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बिहार शिक्षा विभाग और BPSC के बीच जारी विवाद सुलझा! CM नीतीश ने दोनों अधिकारियों संग की बैठक, फिर दी यह सलाह

Bihar News बिहार शिक्षा विभाग और बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के बीच जारी विवाद पर विराम लग गया है। सीएम नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को बुलाया। इस दौरान सीएम ने पहले विवाद को लेकर पूरी जानकारी ली और फिर दोनों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

By Dina Nath SahaniEdited By: Deepti MishraUpdated: Tue, 12 Sep 2023 05:26 PM (IST)
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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (बाएं), CM नीतीश कुमार (दाएं)

राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार में एक लाख 78 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति नवंबर तक होनी है। इसके लिए अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन कार्य चल रहा है, जिसमें शिक्षकों व कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद अब शिक्षा विभाग और बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के बीच जारी विवाद पर विराम लग सकता है।

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को एक अणे मार्ग में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को बुलाकर जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

इसके बाद से शिक्षा विभाग और आयोग के बीच जारी पत्राचार एवं जुबानी जंग थमने के आसार हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री के साथ दोनों अफसरों की बैठक का विषय क्या था, इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री द्वारा बिहार लोक सेवा आयोग और शिक्षा विभाग के बीच के विवाद के बारे में जानकारी ली गई। इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश के हस्तक्षेप के बाद यह तय माना जा रहा है कि इस विवाद का पटाक्षेप हो गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के बाद अपर मुख्य सचिव केके पाठक एक अणे मार्ग से सीधे शिक्षा विभाग पहुंचे। हालांकि, इस बैठक के पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में  शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के के पाठक मौजूद थे।

क्या था दोनों के बीच विवाद?

राज्‍य में स्कूली शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई परीक्षा का परिणाम आने के पहले उसमें शामिल माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन कार्य कराया जा रहा है। इसको लेकर शिक्षा विभाग एवं बिहार लोक सेवा आयोग के बीच उठे विवाद ने घमासान का रूप ले लिया था।

सत्यापन कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने पर आपत्ति

प्रमाण पत्रों के सत्यापन कार्य से बिहार शिक्षा सेवा के अधिकारियों, शिक्षा विभाग के शिक्षकों तथा कर्मचारियों को मुक्त करने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव के हस्ताक्षर से बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव एवं सभी जिलों के जिलाधिकारियों को अलग-अलग पत्र दिया गया।

बाद में मुख्य सचिव के स्तर से जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण-पत्र के सत्यापन कार्य में शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं शिक्षक नहीं लगाए जाएंगे। इस कार्य में दूसरे विभागों के अधिकारी-कर्मचारी लगाया जाएगा।

BPSC ने भेजा ये जवाब

मुख्य सचिव के इस निर्देश के बाद बिहार लोक सेवा आयोग ने शिक्षा विभाग को उसके पत्र का जवाब भेजा, जिसमें शिक्षा विभाग को उसके द्वारा उठाए गए इस सवाल का जवाब भी दिया गया कि अध्यापक नियुक्ति नियमावली में शिक्षकों की नियुक्ति के बाद उनके प्रमाणपत्रों के सत्यापन का प्रावधान है।

यह पत्र आयोग को शिक्षा विभाग ने अपने जवाब के साथ लौटा दिया। शिक्षा विभाग ने आयोग से जानना चाहा कि इसके पहले कौन सी परीक्षाओं का परिणाम आने के पहले अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया गया है?

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