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Bihar Earthquake Alert: बिहार में कभी भी तबाही ला सकता है 1934 जैसा बड़ा भूकंप; डरें नहीं, बरतें एहतियात

Bihar Earthquake Alert भकंप प्रभावित बिहार में साल 1934 जैसा बड़ा भूकंप कभी भी आ सकता है। इससे बड़ी तबाही मच सकती है। ऐसा वैज्ञानिकों की रिसर्च में कहा गया है। आप भूकंप से डरें नहीं बल्कि कुछ जरूरी एहतियात बरतें।

By Amit AlokEdited By: Updated: Wed, 09 Nov 2022 03:56 PM (IST)
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EARTHQUAKE ALERT IN BIHAR: बिहार में भूकंप। फाइल तस्‍वीरें।

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Earthquake in Bihar: बिहार में बीती रात भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए। इससे जान-मान की कोई क्षति नहीं हुई, लेकिन इसने 1934 के 15 जनवरी की दोपहर में आए रिक्‍टर स्‍केल पर 8.5 की तीव्रता वाले उस भूकंप की याद दिला दी है, जिसने बिहार में 10 से 11 हजार तो नेपाल में नौ से 10 हजार लोगों की जान ले ली थी। वैज्ञानिकों की मानें तो राज्‍य में ऐसा भूकंप कभी भी आ सकता है। आज की घनी आबादी को देखते हुए ऐसे बड़े भूकंप से दो लाख से अधिक लोगों की मौत हो सकती है।

1934 के भूकंप से मची थी भारी तबाही

साल 1934 के भूकंप का केंद्र नेपाल में था। उससे नेपाल व बिहार में भारी तबाही मची थी। राज्‍य के मुंगेर व सीतामढ़ी तबाह हो गए थे। चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, पूर्णिया, भागलपुर आदि जिलों में तबाही का आलम था। इसके बाद फिर साल 1988 में 6.6 की तीव्रता वाला भूकंप आया था। इस भूकंप की शक्ति 1934 के भूकंप से 750 गुणा कम थी।

महाविनाशकारी होगा 1934 जैसा भूकंप

आइआइटी रुड़की के अर्थक्वेक इंजीनियरिंग विभाग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एमेरिटस डाक्‍टर आनंद एस आर्या की रिसर्च के मुताबिक भूकंप से होने वाला नुकसान जनसंख्‍या एवं क्षेत्र में हुए निर्माण कार्य पर निर्भर करता है। डाक्‍टर आर्या जनगणना के आंकड़ों के आधार पर बताते हैं कि हाल के वर्षों में तेज निर्माण कार्य व जनसंख्या वृद्धि के कारण 1934 की तीव्रता वाला भूकंप महाविनाशकारी हो सकता है।

कभी भी आ सकता है कोई बड़ा भूकंप

कुछ साल पहले आइआइटी कानपुर के सिविल इंजिनियरिंग विभाग के प्रोफेसर जावेद एन मलिक ने अपनी रिसर्च में बताया था कि बीते पांच सौ साल के दौरान गंगा के मैदानी क्षेत्र में कोई बहुत बड़ा भूकंप नहीं आया है। ऐसे में दिल्ली से बिहार के बीच 7.5 से 8.5 के बीच की तीव्रता वाला बड़ा भूकंप कभी भी आने की आशंका है।

भूकंप को लेकर जागरूक होना जरूरी

यह स्‍पष्‍ट करते चलें कि हमारा उद्देश्‍य डराना नहीं, बल्कि संभावित खतरे से आगाह करते हुए पहले से एहतियाती कदम उठाने के लिए प्रेरित करना है। बिहार के आठ जिले भूकंप प्रभावित जोन-5 और 24 जिले जोन-4 में आते हैं। हिमालय क्षेत्र में साल 1934 के भूकंप के बाद से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। भूकंप प्रभावित क्षेत्र में लंबे समय तक भूकंप का नहीं आना भी भूकंप की चेतावनी ही है। ऐसे में बिहार में भूकंप का आना तो तय है, लेकिन यह कब आएगा, नहीं बताया जा सकता है। जरूरत भूकंप को लेकर जागरूक होने की है।

जानें, भूकंप में क्‍या करें और क्‍या नहीं

  • भूकंप आने पर यदि आप घर से बाहर हैं बाहर ही रहें।
  • भूकंप खत्‍म हाेने तक ऊंची इमारतों व बिजली के खंभों से दूरी बनाकर रहें।
  • कमजोर पुल या कमजोर सड़क पर नहीं रहें।
  • चलती गाड़ी में हों तो गाड़ी रोक दें। उसमें बैठे रहें।
  • यदि बहुमंजिली इमारत में हैं तो सीढ़ियों से उतरें। अगर सीढ़ियां कमजोर हों तो उनका उपयोग नहीं करें। घर के अंदर ही रहें।
  • इमारत से उतरने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल कतई नहीं करें। लिफ्ट दीवारों से टकरा सकती है। बिजली जाने की स्थिति में वह रुक भी सकती है।
  • यदि आप घर के अंदर हैं तो फर्श पर बैठें और किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे छिपें। कांच, खिड़कियों, दरवाजों और दीवारों से दूरी बनाकर किसी कोने में रहें।
  • एहतियात के बावजूद यदि आप मलबे के नीचे दब जाएं तो माचिस नहीं जलाएं। भूकंप के दौरान गैस लीक का खतरा रहता है।
  • मलबे में दब जाने की स्थिति में किसी कपड़े से चेहरा ढकें और पाइप या दीवार को ठकठकाते रहें। यदि ऐसा संभव न हो तो चिल्लाएं। इससे राहत व बचाव दल अप तक पहुंच जाएगा।
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