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Lok Sabha Elections : बिहार का ये है वोट पैटर्न, पैसा और शराब तो कोई छूता भी नहीं, चौंका रहा चुनाव आयोग का ये सर्वे

Lok Sabha Elections लोकसभा आम चुनाव 2024 को ध्यान में रखकर मतदाताओं का ज्ञान दृष्टिकोण व्यवहार विश्वास परेशानी सुविधा प्रथा आदि जानने के लिए एक सर्वे कराया गया है। यह सर्वे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय बिहार ने कराया है। इस केएपी बेसलाइन सर्वेक्षण में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। इसके आंकड़े बिहार के वोट पैटर्न की समझ विकसित करने के लिए काफी हैं।

By Jai Shankar Bihari Edited By: Yogesh Sahu Updated: Mon, 11 Mar 2024 03:40 PM (IST)
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Lok Sabha Elections : बिहार का ये है वोट पैटर्न, पैसा और शराब तो कोई छूता भी नहीं
जयशंकर बिहारी, पटना। Lok Sabha Elections : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, बिहार ने लोकसभा आम चुनाव, 2024 के लिए राज्य के मतदाताओं का ज्ञान, दृष्टिकोण, व्यवहार, परेशानी, सुविधा आदि जानने के लिए केएपी बेसलाइन सर्वेक्षण कराया है। इसमें कई चौकाने वाले आंकड़े आए हैं।

आयोग के प्रश्न कि पिछले चुनाव में मतदान (Voting) करने का कारण क्या था, इसके लिए मतदाताओं को अन्य सहित 14 विकल्प दिए गए थे। इसमें से सबसे अधिक 41.6 प्रतिशत ने मतदान करने का प्रमुख कारण राजनीतिक दल का समर्थक होना बताया है।

27.1 प्रतिशत ने कहा कि अपना कर्तव्य समझकर मतदान किया। वहीं, लगभग दो प्रतिशत ने कहा कि वह धमकी और दबाव में आकर मतदान किये हैं। 13 प्रतिशत ने कहा कि परिवार के मुखिया व आठ प्रतिशत ने दोस्तों से प्रभावित होकर मतदान किया।

किसी खास प्रत्याशी और दल को हराने के उद्देश्य से 3.2 प्रतिशत तथा 5.2 प्रतिशत ने प्रत्याशी अच्छे होने के कारण मतदान किया। पैसा, शराब या अन्य प्रलोभन के कारण मतदान करने की बात किसी ने नहीं कहा।

चुनाव आयोग द्वारा मतदान के लिए निर्मित स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के अनुकूल वातावरण और वोटिंग के लिए बार-बार अपील से प्रभावित होकर मतदान करने वाला कालम को किसी ने नहीं भरा।

गत चुनाव में मतदान नहीं करने का कारण 74.8 प्रतिशत ने ये बताया

सर्वेक्षण रिपोर्ट में मतदान में शामिल नहीं होने वाले वोटरों का भी फीडबैक लिया गया है। मतदान नहीं करने वालों में 74.8 प्रतिशत ने इसका प्रमुख कारण मतदाता पहचान पत्र नहीं होना बताया है।

मतदान नहीं करने का कारण लंबी कतार 3.8 प्रतिशत, मतदान केंद्र की जानकारी का अभाव 1.9, चुनावी लोकतंत्र में विश्वास नहीं होना 2.4, समुदाय व धार्मिक नेता के नहीं कहने पर 2.5, अच्छा उम्मीदरवार नहीं होने पर 2.1, मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण 3.0 तथा अपने निर्वाचन क्षेत्र में नहीं होने के कारण 1.2 प्रतिशत वोटरों ने बताया है। कुछ लोगों ने सर्वेक्षण के दौरान कम मतदान के कारणों में परिवहन की व्यवस्था बेहतर नहीं होना भी बताया है।

आयोग ने लोस की सभी सीटों पर कराया सर्वेक्षण

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने रिपोर्ट में बताया है कि सहज, सुगम और सम्रग मतदान के उद्देश्य से राज्य के सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों में केएपी बेसलाइन सर्वेक्षण कराया गया है।

सर्वेक्षण में सभी विधानसभा के 59 हजार 610 मतदाताओं ने अपने विचार रखे हैं। मतदान में महिलाओं की भागीदारी अधिक रहने के कारण सर्वेक्षण में भी महिला उत्तरदाताओं की संख्या 57.2 प्रतिशत है।

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