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Bihar Budget: बढ़ रहा बिहार... विकास दर देश में सबसे अधिक, बजट में छात्र और महिलाओं की विशेष चिंता

Bihar Budget आर्थिक विकास की गति आज देश में सबसे तेज है। इस बार बजट आकार 278725.72 करोड़ का है जो पिछले वित्तीय वर्ष से 16840.32 करोड़ रुपये अधिक है। यह वृद्धि 6.43 प्रतिशत है। बजट में शिक्षा-स्वास्थ्य नौकरी-रोजगार ग्रामीण विकास महिला व समाज कल्याण के साथ सुरक्षा-संरक्षा की विशेष चिंता है। आधारभूत संरचनाओं के सृजन पर जोर है तो सात निश्चय पार्ट-2 को परिणति तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता भी।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Mukul KumarUpdated: Wed, 14 Feb 2024 12:47 PM (IST)
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अन्य नेताओं के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय सिन्हा
राज्य ब्यूरो, पटना।  Bihar Budget बिहार के आर्थिक विकास की गति आज देश में सबसे तेज है। 7.24 प्रतिशत की राष्ट्रीय औसत की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिहार की वृद्धि दर 10.64 प्रतिशत रही। यह सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन व समावेशी विकास का प्रतिफल है।

विकास की इस गति को शिखर तक पहुंचाने के संकल्प के साथ उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट विधान मंडल में प्रस्तुत किया। इस बार बजट आकार 278725.72 करोड़ का है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 16840.32 करोड़ रुपये अधिक है। यह वृद्धि 6.43 प्रतिशत है।

बजट में सुरक्षा-संरक्षा की विशेष चिंता

बजट में शिक्षा-स्वास्थ्य, नौकरी-रोजगार, ग्रामीण विकास, महिला व समाज कल्याण के साथ सुरक्षा-संरक्षा की विशेष चिंता है। आधारभूत संरचनाओं के सृजन पर जोर है तो सात निश्चय पार्ट-2 को परिणति तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता भी। शहरों के विकास को गति मिलेगी और पहले की तरह कृषि की सुधि भी ली जाएगी।

यही कारण है कि इनसे संबंधित विभागों को सर्वाधिक बजटीय आवंटन हुआ है। पहली बार बजट प्रस्तुत करते हुए सम्राट ने सरकार की जिन आठ प्राथमिकताओं का निर्धारण किया है, उनसे भविष्य के बिहार की झलक मिलती है। इस बार योजना मद में व्यय पिछली बार की तुलना में दो सौ करोड़ रुपये कम अनुमानित है।

सरकार की बढ़ी है आय

हालांकि, स्थापना व प्रतिबद्ध व्यय के मद में आवंटन बढ़ा है। ऐसा नई नियुक्ति, मानदेय में वृद्धि, उच्च स्तर का कार्यकारी प्रभार, पेंशन और ऋण अदायगी के कारण हुआ है। सम्राट के अनुसार, यह बढ़ता खर्च बता रहा कि सरकार की आय बढ़ी है। बिहार विकास की पटरी पर बहुत आगे निकल चुका है।

कुशल वित्तीय प्रबंधन की सुखद परिणति राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में वृद्धि के रूप में दर्ज हुई है, जो पिछले एक दशक में डेढ़ गुना से भी अधिक बढ़कर 4.42 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) की रिपोर्ट बता रही कि बिहार की अर्थव्यवस्था 10.64 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ तेजी से बढ़ी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल मार्ग-निर्देशन और बेहतर वित्तीय प्रबंधन के कारण राज्य ने इस विकास दर को प्राप्त किया है।

ढाई गुणा बढ़ चुका है बजट का आकार

यह वृद्धि देश के अन्य राज्यों और केंद्र शासित राज्यों की तुलना में अधिक है। विकास दर के मामले में दूसरे स्थान पर असम (10.2%) और तीसरे स्थान पर (9.2%) पर दिल्ली है।  बिहार का बजट आकार पिछले एक दशक में लगभग ढाई गुणा बढ़ चुका है।

इस बार भी शिक्षा विभाग के लिए सर्वाधिक 52639 करोड़ का बजटीय प्रविधान है, जो कुल बजट का 18.89 प्रतिशत है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 3.44 प्रतिशत अधिक है। रक्षाबंधन पर महिलाओं को राज्य पथ परिवहन की बसों से नि:शुल्क यात्रा का उपहार मिला है। नए वित्तीय वर्ष में 50 जीविका दीदी की रसोई खोलने का लक्ष्य है।

सात निश्चय-2 के लिए इस बजट में 5040 करोड़ का आवंटन है। युवा राज्य सरकार की प्राथमिकता में हैं। इसलिए खेल विभाग का गठन हुआ है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लिए सात सौ करोड़ और स्वयं सहायता भत्ता योजना के लिए दो सौ करोड़ का प्रविधान किया गया है।

20 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लक्ष्य पर तेजी से काम किया जा रहा है, जबकि जीविका परियोजना के सफल संचालन के लिए रिक्त तीन हजार पदों पर नए वित्तीय वर्ष में नियुक्ति होनी है। 35 हजार युवाओं का प्रशिक्षित कर उन्हें नियोजित व स्व-नियोजित किया जाएगा।

31 हजार अत्यंत निर्धन परिवारों को सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ मिलेगा। इसके अलावा चयनित परिवारों को जीविकोपार्जन संवर्द्धन हेतु प्रति परिवार अधिकतम दो लाख रुपये दिए जाएंगे।

बजट में जाति आधारित गणना का भी उल्लेख है और यह बताया गया है कि हरित आवरण को बढ़ाकर 17 प्रतिशत तक पहुंचाया जाएगा। नीति आयोग के हवाले से बताया गया है कि देश में सबसे तेजी से गरीबी बिहार में घटी है।

13.69 प्रतिशत विकास दर का अनुमान

राज्य के आर्थिक विकास को सुदृढ़ और समावेशी बनाने के लिए कुल बजट का 63.46 प्रतिशत विकासमूलक मदों के लिए आवंटित है। 178706 करोड़ रुपये वेतन-पेंशन और ब्याज भुगतान पर खर्च होंगे। इस बार 278925.72 करोड़ रुपये की अनुमानित प्राप्तियां होनी है। इस आधार पर दो सौ करोड़ का बजट अधिशेष हो रहा है।

राजकोषीय घाटा को 2.9 प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य है, जो अधिकतम सीमा से कुछ कम होगी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में वर्तमान मूल्य पर एसजीडीपी 858928 करोड़ रुपये अनुमानित है, जबकि वर्ष 2024-25 में राज्य की विकास दर 13.69 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

बजट आकार : 278725.72 करोड़ 

कुल प्राप्तियां : 278925.72 करोड़

योजना मद में खर्च : 100019.63 करोड़

स्थापना व प्रतिबद्ध मद : 178706.09 करोड़

सरकार की आठ प्राथमिकताएं

  • नियुक्ति एवं रोजगार
  • महिला सशक्तीकरण
  • विभिन्न वर्गों का कल्याण
  • स्वास्थ्य प्रक्षेत्र
  • शिक्षा प्रक्षेत्र
  • कृषि एवं ग्रामीण विकास
  • उद्योग एवं उद्यमी विकास  
  • पर्यावरण संरक्षण एवं हरित विकास
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