Bihar Electricity News: बिहार में अब स्पीड ब्रेकर से बनेगी बिजली, जलेगी ट्रैफिक लाइट; NIT पटना को मिली सफलता
डॉ. शैलेश ने तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि इस डिजाइन कार्य में वाहन के द्रव्यमान को 160 किलोग्राम माना गया। साथ ही स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई को 10 सेंटीमीटर रखा गया। बल की गणना 160 x 9.81 मीटर प्रति सेकंड से की। वाहन द्वारा तय की गई दूरी यानी ब्रेक की ऊंचाई को 10 सेंटीमीटर रखा गया गया। प्रति एक धक्के के लिए 2.616 वाट की शक्ति मिली।
एक ब्रेकर से सालाना 1356.2 केवी बिजली
एनआइटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. शैलेश एम पांडेय के नेतृत्व में यह सफलता मिली है। इस नवाचार में एमटेक के छात्र राकेश सिंघला एवं बीटेक के छात्र आनंद पांडेय ने सहयोग किया है।गतिज ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में किया जाता परिवर्तित
सीएसआइआर ने किया अनुमोदन, दी रिपोर्ट
डॉ. शैलेश ने बताया कि केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीएसआइआर), नई दिल्ली ने इस नवाचार को अनुमोदित करते हुए परिवहन मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। इस आविष्कार का मुख्य उद्देश्य स्पीड ब्रेकर से हरित ऊर्जा उत्पन्न करना है। यह उपयोग के लिए हर प्रकार से प्रदूषण व ईंधन से रहित सबसे सस्ती बिजली है।ये भी पढ़ें- Bihar Bijli Chori: अब स्मार्ट मीटर से भी होने लगी बिजली चोरी, पुलिस ने 5 के खिलाफ दर्ज की FIR; ना करें ये गलतीये भी पढ़ें- Bihar Bijli Rate: दिल्ली की तरह बिहार में भी मिलेगी फ्री बिजली? CM नीतीश कुमार ने दिया ये जवाबइस नवाचार से लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने में काफी हद तक मदद मिलेगी। इसे पेटेंट भी मिल चुका है। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान ने इसपर मुहर लगा दी है। यह जल्द ही सार्वजनिक उपयोग के लिए प्रयोग में आ सकता है। इसे वाहनों द्वारा उत्पन्न गतिज ऊर्जा को साफ और उपयोगी बिजली में परिवर्तित करने के लिए विशेष रूप से विकसित किया गया है। कुछ दिनों के बाद इसके फायदे भी दिखने लगेंगे। - प्रो. प्रदीप कुमार जैन (निदेशक, एनआइटी पटना)