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Digvijay Singh: दिग्विजय सिंह ने निर्वाचन आयोग पर उठाया सवाल, चुनावी तंत्र की पारदर्शी और निष्पक्षता को बताया संदिग्ध

सोमवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाते हुए उसकी निष्पक्षता को संदिग्ध बताया। उन्होंने कहा वर्तमान चुनावी तंत्र पारदर्शी नहीं रही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धार्मिक-सांप्रदायिक बातें किए जा रहे और इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं हो रहा और भाजपा अपने प्रचार से समाज में वैमनस्यता फैलाने का कुत्सित प्रयास कर रही है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Mon, 20 May 2024 09:28 PM (IST)
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दिग्विजय सिंह ने निर्वाचन आयोग पर उठाया सवाल
राज्य ब्यूरो, पटना। जनता पर अटूट विश्वास जताते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता को संदिग्ध बताया। उन्होंने कहा कि रुख-रवैया इसकी चुगली कर रहे कि वर्तमान चुनावी तंत्र पारदर्शी नहीं रही।

प्रश्न यह कि इस आरोप का आधार क्या है? उत्तर यह कि 22 दलों के नेताओं ने शिकायत-सुझाव के लिए निर्वाचन आयोग ने मिलने का समय मांगा, नहीं मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धार्मिक-सांप्रदायिक बातें किए जा रहे, कोई हस्तक्षेप नहीं हो रहा।

भाजपा अपने प्रचार से समाज में वैमनस्यता फैलाने का कुत्सित प्रयास कर रही, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इतने साक्षात तथ्यों के बाद और क्या प्रमाण चाहिए!... तो क्या फिर कांग्रेस सर्वाेच्च न्यायालय का रुख करेगी। दिग्विजय ने कहा कि अति होने और आवश्यकता प्रतीत होने पर अवश्य।

पीएम मोदी और गृह मंत्री पर बोला हमला

उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करते हुए रविवार शाम ही दिग्विजय पटना पहुंच गए थे। सोमवार को सदाकत आश्रम (कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय) में प्रेस-वार्ता के दौरान उन्होंने देश के लिए प्रधानमंत्री को आपदा करार दिया।

उन्होंने कहा कि दो नेताओं (मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह) ने मिलकर देश को गुजराती ठेकेदारों के भरोसे छोड़ रखा है। तथ्यहीन और अप्रमाणिक बातों के सहारे चुनाव प्रचार कर रहे मोदी को पता ही नहीं कि जनता उनके दस वर्षों के शासन काल का हिसाब मांगने को बैठी है।

मोदी-जनित समस्याओं से जनता जूझ रही है। उनकी एक भी योजना कारगर नहीं हुई। उलटे उसका जन-जीवन पर बुरा असर पड़ा है। महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी चरम पर है, लेकिन मोदी गैर-जिम्मेदाराना तरीके से असल मुद्दों से इतर हिंदू बनाम मुसलमान और भारत बनाम पाकिस्तान का राग अलाप रहे।

उद्यमियों को लेकर ये कहा

प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार, किसानों की दोगुनी आय आदि की आस अधूरी रह गई। नोटबंदी ने नौकरियां व रोजगार छिना तो छोटे व्यवसायियों-उद्यमियों को भी बर्बाद किया।

कांग्रेस के शासन-काल के बराबर भी एक्साइज ड्यूटी रखें तो पेट्रोल-डीजल प्रति लीटर 20-22 रुपये सस्ता हो जाएगा, लेकिन मोदी अपने उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के सिवाय कुछ नहीं करेंगे।

कांग्रेस सत्ता में आई तो किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाएगी। गरीब महिलाओं को प्रतिवर्ष एक लाख की आर्थिक सहायता देगी। गरीबों को प्रति माह मुफ्त दस किलो अनाज मिलेगा। रिक्त 30 लाख पद भरे जाएंगे। डॉ. मदन मोहन झा, राजेश राठौड़, लाल बाबू लाल, करुणा सागर आदि प्रेस-वार्ता में उपस्थित रहे।

खैहरा की बातों से इत्तेफाक नहीं

पंजाब के संगरूर में कांग्रेस के प्रत्याशी सुखपाल खैहरा ने तीन-चार रोज पहले कहा था कि पंजाब और पंजाबियत को बिहारियों से खतरा बताया था।

इस संदर्भ में पूछे जाने पर दिग्विजय ने कहा कि अव्वल तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं कि खैहरा ने क्या कहा, लेकिन वे ऐसी बातों से सहमत नहीं और कांग्रेस ऐसे विचारों का समर्थन नहीं करती।

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