Digvijay Singh: दिग्विजय सिंह ने निर्वाचन आयोग पर उठाया सवाल, चुनावी तंत्र की पारदर्शी और निष्पक्षता को बताया संदिग्ध
सोमवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाते हुए उसकी निष्पक्षता को संदिग्ध बताया। उन्होंने कहा वर्तमान चुनावी तंत्र पारदर्शी नहीं रही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धार्मिक-सांप्रदायिक बातें किए जा रहे और इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं हो रहा और भाजपा अपने प्रचार से समाज में वैमनस्यता फैलाने का कुत्सित प्रयास कर रही है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
राज्य ब्यूरो, पटना। जनता पर अटूट विश्वास जताते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता को संदिग्ध बताया। उन्होंने कहा कि रुख-रवैया इसकी चुगली कर रहे कि वर्तमान चुनावी तंत्र पारदर्शी नहीं रही।
प्रश्न यह कि इस आरोप का आधार क्या है? उत्तर यह कि 22 दलों के नेताओं ने शिकायत-सुझाव के लिए निर्वाचन आयोग ने मिलने का समय मांगा, नहीं मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धार्मिक-सांप्रदायिक बातें किए जा रहे, कोई हस्तक्षेप नहीं हो रहा।
भाजपा अपने प्रचार से समाज में वैमनस्यता फैलाने का कुत्सित प्रयास कर रही, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इतने साक्षात तथ्यों के बाद और क्या प्रमाण चाहिए!... तो क्या फिर कांग्रेस सर्वाेच्च न्यायालय का रुख करेगी। दिग्विजय ने कहा कि अति होने और आवश्यकता प्रतीत होने पर अवश्य।
पीएम मोदी और गृह मंत्री पर बोला हमला
उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करते हुए रविवार शाम ही दिग्विजय पटना पहुंच गए थे। सोमवार को सदाकत आश्रम (कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय) में प्रेस-वार्ता के दौरान उन्होंने देश के लिए प्रधानमंत्री को आपदा करार दिया।
उन्होंने कहा कि दो नेताओं (मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह) ने मिलकर देश को गुजराती ठेकेदारों के भरोसे छोड़ रखा है। तथ्यहीन और अप्रमाणिक बातों के सहारे चुनाव प्रचार कर रहे मोदी को पता ही नहीं कि जनता उनके दस वर्षों के शासन काल का हिसाब मांगने को बैठी है।
मोदी-जनित समस्याओं से जनता जूझ रही है। उनकी एक भी योजना कारगर नहीं हुई। उलटे उसका जन-जीवन पर बुरा असर पड़ा है। महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी चरम पर है, लेकिन मोदी गैर-जिम्मेदाराना तरीके से असल मुद्दों से इतर हिंदू बनाम मुसलमान और भारत बनाम पाकिस्तान का राग अलाप रहे।
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