किसान रेल के कारण बिहार के लोगों को मिल रहे सस्ते फल, व्यवसायियों ने की इस ट्रेन को हफ्ते में चार दिन चलाने की मांग
पटना की फल मंडी के व्यवसायियों की मांग सप्ताह में चार दिन चले किसान ट्रेन फल-सब्जी की लदान करने वाली किसान ट्रेन के लेट होने से परेशानी ट्रेन के 10 घंटे तक विलंब से पहुंचने से व्यापार पर पड़ रहा प्रतिकूल असर
पटना, जागरण संवाददाता। Patna Fruit Market: थोक फल मंडी बाजार समिति के व्यापारियों को किसान रेल (Kisan Rail) चलने से फायदा तो हुआ है, लेकिन कुछ अवरोध अभी भी बाकी है। किसान ट्रेन को सप्ताह में चार दिन चलाने और इसके समय पर परिचालन करने की उन्होंने मांग की है। अभी किसान ट्रेन का परिचालन सप्ताह में तीन दिन हो रहा है। कारोबारियों का कहना है कि गर्मी के मौसम में इस ट्रेन का परिचालन सप्ताह में चार दिन होना चाहिए। गर्मी में फल जल्द खराब हो जाते हैं। ऐसे में स्टॉक अधिक नहीं किया जा सकता है।
महाराष्ट्र से हो रही फलों की अधिक आमद
व्यवसायियों का कहना है कि अगर किसान ट्रेन का परिचालन सप्ताह में चार दिन कर दिया जाता है तो इससे बहुत सुविधा होगी। इस समय मौसमी फलों की अधिकांश आमद महाराष्ट्र से ही हो रही है। अल्फासो, तारबूज, अंगूर, संतरा जैसे फल महाराष्ट्र से आ रहे हैं। ऐसे में चार दिन अगर किसान ट्रेन चलती है तो इन फलों की पर्याप्त आमद हो सकेगी और लोगों को ताजा फल मिल सकेंगे।
किसान ट्रेन को समय से चलाने की उठाई मांग
पटना फ्रूट एंड वेजीटेबल एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिकांत प्रसाद ने कहा है कि हमारी दूसरी मांग है कि किसान ट्रेन समय से चलाई जाए। इस मामले में रेलवे के उच्च अधिकारियों का भी हमारा एसोसिएशन ध्यान दिलाया है। उन्होंने कहा कि किसान ट्रेन चलने से सुविधा हुई है।
औसतन 10 घंटे विलंब से पहुंच रही किसान रेल
व्यवसायियों का कहना है कि ट्रक से फल लाने में अधिक समय समय लगता था, डैमेज भी निकलता था। किसान ट्रेन चलने से काफी सुविधा हुई है, लेकिन इस समय किसान ट्रेन औसतन 10 घंटे तक विलंब से पटना पहुंच रही हैं। इससे व्यापारियों की परेशानी बढ़ गई है। आज का कारोबार दूसरे दिन करना पड़ रहा है। हमारी मांग है कि किसान ट्रेन को समय से चलाया जाए।