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शर्मनाक: लड़की को डरा कर दो महीने तक दुष्‍कर्म, बच्‍चा होने पर पंचायत बोली- इसे बेच डालो

बिहार के मुजफ्फरपुर में दुष्‍कर्म के एक मामले में पंचायत ने तालिबानी फैसला दिया। उसने दुष्‍कर्म से पैदा हुए बच्‍चे को 20 हजार में बेचने का आदेश दिया। क्‍या है मामला जानिए यहां।

By Amit AlokEdited By: Updated: Mon, 11 Nov 2019 11:40 PM (IST)
शर्मनाक: लड़की को डरा कर दो महीने तक दुष्‍कर्म, बच्‍चा होने पर पंचायत बोली- इसे बेच डालो
पटना [जेएनएन]। मौलाना सहित दो लोगों ने एक नाबालिग लड़की को डरा-धमकर दो महीने तक दुष्‍कर्म किया। उसके गभवर्ती होने पर मामले का खुलासा हुआ। अब वह बिन ब्याही मां बनकर इंसाफ मांग रही है, लेकिन समाज के ठेकेदार उसे व उसके परिवार को दोषी करार दे रहे हैं। हद तो यह कि मामले की सुनवाई के लिए बैठी पंचायत ने उसके नवजात को 20 हजार में बेचने का सौदा कर दिया। दिल को हिला देने वाली यह घटना बिहार के मुजफ्फरपुर की है।

इस मामले की जांच के लिए विशेष पुलिस टीम गठित की गई है। पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। पीड़िता ने नवजात और आरोपितों के डीएनए टेस्ट (DNA Test) की मांग भी की है।

गांव के मौलाना और एक युवक ने किया दुष्कर्म

बताया जाता है कि मुजफ्फरपुर के कटरा में एक नाबालिग लड़की (15 साल) के साथ उसके गांव के ही मौलाना और एक युवक ने दुष्कर्म किया। आरोपित मौलाना मकबूल सीतामढ़ी का मूल निवासी है। वह कुछ सालों से मुजफ्फरपुर के कटरा स्थित एक मस्जिद में रहता था। गांव के लोग उसके लिए बारी-बारी से खाना भेजते थे।

कुछ महीने पूर्व जब पीड़ित लड़की मौलाना के लिए खाना लेकर गई, तो उसने उसे धोखे से नशा देकर बेहोशी की हालत में दुष्कर्म किया। फिर तो लड़की को हत्‍या की धमकी देकर इस घिनौने खेल का सिलसिला दो महीने तक चलता रहा। मौलवी की करतूत का पता कटरा के मो. शोएब को भी चला। इसके बाद उसने भी लड़की को डरा-धमका कर दुष्‍कर्म करना शुरू कर दिया।

गर्भवती होने पर हुआ मामले कर खुलासा

फिर, दुष्‍कर्म की शिकार लड़की तीन महीने के लिए मधुबनी स्थित अपने ननिहाल चली गई। वहां से लौटने के बाद जब उसके गर्भवती होने का पता चला तो पूरे मामले का खुलासा हुआ।

पंचायत का फैसला- लड़की दोषी, बच्‍चे की होगी नीलामी

लड़की बिन ब्याही मां बन गई तो गांव में पंचायत बैठी। पंचायत ने पीड़िता को दोषी करार दिया तथा उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। इस मामले में गांव में चार बार पंचायत बैठी। अंत में पंचायत ने नवजात बच्चे को मां से अलग कर 20 हजार रुपये में बेच देने का फैसला किया।

मौलाना को दोषी मानने को तैयार नहीं पंचायत

पंचायत ने मौलाना को इस आधार पर दोषी नहीं माना कि पीड़िता ने पंचायत में मौलाना नहीं, केवल युवक का नाम लिया। बाद में पीड़ित परिवार ने कहा कि लड़की ने पंचायत में मौलाना का नाम उसके डर के कारण नहीं लिया। अब वह मौलाना का नाम ले रही है तो पंचायत उसकी बात नहीं सुन रही। इस कारण अब लड़की और उसके परिजन डीएनए टेस्ट कराने की मांग कर रहे हैं, ताकि बच्चे के पिता का पता चल सके।

बच्‍चे और आरोपितों के डीएनए टेस्ट कराएगी पुलिस

लड़की के पिता मुंबई में मजदूरी करते हैं। पूरे मामले की जानकारी होने पर उन्‍होंने महिला थाने में एफआइआर दर्ज करायी। सिटी एसपी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच के लिए विशेष टीम का गठन कर दिया गया है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। पुलिस ने नवजात को बेचने की कोशिश की जानकारी से इनकार किया, लेकिन मुख्य आरोपित मौलाना मकबूल को संदिग्ध माना है। पुलिस बच्‍चे और दोनों आरोपितों के डीएनए टेस्ट कराएगी।

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