दिल्ली में पत्नी, बच्चों व मां से शहाबुद्दीन की भावुक मुलाकात, बिहार का बाहुबली तिहाड़ में काट रहा उम्रकैद
बिहार के सिवान के बाहुबली पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की दिल्ली में परिवार से 18 घंटे की मुलाकात हुई। उनकी परिवार से यह मुलाकात करीब तीन साल बाद हुई। वे दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
By Amit AlokEdited By: Updated: Wed, 23 Dec 2020 10:12 PM (IST)
पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्क। बिहार के सिवान के बाहुबली पूर्व सांसद व राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता मो. शहाबुद्दीन (Md. Shahabuddin) ने संगीनों के साए में पत्नी, बच्चों व मां से मुलाकात की। तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे शहाबुद्दीन दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) की अनुमति से दिल्ली में तीन साल से अधिक अवधि के बाद स्वजनों से मिले। कोर्ट ने उन्हें स्वजनों से दिल्ली में कहीं भी छह-छह घंटे की समय सीमा में कुल 18 घंटे की मुलाकात की अनुमति दी थी। इस दौरान वे भावुक (Emotional) भी हो गए।
कोर्ट ने दिल्ली में परिवार से मिलने की मिली अनुमति मो. शहाबुद्दीन ने बिहार के सिवान जाकर स्वजनों से मिलने के लिए कोर्ट से पैरोल मांगा था, लेकिन बिहार व दिल्ली की सरकारों ने इस अवधि के दौरान उन्हें सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। बिहार सरकार ने कहा कि शहाबुद्दीन के सिवान जाने से कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें दिल्ली में ही अपनी इच्छानुसार किसी जगह परिवार से मिलने की अनुमति दी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह एक महीने के दौरान तीन दिन छह-छह घंटे तक शहाबुद्दीन को परिवार से मिलवाने की व्यवस्था करे।
कड़ी सुरक्षा में पत्नी, बेटी-बेटियों व मां से की मुलाकात कोर्ट के निर्देशानुसार शहाबुद्दीन ने नई दिल्ली के गीता कॉलोनी स्थित ताज इन्क्लेव के एक फ्लैट में पत्नी हेना शहाब, बेटा मोहम्मद ओसामा, दोनों बेटियों और मां से मुलाकात की। फ्लैट सिवान के मूल निवासी शहाबुद्दीन के एक करीबी व्यक्ति का बताया जा रहा है। शहाबुद्दीन की वहां परिवार से मुलाकात बीते सोमवार, बुधवार और शनिवार को हुई। मुलाकात के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
पिता के सुपुर्द-ए-खाक में नहीं हो सके थे शामिल शहाबुद्दीन के तिहाड़ जेल में रहते हुए उनके पिता शेख मोहम्मद हसीबुल्लाह का सिवान में 19 सितंबर को निधन हो गया था। पिता के सुपुर्द-ए-खाक की रस्म में शामिल होने के लिए उन्हें पैरोल नहीं मिल सका था। इसके बाद उन्होंने पिता के चालीसवां में आने के लिए जब दिल्ली हाईकोर्ट कोर्ट में गुहार लगाई तो कोर्ट ने दिल्ली और बिहार की सरकारों से इस बाबत रिपोर्ट मांगी। इसपर दोनों सरकारों ने उन्हें पैरोल अवधि में सुरक्षा देने में असमर्थता जता दी। बिहार सरकार ने कानून-व्यवस्था की आशंका जताई। इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली में उनकी मुलाकात का आदेश दिया।
मुलाकात के दौरान आए कई भावुक पल शहाबुद्दीन की परिवार से यह मुलाकात लगभग तीन साल दो महीने बाद हो सकी। बताया जाता है कि इस दौरान कई भावुक क्षण आए। अब शहाबुद्दीन अपनी बेटी के निकाह में शामिल होने के लिए पैरोल की अर्जी देंगे। परिवार के करीबी लोगों के अनुसार शहाबुद्दीन की एक बेटी डॉक्टर है तो दूसरी मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।
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