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शिक्षा विभाग ने अधिकारियों की उड़ाई नींद, पेंशन के साथ वेतन लेना पड़ा महंगा; विवि को कार्रवाई का मिला आदेश

Patna News बिहार में शिक्षा विभाग की सख्ती जारी है। शिक्षा विभाग की आंतरिक जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि सेवानिवृत्त होकर विभिन्न विश्वविद्यालयों में पदाधिकारी दोहरा आर्थिक लाभ उठा रहे हैं। ऐसे अधिकारी संस्था से पूरी पेंशन एवं विश्वविद्याल से पूरा वेतन ले रहे हैं। अब ऐसे अधिकारियों से राशि की वसूली की कार्रवाई शुरू की गई है।

By Dina Nath SahaniEdited By: Aysha SheikhUpdated: Mon, 02 Oct 2023 01:39 PM (IST)
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शिक्षा विभाग ने अधिकारियों की उड़ाई नींद, पेंशन के साथ वेतन लेना पड़ा महंगा
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों में एक और वित्तीय अनियमितता सामने आई है। दरअसल, सेवानिवृत्त होकर विभिन्न विश्वविद्यालयों में राजभवन द्वारा पदस्थापित 145, कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव, वित्त परामर्शी और वित्त पदाधिकारी दोहरा आर्थिक लाभ उठा रहे हैं।

साथ ही कई कर्मचारी भी हैं जो सेवानिवृत्ति के बाद अनुभव के आधार पर दोबारा नियुक्त किए गए हैं। इसका पर्दाफाश शिक्षा विभाग की आंतरिक जांच रिपोर्ट से हुआ है।

अब ऐसे अधिकारियों से राशि की वसूली की कार्रवाई शुरू की गई है। इससे संबंधित निर्देश शिक्षा विभाग द्वारा सभी विश्वविद्यालयों को दिया गया है।

जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में वैसे वित्तीय परामर्शी एवं वित्त पदाधिकारी, जो सामान्य प्रशासन विभाग के 10 जुलाई, 2015 को जारी संकल्प के तहत राजभवन द्वारा नियुक्त किए गए हैं, वे अपनी पेंशन की राशि के साथ वेतन भी ले रहे हैं।

अतिरिक्त राशि की होगी वसूली

ऐसे अधिकारी जिस संस्था से सेवानिवृत्त हुए हैं, वहां से पूरी पेंशन एवं जिस विश्वविद्यालय में नियुक्त हुए हैं, वहां से भी पूरा वेतन ले रहे हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डा. रेखा कुमारी की ओर से सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि ऐसे वित्तीय परामर्शी एवं वित्त पदाधिकारी द्वारा प्राप्त की गयी अतिरिक्त राशि को वसूली सुनिश्चित करें।

अतिरिक्त राशि नहीं देने पर क्या होगा?

यह राशि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्गत संकल्प की तिथि से गणना कर ली जाएगी। जो संबंधित पदाधिकारी अतिरिक्त राशि देने में आनाकानी करते हों, उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी।

विभागीय आदेश में यह भी कहा गया है कि राजभवन के निर्देश के अनुरूप विश्वविद्यालयों में पदस्थापित वैसे पदाधिकारी एवं कर्मी, जो उक्त संस्थान या किसी अन्य संस्था से सेवानिवृत हुए हैं, को देय पेंशन उनके देय वेतन का अंश माना जाएगा।

इसके अनुरूप कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि राजभवन ने अपने निर्देश में कहा था कि सेवानिवृति के बाद राज्य के विश्वविद्यालयों में नियुक्त कुलपतियों एवं प्रतिकुलपतियों को मिलने वाली पेंशन की राशि को देय वेतन का अंश मानते हुए भुगतान किया जाएगा।

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