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Bihar News: बेंच-डेस्क आपूर्ति करने वाली दो एजेंसी पर FIR दर्ज, जांच के बाद काली सूची में डाला

शिक्षा विभाग ने स्कूलों के बेंच-डेस्क आपूर्ति करने वाली दो एजेंसी पर एक्शन लिया है। विभाग ने दोनों एजेंसियों पर प्राथमिकी दर्ज की है और काली सूची में भी डाल दिया है। शिक्षा विभाग के मुताबिक इन एजेंसियों पर स्कूलों को घटिया बेंच-डेस्क आपूर्ति करने का आरोप है। विभाग ने बेंच-डेस्क आपूर्ति करने के बाद सात लाख से ज्यादा डेस्कों की जांच की है।

By Ravi Kumar(Patna) Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Mon, 20 May 2024 08:21 PM (IST)
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बेंच-डेस्क आपूर्ति करने वाले दो एजेंसी पर FIR दर्ज (File Photo)
जागरण संवाददाता, पटना। शिक्षा विभाग ने स्कूलों के बेंच-डेस्क आपूर्ति करने वाले दो एजेंसी पर प्राथमिकी दर्ज की है और काली सूची में डाला दिया है। इन एजेंसियों पर स्कूलों को घटिया बेंच-डेस्क आपूर्ति करने का आरोप है।

विभाग से मिले रिपोर्ट के अनुसार स्कूलों को बेंच-डेस्क आपूर्ति करने के बाद सात लाख, सात हजार, 328 बेंच डेस्क की जांच की गई। जिसमें जांच के बाद 14 हजार, 297 बेंच डेस्क की गुणवत्ता ठीक नहीं मिली, जिसको अविलंब एजेंसी के माध्यम से बदल दिया गया।

साथ ही घटिया बेंच-डेस्क आपूर्ति करने पर एजेंसी पर 27 लाख, 29 हजार, 285 रुपये का आर्थिक दंड लगाया है। अब तक राज्य के स्कूलों में कुल 17 लाख 86 हजार 551 नया बेंच-डेस्क मुहैया कराई गई है। जहां नहीं है सूची प्राप्त कर बेंच-डेस्क भेजी जा रही है।

शिकायत करने के लिए तैयार किया गया पोर्टल

शिक्षा विभाग ने कहा है कि शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों में बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें स्कूलों में पक्के कमरे और फ्री-फैब कमरे, शौचालय, चारदीवारी, किचन शेड, स्कूल का जीर्णोद्धार, पानी के लिए बोरिंग और सौंदर्य करण जैसे अनेकों कार्य किए जा रहे हैं।

विभाग ने क्या कहा?

विभाग ने कहा है कि यदि किसी स्कूल में घटिया बेंच-डेस्क की आपूर्ति की गई है या किसी स्कूल के निर्माण घटिया चीजों सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है या कहीं गलत काम हो रहा तो अभिभावक, शिक्षक, प्रधानाध्यापक और आसपास के आमजन शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए विभाग की ओर से पोर्टल लॉन्च किया गया है।

कोई भी व्यक्ति विभाग के पोर्टल https://edugrievance.thecodebucket.com पर शिकायत कर सकते हैं शिकायत मिलने पर एजेंसी और निर्माण में लगे ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी। शिकायत का निष्पादन 15 दिनों के अंदर किया जाएगा।

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