Diwali 2022 Safety Tips: दिवाली में पटाखे छोड़ते वक्त बरतें ये सावधानी; हादसा हो जाए, तो जल्दी कर लें उपाय
Diwali 2022 Safety Tips पटाखे से जलें तो बर्फ के पानी में डालें हाथ। पटना के पीएमसीएच में प्लास्टिक सर्जरी के प्राचार्य सह विभागाध्यक्ष डा. विद्यापति चौधरी ने कहा सावधानी जरूरी। बताए हादसे से बचाव के उपाय और बाद में प्राथमिक उपचार का तरीका
By Jagran NewsEdited By: Shubh Narayan PathakUpdated: Mon, 24 Oct 2022 04:10 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पटना। Diwali 2022 Safety Tips: दीपावली यानी मिठाई और पटाखों का पर्व। लेकिन, थोड़ी सी लापरवाही पटाखों की रंगबिरंगी रोशनी व धमाके का मजा किरकिरा कर सकती है। हर वर्ष बड़ी संख्या में पटाखों से जलकर सैकड़ों लोग अस्पताल पहुंचते हैं। ऐसे में पटाखे छोड़ते समय सावधानी बरतनी जरूरी है फिर भी कोई हादसा होता है तो परेशान नहीं हों।
नुकसान अधिक हो, तो तुरंत जाएं अस्पताल
बिहार के सबसे बड़े मेडिकल कालेज पटना स्थित पीएमसीएच में प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष सह प्राचार्य डा. विद्यापति चौधरी के अनुसार यदि शरीर में जले अंग का क्षेत्रफल चार-पांच बंद मुट्ठी के बराबर हो तो घर पर उपचार किया जा सकता है। यदि यह क्षेत्रफल 10 से 15 मुट्ठी या एक हाथ से अधिक हो तो तुरंत हास्पिटल जाना चाहिए।
जली जगह पर नहीं घिसें बर्फ
- डा. विद्यापति चौधरी ने कहा कि पटाखे से जलने पर तेज जलन होती है ऐसे में जले अंग पर तत्काल बर्फ का ठंडा पानी डालें लेकिन सीधे बर्फ से उस अंग की सिंकाई नहीं करें।
- घर में सिल्वर सल्फाडाइजीन की कोई क्रीम, दर्द कम करने के लिए सूमो फ्लेम या कांबिफ्लेम जैसी दर्द निवारक दवा रखें।
- दर्द कम हो इसलिए हाथ या जले अंग को ऊपर की ओर करके रखें, ज्यादा दर्द होने पर डायलोना का इंजेक्शन लें।
- यदि ज्यादा जला हुआ है तो घाव या फफोले सुखाने के लिए क्लैवम 625 जैसी एंटीयाबोटिक लें।
- फफोला सात से आठ दिन में स्वत: ठीक हो जाता है।
- यदि फफोला ज्यादा क्षेत्रफल में हैं तो तुरंत हास्पिटल जाएं वे काटकर ड्रेसिंग कर देंगे, इससे घाव जल्द सूखेगा।
- ड्रेसिंग हर दिन बदलवाएं, इससे घाव में संक्रमण होने की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है।
आतिशबाजी के दौरान आंखों का रखें खास ख्याल
अंगुलियों के बाद पटाखों से सबसे ज्यादा नुकसान आंखों को होता है। हर वर्ष दीपावली में 60 से अधिक लोगों की आंखों की रोशनी चली जाती है जबकि सौ से अधिक की गंभीर रूप से प्रभावित हो जाती है। पटाखों से पलकों, आंखों और आंखों के पीछे की पतली हड्डियां क्षतिग्रस्त होने के अलावा आंखों के आसपास का क्षेत्र जल सकता है।पटाखे का बारुद आंखों के लिए खतरनाक
इसके अलावा पटाखों से निकले जहरीले धुएं व रसायन से आंखों में जलन, खुजली, दर्द व आंखें लाल हो सकती हैं। पटाखे का बारूद कार्निया में चिपककर घाव कर सकता है, बम के धमाके से रेटिना व लेंस अपनी जगह से हट सकता है, रक्तस्राव या नेत्र गोलक तक फट सकते हैं।
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- आंखें बहुत कोमल होती हैं इसलिए मेडिकल स्टोर से आई ड्राप लेने के बजाय तुरंत किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।
- आंखों में चोट लगने पर इसे मामूली जलन मानकर डाक्टर के पास जाने में देर नहीं करनी चाहिए।
- आंखों में खुजली होने पर रगड़ें या पानी से धोए नहीं, इससे बारूद आंखों को और नुकसान पहुंचा सकता है।
- चश्मा पहनने वाले व्यक्ति अधिक सावधान रहें। जलने पर तुरंत डाक्टर से परामर्श लें।
पटाखे जलाते समय बरतें ये सावधानी
- अभिभावकों की देखरेख में ग्रीन पटाखे ही छोड़ें, आंखों को बचाने के लिए प्रोटेक्टिव ग्लास पहनें।
- पटाखे जलाने वाले स्थान पर पानी से भरी एक बाल्टी और रेत साथ रखें।
- पटाखे जलाते समय सिंथेटिक और नायलान के बजाय मोटे सूती और टाइट फिटिंग के कपड़े पहनें।
- पटाखे जलाते समय यदि आग लग गई हो और वह बढ़ती जा रही हो तो रेत डालकर बुझाएं।
- फटने वाले पटाखों को हाथ में पकड़ कर आग नहीं लगाएं। दूर से आग लगाएं, आग लगाते समय चेहरा पटाखे के ऊपर नहीं रखें।
- आंख में किसी प्रकार की समस्या होने या धुंधला दिखने पर तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से जांच कराएं।
हल्का जलने पर घरेलू उपाय
- जले अंग को बर्फ के पानी में डालें, इससे जलन कम होगी।
- फफोला नहीं पड़ा हो तो तुलसी का रस या नारियल का तेल लगाएं जलन कम होगी।
- यदि फफोला फूट गया है तो घाव में रूई नहीं लगाएं, सिल्वर सल्फाडाइजीन क्रीम लगाकर घाव को खुला छोड़ दें।
- ठंडे पानी से हाथ निकालने के बाद उस पर एंटी इन्फ्लेमेटरी व एंटीबायोटिक प्रभाव वाली एलोवेरा क्रीम लगा सकते हैं।
- हल्की जलन की स्थिति में शहद लगाने से भी आराम होता है।