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बिहार शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, पेंशन व तय वेतनमान लेने वाले विश्वविद्यालय अफसरों पर दर्ज होगी FIR; इन 4 यूनिवर्सिटी से मांगा जवाब

बिहार शिक्षा विभाग ने पेंशन व तय वेतनमान लेने वाले विश्वविद्याल अफसरों पर प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला लिया है। सरकार ने यह भी कहा कि पेंशन व तय वेतनमान दोनों का लाभ लेने वाले अगर राशि वापस नहीं करते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उच्च शिक्षा निदेशालय की निदेशक ने संबंधित चार विश्वविद्यालयों के कुलसचिव एवं वित्त पदाधिकारी को निर्देश दिए हैं।

By Dina Nath SahaniEdited By: Rajat MouryaUpdated: Mon, 20 Nov 2023 02:38 PM (IST)
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बिहार शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, पेंशन व तय वेतनमान लेने वाले विश्वविद्यालय अफसरों पर दर्ज होगी FIR (प्रतीकात्मक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, पटना। सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन की राशि घटाये बिना ही वेतन का लाभ लेने वाले विश्वविद्यालयों के अफसरों पर अब प्राथमिकी दर्ज होगी। ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों से कहा है कि यदि लाभ लेने वाले राशि वापस नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करें।

दरअसल, सरकार के आदेश के बावजूद विभिन्न विश्वविद्यालयों में कार्यरत कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव, वित्त परामर्शी और वित्त पदाधिकारी पेंशन के साथ-साथ वेतनादि का लाभ उठा रहे हैं। फिलहाल, यह मामला चार विश्वविद्यालयों में सामने आया है।

इसमें जय प्रकाश विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर फारूक अली, पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रोफेसर जवाहर प्रसाद और मौलाना मजरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद आलमगीर प्रमुख रूप से शामिल हैं।

उच्च शिक्षा निदेशालय की निदेशक ने दिया ये निर्देश

इन विश्वविद्यालयों से शिक्षा विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा है। उच्च शिक्षा निदेशालय की निदेशक प्रो. रेखा कुमारी ने संबंधित चार विश्वविद्यालयों के कुलसचिव एवं वित्त पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि एक जनवरी, 2016 से विश्वविद्यालयों में सेवानिवृत्ति के बाद कार्यरत कुलपति, प्रतिकुलपति, वित्त परामर्शी, वित्त पदाधिकारी, कुलसचिव एवं अन्य कर्मियों द्वारा सेवाकाल में प्राप्त किए गए वेतन एवं पेंशन की राशि का ब्योरा उपलब्ध कराएं। इसके लिए संबंधित विश्वविद्यालयों को फार्मेट भी जारी किया गया है।

रेखा कुमार ने निर्देशों में कहा है कि इसके पहले राज्यपाल सचिवालय ने 16 सितंबर और उच्च शिक्षा निदेशालय ने 30 सितंबर को जारी पत्र में स्पष्ट निदेश दिया था कि सेवानिवृत्ति के बाद विश्वविद्यालय में कार्यरत पदाधिकारी पूर्व के संस्थानों से प्राप्त पेंशन की राशि को कटौती कर वेतन भुगतान सुनिश्चित करें।

वही, उच्च शिक्षा निदेशालय ने निर्देश दिया था कि जो भी कर्मी सेवानिवृत्त के बाद बिना पेंशन घटाए पूर्ण वेतनमान प्राप्त करते रहें हैं उनसे सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 10 जुलाई, 2015 को निर्गत संकल्प पत्र के आलोक में अतिरिक्त राशि की वसूली किया जाए।

अफसरों की मनमानी

शिक्षा विभाग के मुताबिक, पूरे मामले में विश्वविद्यालयों के अफसरों की मनमानी सामने आई है। पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय सर्वप्रथम मई, 2023 में एक कुलपति, वित्त परामर्शी और वित्त पदाधिकारी द्वारा लिए जा रहे थे वेतनमान पर आपत्ति व्यक्त करते हुए राजभवन और सरकार से दिशा-निर्देश की मांग की थी।

हालांकि, वित्त परामर्शी ने कुलसचिव के आपत्ति को नहीं मानते हुए कुलपति को वेतनमान निर्गत करने की अनुशंसा की। इस मामले में पहले हीी सरकार और राजभवन ने अपने-अपने पत्र में स्पष्ट निर्देश दिया था कि पेंशन की राशि घटाकर वेतन प्राप्त करना सुनिश्चित करें।

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