आठ हजार से अधिक मौतें! बिहार में सड़क हादसों में लगातार जा रही है जान, NCRB के आंकड़े देख फटी की फटी रह जाएंगी आंखें
एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो) की रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि साल 2022 में बिहार में सड़क हादसों में 8898 लोगों की जान चली गई है। इनके अलावा 7068 लोग घायल भी हुए हैं। दुर्घटना के शिकार होने वालों में ज्यादातर पैदल और बाइक सवार रहे। बावजूद इसके लोग न तो नियमों का पालन करते हैं और न सावधानी बरतते हैं।
By Ashish ShuklaEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 12 Dec 2023 10:15 AM (IST)
आशीष शुक्ला, पटना। ओवरस्पीड और वाहन चलाते समय सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाना कितना खतरनाक हो सकता है, इसका एक प्रमाण है बिहार में जान से असमय हाथ धो लेने वाले 8,898 लोग। यह एक आंकड़ा भर नहीं, सड़क पर चलते समय लापरवाही के कारण दुर्घटना की वह भयावहता है, जिसे वे सैकड़ों परिवार कभी नहीं भूल पाएंगे। इनमें वाहन चलाने वालों ने स्वयं की भी जिंदगी लील ली, साथ-साथ औरों को भी लेते चले गए।
बाइक सवार और राहगीर अधिक हुए हादसों के शिकार
एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो) की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2022 में जितने घायल हुए, उससे कहीं अधिक मौतें हुईं। 8,898 लोगों की मौत हुई, तो 7068 घायल हुए। दुर्घटना के शिकार होने वालों में ज्यादातर पैदल और बाइक सवार रहे। बाइक चलाने वाले किस तरह लापरवाही बरत रहे, ये आंकड़े बता रहे हैं और सचेत भी कर रहे।राज्य में सड़क दुर्घटना के 10,801 मामले आए थे। ओवर स्पीड में 4,868 और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण 3200 लोगों की मौत हो गई। पटना में भी ओवरस्पीड के कारण सबसे अधिक 69 लोगों की मौत हुई और 44 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जागरूकता के तमाम उपाय के बाद भी सड़क सुरक्षा का ध्यान नहीं रखने वाले दुर्घटना के कारण अपंगता और मौत का बड़ा कारण बनते जा रहे हैं।
सर्वाधिक दुर्घटना बाइक से
राजधानी की सड़कों पर ट्रैक्टर से 26, बस से दो, कार से 12, ऑटो से 30 और बाइक से 83 लोगों की जान गई। इसमें पैदल चलने वाले 28 लोगों वाहनों की चपेट में आ गए। सड़कों पर रेस लड़ाने वाले आटो, टैक्ट्रर अैर बाइक से अक्सर दुघटनाएं हो रही हैं। जो कैमरे की जद में आते हैं, ट्रैफिक पुलिस चालान काटकर कार्रवाई कर देती है, लेकिन मुख्य मार्ग पर ऐसे चालकों में किसी का डर नहीं।
इतना ही नहीं, जिस समय सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस रहती है, उसी समय सबसे अधिक घटनाएं भी हो रही हैं। अटल पथ, जेपी गंगा पथ, दीघा एम्स फ्लाइओवर, नेहरू पथ, अनीसाबाद, बेउर, फुलवारीशरीफ, न्यू बाइपास, दीघा, इनकम टैक्स गोलंबर पर अक्सर सड़क हादसे हो रहे हैं। इसके पूर्व कारगिल चौक, अशोक राजपथ पर भी दुर्घटनाएं हो रही थीं, लेकिन निर्माण कार्य की वजह से यहां जाम की वजह से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं।
कट ही कट और ओवरटेक जानलेवा
फुलवारीशरीफ, अनीसाबाद मार्ग पर डिवाइड के बीच यत्र-तत्र कट ही कट हैं। शार्टकट के चक्कर में अचानक किसी कट से निकलने की जल्दी में कई वाहन पीछे से गुजर रही गाड़ियों की चपेट में आ रहे हैं। जाम के बाद ओवरटेक के चक्कर में भी यहां कई हादसे हो चुके हैं। यही हाल नेहरू पथ का है, जहां ओवरस्पीड और ओवरटेक के चक्कर में दुर्घटनाएं हो रही हैं।तीन दिन पूर्व ही आयकर गोलंबर के बाद एक कार ने दो आटो और एक बाइक सवार को टक्कर मार दी, जिसमें पांच लोग घायल हो गए। अटल पथ और जेपी गंगा पथ पर स्टंटऔर ओवरस्पीड पर लगाम लगाने के बाद हादसों में कमी आई है। अटल पथ पर फुटओवर ब्रिज बनने के बाद भी आसपास के लोग डिवाइडर पार कर आने जाने से कई बार वाहनों की चपेट में आए हैं।
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राज्य में
समय | दुर्घटनाएं |
रात नौ से तीन बजे | 485 |
तीन से छह बजे | 1,117 |
भोर में छह से नौ बजे | 1,602 |
दिन के नौ से 12 बजे | 1,700 |
दोपहर 12 से तीन बजे | 1,405 |
तीन से छह बजे शाम | 1,784 |
शाम छह से नौ बजे | 1,865 |
रात नौ से 12 बजे | 843 |
राजधानी में
समय | दुर्घटनाएं |
रात नौ से 12 बजे |
94 |
रात में 12 से तीन बजे | 54 |
दोपहर 12 से तीन बजे | 41 |
ये हैं हादसों के प्रमुख कारण
- गाड़ियों को ओवरटेक करना
- खतरनाक तरीके से ड्राइविंग करना
- हाइवे या सड़क पर अनियमित कट