Mid Day Meal: बिहार में शिक्षकों को मिलेगी मध्याह्न भोजन योजना से मुक्ति! तमिलनाडु मॉडल लागू करने की तैयारी
बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को मध्याह्न भोजन योजना से मुक्त करने पर विचार किया जा रहा है। तमिलनाडु की शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन करने वाली टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें मध्याह्न भोजन योजना को समाज कल्याण विभाग के तहत संचालित करने की सिफारिश की गई है। शिक्षा विभाग इस योजना के क्रियान्वयन से शिक्षकों को मुक्त करने संबंधी विकल्पों पर विचार कर रहा है।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन योजना (पीएम पोषण स्कीम) से शिक्षक मुक्त होंगे! इससे संबंधित प्रस्ताव पर शिक्षा विभाग द्वारा काम कराया जा रहा है। तमिलनाडु की शिक्षा व्यवस्था, शिक्षकों की सेवा शर्त, स्थानातंरण व पदस्थापन और प्रशासनिक ढांचे का अध्ययन करके लौटी अफसरों की टीम ने विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ को रिपोर्ट दी है।
इसमें कहा गया है कि तमिलनाडु में मध्याह्न भोजन योजना वहां के समाज कल्याण विभाग से संचालित है। उसमें शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है। वहां के स्कूली शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लाने में शिक्षकों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है। अपर मुख्य सचिव ने तमिलनाडु की अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर एक समेकित प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश अफसरों को दिया है।
एक अधिकारी ने बताया कि स्कूली शिक्षा की बेहतरी के मद्देनजर राज्य में मध्याह्न भोजन योजना में तमिलनाडु मॉडल लागू होने के आसार बढ़ गए हैं, क्योंकि शिक्षक संगठनों और कई जनप्रतिनिधियों की अरसे से यह मांग रही है कि इस योजना से शिक्षकों को मुक्त रखा जाएस इसलिए विभाग इस योजना के क्रियान्वयन से शिक्षकों को मुक्त करने संबंधी विकल्पों पर विचार कर रहा है। वैसे टीम की अनुशंसा रिपोर्ट व प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री के स्तर पर ही लिया जाएगा।
तमिलनाडु में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन योजना केंद्र प्रायोजित है, जबकि नौवीं-दसवीं कक्षा के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री ब्रेकफास्ट योजना वहां की राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही है। आधे घंटे मिड डे मील के लिए निर्धारित है। इसके बाद बच्चों के स्पीच प्रैक्टिस के लिए हर दिन 20 मिनट तेज आवाज में बोल करके पढ़ना अनिवार्य है। सभी काम मोबाइल और टैब पर होता है।
शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति, पढ़ाई, प्रश्नों के उत्तर सहित अन्य काम मोबाइल और टैब के माध्यम से किया जाता है। स्कूल से लेकर मुख्यालय तक आनलाइन सिस्टम है। प्रत्येक वर्ष हर बच्चे को चार सेट ड्रेस दिया जाता है। सीनियर छात्रों के लिए दो घंटे का अतिरिक्त क्लास होता है।
अध्ययन टीम की रिपोर्ट
- तमिलनाडु में विद्यालयों का संचालन पूर्वाह्न नौ से अपराह्न चार बजे तक
- 75 प्रतिशत प्रधानाध्यापक बनते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी -संविदा और अस्थायी की जगह शिक्षक से लेकर रसोईया तक की स्थायी नौकरी
- सेवानिवृत्त के बाद पेंशन का प्रविधान भी
- प्रबंधक स्तर के कर्मचारी को 24 हजार रुपये वेतनमान
- रसोइया को 14 हजार रुपये और सहायक रसोइया को 8 हजार रुपये वेतन तथा सेवानिवृत्ति के बाद 1 लाख रुपये एकमुश्त राशि और प्रतिमाह 2 हजार रुपये पेंशन
- प्रत्येक विद्यालय में कम से कम तीन स्थायी कर्मचारी
- शहरी क्षेत्रों के विद्यालय नगर निगम के अधीन
ये अधिकारी गए थे तमिलनाडु: प्राथमिक शिक्षा निर्देशक मिथिलेश मिश्र, राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक सज्जन आर., उपनिदेशक संजय कुमार चौधरी, कटिहार के जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार तथा पश्चिम चंपारण के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) योगेश कुमार।
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