बिहार का शिक्षा विभाग इस बार नहीं हटेगा पीछे, केंद्रांश के रूप में राज्य की हिस्सेदारी के लिए रहेगा अडिग
बिहार के शिक्षा विभाग की 12 अप्रैल को केंद्र सरकार के साथ प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक होनी है। इसमें करीब 13 हजार 245 करोड़ रुपये का बजट रखा जाएगा। पिछली बार बजट की तुलना में करीब आधी राशि ही मिली थी।
By Vyas ChandraEdited By: Updated: Thu, 07 Apr 2022 12:54 PM (IST)
- 12 अप्रैल को प्रोजेक्ट एप्रुवल बोर्ड की बैठक में समग्र शिक्षा में राशि बढ़ोतरी का मुद्दा भी उठेगा
- स्मार्ट क्लास के लिए मध्य विद्यालयों की संख्या में इजाफा संभव
- पिछले साल 2 लाख 40 हजार रुपये की दर से 2739 स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाने की मिली थी मंजूरी
- प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की बैठक में समग्र शिक्षा कार्यक्रम के लिए 6652 करोड़ रुपये की स्वीकृति
पिछली बजट से विभाग ने ली है सबक इससे सबक लेते हुए शिक्षा विभाग ने इस बार की बैठक के लिए अपने दावों पर अडिग रहने का भी फैसला किया है ताकि राज्य को केंद्रांश के रूप में वाजिब हिस्सेदारी मिल मिल सके। इसलिए इस बार पूरी तैयारी के साथ बजट में शामिल होंगे। प्रस्तावित बजट में केंद्र से स्मार्ट क्लास के लिए मध्य विद्यालयों की संख्या में इजाफा करने की मांग भी की जाएगी। पिछले साल 02 लाख 40 हजार रुपये की दर से 2739 स्कूलों में स्मार्ट क्लास (Smart Class) बनाने की मंजूरी मिली थी।
शिक्षकों के वेतन, पोशाक और किताब के लिए मांगेंगे राशि इसके साथ ही 6600 करोड़ रुपये समग्र शिक्षा के शिक्षकों के वेतन के लिए मांगी जाएगी। पोशाक और किताबों के लिए करीब 967 करोड़ की मांग की जाएगी। पिछले साल पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों की पाठ्यपुस्तकों के लिए 490 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति मिली थी।
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