बिहार में 5 लोकसभा सीटें गंवाने के बाद भी बच गई इन BJP नेताओं की कुर्सी, अब इनके कंधों पर विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी
Bihar Assembly Election लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद भाजपा ने समीक्षा कर कई प्रदेशों में प्रभारियों को लेकर बड़ा फेरबदल किया है लेकिन बिहार में पांच सीटें गंवाने के बाद भी पार्टी ने कोई परिवर्तन नहीं किया बल्कि इन्हीं के कंधों पर विधानसभा चुनाव में अपनी साख बचाने की जिम्मेदारी सौंप दी है। मालूम हो कि 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा को 17 सीटें हासिल हुई थीं।
राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश प्रभारियों के दायित्व में शुक्रवार को व्यापक फेर-बदल कर दिया। बिहार में पांच सीटें गंवाने वाले पार्टी के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े व सह प्रभारी दीपक प्रकाश अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहे।
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 17 सीटों पर चुनाव लड़ी और पांच सीट हार गई। 12 सीट पर सिमटने के बाजवूद पार्टी ने तावड़े पर भरोसा जताया है। उल्लेखनीय है कि 2019 में भाजपा बिहार में 17 सीटों पर सफल रही थी।
दोनों नेताओं पर प्रदर्शन बचाने का दायित्व
बहरहाल तावड़े पर 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को बचाने का दायित्व है। तावड़े के सामने चुनौती यह है कि कई भाजपा विधायकों के विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की हार हुई है।
ऐसी चुनौतियाें से पार्टी को निपटना होगा। बिहार के नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन के पास छत्तीसगढ़ के प्रभारी का दायित्व बरकरार रह गया है। इसी तरह एमएलसी देवेश कुमार मिजोरम के प्रभारी की कुर्सी बचाने में सफल रहे हैं।
इसके साथ ही राज्य सरकार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डा. दिलीप जायसवाल को भी पार्टी ने सिक्किम के प्रभारी पद पर बनाए रखा है। बिहार से कृषि व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बंगाल के पहले से ही प्रभारी हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आदेश पर हुए परिवर्तन में मंगल भी अपनी कुर्सी बचा ले गए हैं। दरअसल बंगाल में प्रभारी के परिवर्तन पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।
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