज त्रिग्रही योग, त्रिपुष्कर योग, ऐन्द्र योग, तैतिल करण, उत्तरफाल्गुनी नक्षत्र के साथ लक्ष्मीनारायण योग व शश महापुरुष राजयोग है।धनतेरस के दिन सोना, चांदी, कौड़ी, कमलगट्टा , पंच रत्न, लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इस दिन झाड़ू खरीदने से दरिद्रता का ह्रास तथा समृद्धि का वास होता है।
अकाल मृत्यु से बचाव हेतु यम को दीप दान
मंगलवार को कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी यानि धनतेरस से दीपोत्सव का पंच दिवसीय पर्व आरंभ हो जाएगा। धनतेरस के पंचदेव के निमित्त पांच दीपक जलाने से उनकी विशेष कृपा तथा अनिष्ट ग्रहों से शांति मिलती है तथा आज प्रदोषकाल में यम को तिल तेल का दीपक घर के बाहर दक्षिण मुख दिखाने से काल- संकट, रोग,शोक, भय, दुर्घटना, अकाल या अप मृत्यु से मुक्ति मिलती है। सुख-समृद्धि व उत्तम स्वास्थ्य की कामना से धन्वंतरि देव का पूजा कर संध्या काल में घर के मुख्य द्वार पर तेल का दीप जलाएंगे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।धनतेरस पर पूजा मुहूर्त
- धन त्रयोदशी तिथि: दोपहर 10:59 बजे से अभिजित मुहूर्त:
- दोपहर 11:11 बजे से 11:55 बजे तक लाभ-अमृत मुहूर्त
- सुबह 10:09 बजे से दोपहर 12:57 बजे तक शुभ योग मुहूर्त
- अपराह्न 02:21 बजे से शाम 13: 45 बजे तक प्रदोषकाल मुहूर्त
- शाम 05:09 बजे से रात्रि 07:51 बजे तक स्थिर
- वृष लग्न: शाम 06:05 बजे से रात्रि 08:02 बजे तक
- कर्क लग्न:रात्रि 10:16 बजे से 12:34 बजे तक
- सिंह लग्न: मध्यरात्रि 12:34 बजे देर रात 02:48 बजे तक
धनतेरस पूजा विधि इस प्रकार है
- धनतेरस के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और नए कपड़े पहनें।
- घर की साफ-सफाई करें और घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं।
- दीया जलाकर घर के अंदर और बाहर रखें।
- धन की देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करें।
- पूजा में फल, फूल, चावल, और हल्दी का उपयोग करें।
- धन्वंतरि भगवान को जल और पुष्प अर्पित करें और उनकी पूजा करें।
- लक्ष्मी जी को धन और समृद्धि के लिए पूजा करें और उन्हें खीर और मिष्ठान्न का भोग लगाएं।
- रात में दीया जलाकर लक्ष्मी जी की पूजा करें और अगले दिन सुबह दीया बुझाएं।
- धनतेरस के दिन खरीदारी करना शुभ माना जाता है, इसलिए कुछ नया खरीदना अच्छा होता है।
- धनतेरस के दिन दान करना भी शुभ होता है, इसलिए गरीबों को दान दें।