केजरीवाल के बाद अगला कौन? विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में ED पहुंची बिहार, लालू-तेजस्वी की बढ़ सकती है टेंशन
Bihar Politics आबकारी घोटाले में ईडी की टीम ने गुरुवार रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। इन सबके बीच बिहार में विधायकों के खरीद-फरोख्त के आरोपों की जांच भी अब ईडी करेगा। इस केस में राजद के दो नेताओं के खिलाफ भी अवैध धन उगाही के साक्ष्य मिले हैं। इस केस के ईडी के हाथों में जाने से अब लालू-तेजस्वी की टेंशन बढ़ सकती है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Horse Trading Case । बिहार में विधायकों के खरीद-फरोख्त के आरोपों की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) करेगा। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच में इस कांड में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) का मामला सामने आया है, जिसके बाद अब ईडी से जांच की अनुशंसा की गई है।
सूत्रों के अनुसार, अवैध धन उगाही में इस केस से जुड़े राजद के दो नेताओं के विरुद्ध भी अवैध धन उगाही के साक्ष्य मिले हैं, जिसके बाद ईडी से पीएमएलए के प्रविधानों के तहत जांच करने का आग्रह किया गया है।
यह मामला पिछले माह फरवरी में एनडीए सरकार के विश्वासमत के समय का है। तब जदयू विधायक सुधांशु कुमार ने कई राजग विधायकों को मंत्री पद और दस-दस करोड़ रुपये का प्रलोभन देकर महागठबंधन के पाले में लाने का आरोप लगाते हुए पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को सौंपी थी। सूत्रों के अनुसार, अब तक की जांच में इस कांड में अवैध धन के बड़े पैमाने पर आदान-प्रदान से संबंधित साक्ष्य मिले हैं।
इसमें धन का प्रलोभन देकर राज्य में चुनी हुई सरकार को अव्यवस्थित करने के लिए विधायक का अपहरण करने एवं अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रलोभन देने का भी प्रयास किया गया है।
प्रारंभिक अनुसंधान में जानकारी प्राप्त हो रही है कि विभिन्न गैर कानूनी कार्य करने वाले लोग एवं समूह अवैध रूप से अर्जित की गई धन राशि का उपयोग गैर कानूनी कार्यों में कर रहे हैं।
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