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चुनाव आयोग का एलान: राजनीतिक दलों को मिलेगी EVM की जानकारी, 14 गाड़ियों से प्रचार कर सकेंगे उम्मीदवार

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार ईवीएम की सारी जानकारी राजनीतिक दलों को दी जाएगी। राजनीतिक दलों को हर मूवमेंट की जानकारी होगी। उम्मीदवारों को प्रचार करने पर भी निर्वाचन आयोग ने अपडेट दिया है। उम्मीदवार को अब प्रचार करने के लिए 5 की जगह 14 गाड़ियों की सुविधा होगी। इसी के साथ निर्वाचन आयोग की नजर उम्मीदवार के खर्च पर भी होगी।

By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 21 Feb 2024 04:36 PM (IST)
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राजनीतिक दलों को मिलेगी EVM की जानकारी, 14 गाड़ियों से प्रचार कर सकेंगे उम्मीदवार

राज्य ब्यूरो, पटना। मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव के दौरान 14 वाहनों का उपयोग कर सकेंगे। अब तक यह संख्या पांच हुआ करती थी। इस वृद्धि का आधार राज्य का बड़ा क्षेत्रफल है। इसके अलावा लोकसभा क्षेत्रों में क्लियरेंस के लिए एकल खिड़की व्यवस्था (सिंगल विंडो सिस्टम) प्रभावी होगी।

राजनीतिक दलों के आग्रह पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईओ) राजीव कुमार ने इन निर्णयों की घोषणा बुधवार को पटना में की। कुछ लोकसभा क्षेत्रों का विस्तार एक से अधिक जिलों में होने के कारण प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों को कई जगहों से क्लियरेंस लेने की मजबूरी थी। एकल खिड़की से उनकी इस समस्या का समाधान हो गया है।

निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल की सहभागिता वाली अपनी टीम के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त तीन दिवसीय दौरे पर सोमवार को पटना पहुंचे थे। बिहार और झारखंड की चुनावी समीक्षा के बाद बुधवार को वे तमिलनाडु के लिए प्रस्थान कर गए। अब तक आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बिहार और झारखंड की समीक्षा हो चुकी है। पटना प्रवास के आखिरी दिन उन्होंने पुलिस सहित 20 इनफोर्समेंट एजेंसियों के साथ बैठकर कर निष्पक्ष, पारदर्शी और भयमुक्त चुनाव की रणनीति बनाई। मंगलवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से उन्होंने सुझाव लिए थे। भाजपा का आग्रह वाहनों की संख्या बढ़ाने व एकल खिड़की की व्यवस्था का था। राजद-कांग्रेस बैलेट पेपर से मतदान की अपेक्षा किए।

ईवीएम से आशंका को निर्मूल बताते हुए सीईओ ने कहा कि मतदान वाली ईवीएम के सीरियल नंबर और प्रशिक्षण वाले ईवीएम का विस्तृत ब्योरा पोलिंग पार्टी के साथ प्रत्याशियों से साझा होगा। पर्यवेक्षकों से संबंधित सूचना सार्वजनिक होगी। इसके बाद किसी तरह की आशंका के लिए गुंजाइश नहीं होगी। आयोग पहले ही पक्षपात करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई का निर्णय ले चुका है। कनिष्ठ अधिकारियों की कोताही-कमजोरी के लिए उनके वरीय पूर्णतया जिम्मेदार होंगे और निर्वाचन आयोग उन्हें किसी सूरत में नहीं बख्शेगा।

सीईओ ने कहा कि निष्पक्ष व भयमुक्त मतदान सुनिश्चित कराने के साथ मतदान प्रतिशत बढ़ाने की चुनौती है। नई पीढ़ी के मतदाताओं की संख्या में वृद्धि से इसकी आशा बढ़ी है। महिला मतदाताओं की संख्या भी ठीक-ठाक बढ़ी है और निर्वाचक लिंगानुपात में अपेक्षित सुधार हुआ है। इसके बावजूद शहरी क्षेत्रों के मतदाताओं की उदासीनता विचारणीय है। जागरूकता अभियान चलाकर लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास होगा। कमजोर वर्ग भयमुक्त व प्रलोभन मुक्त होकर मतदान कर सकें, इसके लिए मतदान केंद्रों पर उचित संख्या में अर्द्धसैनिक बल के जवान तैनात रहेंगे। दियारा में सघन निगरानी होगी और जहां संभव होगा, वहां मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। वृद्ध मतदाताओं, दिव्यांगों, गर्भवतियों आदि के लिए मतदान केंद्रों पर रैंप, ह्वील चेयर की सुविधा के साथ वालंटियर रहेंगे। पोस्टल बैलेटों की गणना पहले होगी। चुनावी ड्यूटी पर रहने वाले मतदाता अपना मतदान मतदाता सुविधा केंद्र पर पोस्टल बैलेट से कर सकेंगे। फर्जी समाचारों से निपटने के लिए जिला स्तर पर सोशल मीडिया सेल का गठन होगा। चुनाव को प्रभावित करने वाला प्रकाशन-प्रसारण या किसी तरह का दुष्प्रचार घोर दंडनीय होगा। राजनीतिक विज्ञापनों का आकलन होगा।

राज्य में 16 लाख से अधिक मतदताओं के नाम विलोपित किए गए हैं। सीईओ का कहना था कि उनमें से 6.3 लाख की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 2.3 लाख दोहरी प्रविष्टि वाले थे। अगर किसी को शिकायत है या कोई नाम जोड़ा जाना है तो उसके लिए आवेदन दिया जा सकता है। निर्वाचन आयोग विचार करेगा। एक अप्रैल तक 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वालों को भी मतदान का अवसर मिलेगा। वैसे पात्र लोगों से आवेदन लिए जा चुके हैं। इन्हें जोड़ देने पर निर्वाचकों की संख्या में कुछ वृद्धि हो जाएगी। अभी कुल 7.64 करोड़ निर्वाचक हैं, जिनमें से चार करोड़ पुरुष और 2290 मंगलामुखियों के बाद शेष महिलाएं हैं। इनमें 18 से 29 वर्ष के मतदाताओं की संख्या 1.15 करोड़ से कुछ अधिक है। 77392 मतदान केंद्रों में से 11061 शहरी क्षेत्रों में हैं और शेष ग्रामीण।

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