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इंजीनियर हत्याकांड : जब्त होगी गैंगस्टर संतोष झा गिरोह के सदस्यों की काली संपत्ति

दरभंगा में सड़क निर्माण से जुडी निजी कंपनी दो इंजीनियरों की हत्या में शामिल आपराधिक गिरोह को अब चौतरफा घेरने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। गया सेंट्रल जेल में बंद संतोष झा और उसके गिरोह में शामिल सभी सदस्यों की सूची बनाकर उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी।

By Kajal KumariEdited By: Updated: Wed, 30 Dec 2015 03:08 PM (IST)
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पटना। दरभंगा में सड़क निर्माण से जुडी निजी कंपनी सीएनसी के दो इंजीनियरों की हत्या में शामिल आपराधिक गिरोह को अब चौतरफा घेरने की तैयारियां शुरू कर दी गई है।

राज्य पुलिस मुख्यालय गया सेंट्रल जेल में बंद संतोष झा और उसके गिरोह में शामिल सभी सदस्यों की सूची बनाकर उनकी चल व अचल संपत्ति को जब्त करने की तैयारी में है। इसकी जिम्मेदारी बिहार पुलिस के आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को सौंपी जा रही है।

उधर, संतोष झा को पूछताछ के लिए पुलिस जल्द ही रिमांड लेगी। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

जानकारी के अनुसार वर्ष 2004 तक प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के लिए सीतामढ़ी और शिवहर जिलों में लेवी वसूली का धंधा करने वाले संतोष झा और उसके आपराधिक संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में शामिल अपराधियों ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान करोड़ो रुपये की संपत्ति का साम्राज्य खड़ा कर लिया है।

सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि संतोष झा और उसके गिरोह के शूटर मुकेश पाठक व विकास झा उर्फ कालिया ने पड़ोसी देश नेपाल में भी करोड़ों का निवेश कर रखा है। यह निवेश होटल और पर्यटन से जुड़े कारोबारों में है।

इस संबंध में पूछने पर राज्य के एडीजी (मुख्यालय) सुनील कुमार ने कहा कि हम इस गिरोह के सफाए के लिए सभी संभावित कार्रवाई कर रहे हैं।

अपराध की दुनिया से की गई कमाई भी पुलिस के निशाने पर है। जब आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस महानिरीक्षक जीतेंद्र सिंह गंगवार से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम मुख्यालय स्तर से इस संबंध में प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं। हमें जैसे ही प्रस्ताव मिलता है, कार्रवाई शुरू कर देंगे। बता दें कि पुलिस मुख्यालय ने राज्य में करीब एक दर्जन दुर्दांत अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसमें सबसे पहला नाम रीतलाल यादव का है।

सूत्र बताते हैं कि नेपाल में सक्रिय नेपाली माओवादियों के साथ संतोष झा के काफी मधुर संबंध रहे हैं। अपराध की दुनिया में आने से पहले वह प्रतिबंधित संगठन भाकपा- माओवादी के सीतामढ़ी व शिवहर जिलों का इंचार्ज रहा है। उसने अपने नेपाली माओवादी मित्रों के साथ मिलकर नेपाल के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर होटल, कैसिनो और ट्रैवल एजेंसी तथा इस तरह के कई अन्य कारोबार कर रखा है।

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