पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाण पत्र बनवाने का अभियान आरंभ हुआ है। 30 नवंबर तक डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 चलेगा। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक और पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के समझौते से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले पेंशनभोगियों को घर पर ही यह सुविधा मिलेगी। डाकघर में यह सेवा निशुल्क होगी जबकि घर पर बनवाने पर 70 रुपये देने होंगे।
जागरण संवाददाता, पटना। पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र बनवाने का अभियान आरंभ हो चुका है। 30 नवंबर तक डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 की शुरूआत की गई है।
इसके लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 के लिए पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्यााण विभाग के साथ समझौता किया है। इसके माध्यम से पेंशनभोगियों का चेहरा प्रमाणीकरण के साथ बायोमीट्रिक प्रमाणिकरण की प्रक्रिया होगी।
दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले सभी पेंशनभोगियों के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिक पेंशनभोगियों को उनके घर पर ही यह सुविधा प्रदान करनी है। इसके तहत डाकघर में आने वाले पेंशनभोगियों को यह सेवा निशुल्क दी जाएगी, जबकि घर पर ही बुलाकर बनवाने पर 70 रुपये देने होंगे।
डाक विभाग के बिहार परिमंडल मुख्य डाक महाध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि इस समझौते से पेंशनभोगियों को काफी लाभ प्राप्त होगा। इस संबंध में सभी मंडलीय अध्यक्षों को निर्देशित किया गया है।
उन्होंने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आइपीपीबी) ने पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग और सभी केंद्रीय, राज्य और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाण बनवाने के लिए 2020 में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की डोरस्टेप सेवा शुरू की थी।
ऑनलाइन भी देख सकेंगे प्रमाण पत्र
पेंशनभोगी को केवल नजदीकी डाकघर या नजदीकी डाकघर के डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक से संपर्क करने है। इसके बाद उन्हें घर पर ही जाकर डोरस्टेप सेवा प्रदान कर उनका डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
इसके लिए डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक की ओर से प्रमाण पत्र के लिए अधिकतम 70 रुपये लिया जाएगा। इस सेवा के लिए पेंशनभोगी द्वारा केवल आधार संख्या और पेंशन का विवरण देना होगा।
प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया पूरी होने पर, पेंशनभोगी को उसके मोबाइल नंबर पर पुष्टिकरण एसएमएस प्राप्त होगा और प्रमाणपत्र को जिस दिन प्रक्रिया होगी उसके एक दिन के बाद https://jeevanpramaan.gov.in/ppouser/login पर आनलाइन देखा जा सकता है।
आधा दर्जन से अधिक योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य
उधर, पथ निर्माण विभाग ने तय किया है कि अगले वर्ष तक पथ निर्माण विभाग की आधा दर्जन से अधिक सड़क व पुल परियोजनाओं का काम पूरा कर लिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री ने शुक्रवार को पथ निर्माण विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई।बैठक में लक्ष्य तय किया गया कि जनवरी 2025 तक गंगा पथ के शेष कार्य, अशोक राजपथ में निर्माणधीन डबल डेकर पुल व मीठापुर- महुली परियोजना के अंतर्गत भूपतिपुर से महुली पथांश का काम पूरा कर लिया जाए।
इसके अलावा ताजपुर-बख्तियारपुर पुल के चकलालशाही से बख्तियारपपर तक के पथांश को मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया। अगले वर्ष तक पथ निर्माण विभाग के वैसे राज्य पथ जिनकी चौड़ाई 3.75 मीटर है,को डबल लेन में विकसित करने की योजना है।इसके लिए बजट में अतिरिक्त राशि की आवश्यकता होगी। वर्तमान में करीब 360 किमी सड़क राज्य उच्च पथ व एमडीआर श्रेणी की हैं, का चौड़ीकरण कराया जा रहा। इस वित्तीय वर्ष में 90 परियोजनाओं को पूरा कर लिया गया है।
समीक्षा बैठक में यह बताया गया कि पथ निर्माण विभाग के इस वर्ष के बजट की राशि 52.24 प्रतिशत राशि खर्च हो चुकी है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अक्टूबर माह तक बारिश के बावजूद 3295 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह वार्षिक योजना 4194.6 करोड़ का 78.55 प्रतिशत है।वहीं, संशोधित योजना राशि 6292.16 करोड़ का यह 52.24 प्रतिशत है। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी परियोजनाओं की कार्य गति को बढ़ाया जाए।
समीक्षा बैठक में पथ निर्माण विभाग के अपर मु्ख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, सचिव संदीप कुमार आर पुडलकट्टी, बी कार्तिकेय धनजी, विशेष सचिव शीर्षत कपिल अशोक तथा अपर सचिव शैलजा शर्मा सहित विभाग के कई अधिकारी मौजूद थे।
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