मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और भागलपुर में जल्द बनेंगे ESIC अस्पताल, मोदी सरकार ने दी हरी झंडी; ये रहा पूरा प्लान
बिहार के मुजफ्फरपुर बेगूसराय और भागलपुर में जल्द ही कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के अस्पताल बनेंगे। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर सहमति बनी। इन अस्पतालों के बनने से लाखों बीमित कर्मचारियों और उनके आश्रितों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी। बैठक में श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद समेत अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और भागलपुर में कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल का निर्माण शीघ्र होगा। इस पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में नई दिल्ली में मंगलवार को आयोजित बैठक में सहमति दी गई। कर्मचारी राज्य बीमा निगम की 194वीं बैठक में श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद समेत अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में सचिव दीपक आनंद ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम के स्तर से शीघ्र कार्रवाई का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने बीमित व्यक्तियों एवं उनके आश्रितों को इलाज से संबंधित औषधि प्रतिपूर्ति देयक आदि को भुगतान हेतु वर्तमान व्यवस्था को कर्मचारी राज्य बीमा सोसाइटी के कार्यान्वयन होने तक चालू रखने का अनुरोध किया गया।
सचिव के मुताबिक, कर्मचारी राज्य बीमा निगम के 100 बिस्तर वाले अस्पताल निर्माण हेतु मुजफ्फरपुर जिले में दो करोड़ नौ लाख पच्चीस हजार नौ सौ अठारह रुपये के भुगतान पर 5.07 एकड़ भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से प्राप्त हुआ है।
बेगूसराय जिले के बरौनी में 100 बिस्तर वाले अस्पताल और डिस्पेंसरी सह शाखा कार्यालय की स्थापना के लिए 5.5 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी गयी है, जो हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कार्पोरेशन लिमिटेड के अधीन है।
इस संबंध में सचिव की ओर से संबंधित विभाग से वार्ता कर सहमति प्राप्त करने का अनुरोध किया गया है। भागलपुर जिले में 100 बिस्तर वाले अस्पताल के निर्माण हेतु भी सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गयी।
कर्मचारियों को बेहतर और साफ-सुथरा कार्य स्थल, माहौल उपलब्ध कराएं : मुख्य सचिव
प्रदेश के सचिवालयों में इधर-उधर फैली फाइल, अभिलेखों का मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने संज्ञान लिया है और विभागों को इस व्यवस्था में सुधार के निर्देश जारी किए हैं। मुख्य सचिव ने विभागों के प्रधानों को भेजे पत्र में कहा है कि कार्यालय परिसर को साफ सुथरा रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं। कार्यालय परिसर में सफाई बेहद आवश्यक है। फाइलों और अभिलेखों के रख-रखाव की व्यवस्था रहे ताकि कर्मचारी-पदाधिकारी बेहतर माहौल में कार्य कर सकें।
मुख्य सचिव मीणा ने जारी पत्र में कहा है कि मुख्यालय स्थित विभागों में पुरानी फाइलें, अभिलेख,अनुपयोगी और क्षतिग्रस्त मशीन, पुरानी सामग्रियां जैसे बुकलेट और प्रपत्र जहां-तहां पड़े होते हैं। जिससेे विभाग और कार्यालय में पदाधिकारियों व कर्मचारियों को साफ-सुथरा और व्यवस्थित कार्यस्थल नहीं मिलता। कार्यालय में पर्याप्त रहने के बाद भी इनका बेहतर इस्तेमाल नहीं होता। जिस वजह से जगह की कमी की समस्या भी बनी रहती है।
मुख्य सचिव ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, विभागाध्यक्ष और जिला पदाधिकारी को निर्देश है कि सभी अपने अधीनस्थ विभाग और कार्यालय परिसर का निरीक्षण कर इसे बेहतर बनाने की कार्य योजना बनाएं। साफ-सफाई होने से न केवल कार्य निष्पादन की गति बढ़ती है, बल्कि इससे समय सीमा के अंदर पारदर्शिता और गुणवत्तापूर्ण तरीके से कार्यो का निष्पादन भी संभव होता है।मुख्य सचिव ने कार्यालय परिसर की साफ-सफाई, पुरानी संचिकाओं व अभिलेखों के रख-रखाव, संरक्षण और कर्मियों को बेहतर कार्यस्थल उपलब्ध करवाने के लिये शिक्षा विभाग, राजस्व पर्षद और सामान्य प्रशासन विभाग का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार अन्य विभागीय प्रधान, क्षेत्रीय कार्यालय प्रधान अपनी सुविधानुसार इसका निरीक्षण कर सकते हैं।
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