बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। पश्चिमी चंपारण के बगहा-1 प्रखंड में गंडक नदी का तटबंध टूट गया है। सीतामढ़ी और शिवहर में भी बागमती नदी का तटबंध टूटने से बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है। दर्जनों गांवों का संपर्क कट गया है। एक ही दिन में इतने तटबंध का टूटनेसे ग्रामीणाें में दहशत का माहौल है।
राज्य ब्यूरो, पटना। गंडक में उफान के कारण पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा-एक प्रखंड में नदी के बाएं किनारे अवस्थित चंपारण तटबंध टूट गया। जल संसाधन विभाग के इंजीनियर व कर्मी तटबंध की मरम्मत में जुटे हुए हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए विभाग के अपर सचिव नवीन ने बताया कि तटबंध की निगरानी व जिला प्रशासन से समन्वय में बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, बगहा पर कमी-कोताही का आरोप है। इस आरोप में कार्यपालक अभियंता निशिकांत कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि गंडक और कोसी के निम्न प्रवाह क्षेत्र में जल-स्तर में लगातार वृद्धि हो रही। दोनोंं नदियों के तटबंधों पर सीपेज व पाइपिंग को चिह्नित कर सुरक्षात्मक कार्य कराया जा रहा है।
सीतामढ़ी और शिवहर जिला में बागमती के दोनों तटबंधों पर 20 जगह सीपेज व रेनकट को समय रहते दुरुस्त किया गया। सीतामढ़ी में बेलसंड प्रखंड अंतर्गत मधकौल गांव के निकट बागमती का दाया तटबंध 35 मीटर की लंबाई में क्षतिग्रस्त हुआ है। उसे दुरुस्त कराया जा रहा।
इसके अलावा, पूर्वी-पश्चिमी कोसी तटबंध पर निर्मित अपेक्षाकृत कम ऊंचाई वाले स्परों पर डावेल बनाकर ओवर टापिंग को रोका गया है। पश्चिमी कोसी तटबंध पर 50 मीटर की लंबाई में डावेल बनाया भी जा रहा है।
रजवटिया-रतवल बांध टूटा, कई गांवों का आवागमन ठप
पश्चिमी चंपारण के बगहा-एक प्रखंड के रजवटिया- रतवल बांध पानी के दबाव में रविवार की दोपहर बाद खैरटवा गांव के पास टूट गया। जिससे लगभग 30 हजार की आबादी का संपर्क कट गया है।
तटबंध टूटने की वजह से गंडक नदी का पानी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। किसान और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों ने जल संसाधन विभाग के अभियंताओं पर उदासीनता का आरोप लगाया है।किसान व लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि केवल बालू भरी बोरियां इधर से उधर अभियंता करवाते रहे। बांध की दरार की पड़ताल नहीं की, जिसका यह परिणाम हुआ है। गंडक नदी जलस्तर में वृद्धि के साथ बांध को तोड़ दिया है। बांध टूटने से आवागमन बंद है।
बता दें कि बांध का निर्माण क्षेत्र को बचाने के लिए किया गया था। विभागीय उदासीनता के कारण बांध टूट कर फसलों को नुकसान कर रहा है। जल संसाधन विभाग टूटे हुए बांध पर नजर रखे हुए हैं।
शिवहर में टूटा बागमती नदी का तटबंध
बागमती नदी में आए उफान के बाद रविवार रात तरियानी छपरा में तटबंध टूट गया है। इसके साथ ही तरियानी के इलाकों में बाढ़ का संकट गहरा गया है। बाढ़ का पानी तेजी से रिहायशी इलाकों में फैल रहा है। लोगों में भगदड़ की स्थिति है।
तरियानी छपरा में दो स्थानों व कुंडल गांव में एक स्थान पर तटबंध में रिसाव आ गया था। दिनभर की मशक्कत के बावजूद तरियानी छपरा स्कूल के पास रविवार की शाम साढ़े सात बजे 20 फीट में तटबंध ध्वस्त हो गया है। तरियानी छपरा थानाध्यक्ष रोहित कुमार के नेतृत्व में पुलिस व एसडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुट गई है।
सीतामढ़ी के सौली में भी टूटा बागमती नदी का बायां तटबंध
सीतामढ़ी के बेलसंड में बागमती नदी का बायां तटबंध रविवार रात करीब साढ़े आठ बजे टूट गया। घटनास्थल के निकट सुबह से ही पानी का रिसाव हो रहा था, जिसे रोकने का अथक प्रयास ग्रामीणों द्वारा किया गया; लेकिन अंततः बांध टूट गया।बांध टूटने से पानी तेजी से गांव में फैल रहा है। इसके पूर्व मधकौल गांव के निकट बागमती नदी का बायां तटबंध टूट चुका था। बागमती नदी का तटबंध के टूटने से बेलसंड और परसौनी प्रखंड के कई गांवों पर खतरा मंडराने लाग है। एक ही दिन में तटबंध का टूट जाना ग्रामीणाें में दहशत का माहौल है। लाेग रतजगा कर रहे हैं, ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
बागमती का पानी सौली, रुपौली, ओलीपुर, कन्हौली गांव होते हुए बेलसंड एवं परसौनी में भी फैलाव बढ़ सकता है। बेलसंड के भटौलिया, पताही एवं परसौनी के सिरखौली एवं परसौनी खिरोधर में भी पानी का फैलाव धीरे-धीरे बढ़ सकता है।बता दें कि बागमती नदी का बायां तटबंध सौली में मरम्मत विगत कई वर्षों से मरम्मत नहीं हुई है। यही तटबंध आगे जाकर दिन में एक बजकर 42 मिनट पर मधकौल में भी टूटा है। पूर्व में भी यह तटबंध कई बार टूट चुका है।
बागमती के दाहिना तटबंध की बलुआ पंचायत के खरौउवा गांव के समीप बागमती का दायां तटबंध नौ बजे टूट गया है। स्थानीय मुखिया नवीन कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शाम से ही वहां रिसाव हो रहा था।बागमती प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रवींद कुमार ने बताया कि वह शिवहर डिविजन में है। शिवहर प्रमंडल के कोई अधिकारी वहां पहुंचे ही नहीं उसको बचाने के लिए। ग्रामीणों के लाख प्रयास के बावजूद उसको बचाया नहीं जा सका।
तटबंध टूटने से बलुआ, तिलकताजपुर, सिरखिरिया, वासुदेव विशनपुर, महेशाफड़कपुर पंचायत की 50 हजार बाढ़ की चपेट में आने की संभावना है।परसौनी के कोरा, रमनी, भुल्ली के तटबंध पर दिन से ही रिसाव जारी है। ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में उसकी मरम्त में जुटे हुए हैं। बावजूद अब तक रिसाव बंद नहीं हुआ है। उसमें बढ़ोत्तरी ही जारी है। प्रशासनिक स्तर पर रिसाव रोकने का प्रयास कहीं कुछ दिखाई नहीं पड़ रहा है। साथ ही हरपुर, धनकौल, मीनापुर बलहा में भी रिसाव जारी है।
अगर यही स्थिति रही तो रात में तटबंध का टूटना निश्चित है। लोगों ने बताया कि बेलसंड सीओ प्रिंस प्रकाश और पिपराढ़ी सीओ अनु प्रिया से बात करने पर उन्होंने मानव बल की कमी की बताई। उन्होंने ग्रामीणों को अपने स्तर से रिसाव को रोकने की सलाह दी।
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