बिहार की 6 फेमस खाने वाली चीजों को मिलेगा GI Tag, यहां पढ़ लीजिए पूरी लिस्ट; व्यापारियों की हो जाएगी चांदी
बिहार के 6 फेमस खाद्य सामग्री को केंद्र सरकार जीआई टैग देने जा रही है जिनमें गया का तिलकुट वैशाली का चीनिया केला नालंदा की बावनबुटी भोजपुर का खुरमा और सीतामढ़ी की बालूशाही शामिल हैं। इससे इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। इससे पहले भागलपुर के कतरनी चूड़ा मिथिला मखाना शाही लीची और जर्दालु आम को जीआई टैग मिल चुका है।
रमण शुक्ला, जागरण, पटना। Bihar News: बिहार के कई उत्पादों को केंद्र सरकार विशिष्ट पहचान जीआइ (भौगोलिक संकेतक) देगा। इसमें गया के तिलकुट व पत्थलकटी, वैशाली जिले हाजीपुर का चीनिया केला, नालंदा की बावनबुटी, भोजपुर जिले में उदवंतनगर के खुरमा एवं सीतामढ़ी की बालूशाही को शीघ्र ही जीआइ टैग देने की तैयारी है।
गया, वैशाली, सीतामढ़ी, भोजपुर एवं नालंदा के जिलाधिकारियों की ओर से यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तहत भौगोलिक संकेत (जीआइ) अधिकार, भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री (जीआइआर) ने आवेदन स्वीकार कर लिया है।बिहार के इन उत्पादों पर वाणिज्य मंत्रालय की मुहर लगते ही अंतरराष्ट्रीय स्तर ख्याती का रास्ता साफ हो जाएगा।
अहम यह है कि 2014 के बाद मोदी सरकार भागलपुर के कतरनी चूड़ा एवं मिथिला मखाना समेत आठ उत्पादों को जीआइ प्रदान कर चुकी है।
शाही लीची व जर्दालु आम को मिल चुका विशिष्टता
दस वर्षों में भागलपुरी जर्दालु आम, कतरनी चूड़ा व सिल्क, मुजफ्फरपुर की शाही लीची, मिथिला मखाना , मगही पान, नालंदा जिले के सिलाव के खाजा, मधुबनी पेंटिंग को जीआइ टैग मिलने के बाद नई प्रसिद्धि भी मिली है। साथ ही कारोबार में वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय एवं अतंरराष्ट्रीय स्तर पर मांग भी बढ़ी है। बिहार के इन उत्पादों की नए सिरे से ब्रांडिंग भी हुई है।
बिहार कृषि विवि, सबौर में खुलेगा फैसिलिटेशन सेंटर
नाबार्ड के सहयोग शीघ्र ही बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर में जीआइ टैग फैसिलिटेशन सेंटर खोलने की तैयारी है। इस पहल के बाद बिहार के अन्य उत्पादों को वैश्विक स्तर पर विशेष पहचान दिलाने एवं उनकी आय बढ़ाने में मदद में मिलेगी। किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में यह पहल की जा रही है।