सहरसा से सुपौल के आगे तक चलाई गयी पहली मालगाड़ी
सहरसा- सरायगढ़ रेलखंड के आमान परिवर्तन का कार्य तेजी पर है।
पटना । सहरसा- सरायगढ़ रेलखंड के आमान परिवर्तन का कार्य तेजी पर है। इस क्रम में सोमवार को सुपौल-सरायगढ़ खंड की ओर गढ़बरुआरी से आगे तक पहली गिट्टी लदी मालगाड़ी का परिचालन किया गया। मालगाड़ी गर्डर पुल संख्या 14 व सुपौल यार्ड को पार करते हुए डेढ़ किलोमीटर आगे सरायगढ़ स्टेशन की ओर पुल संख्या 13 तक गई। सभी पुलों और ट्रैक बिछाने के आमान परिवर्तन संबंधित कार्य के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद मालगाड़ी का परिचालन एक और बड़ी उपलब्धि है। मार्च 2019 में सहरसा से गढ़बरुआरी तक का रेलखंड परिचालन के लिए पहले ही खुल चुका है।
वहीं दूसरी ओर, सकरी से निर्मली तक का आमान परिवर्तन कार्य भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। सकरी से निर्मली तथा सहरसा से सरायगढ़ तक का परिवर्तन पूरा होने के बाद नए कोसी पुल से होते हुए दरभंगा से सहरसा तक दशकों बाद सीधा रेल संपर्क पुनर्बहाल हो जाएगा। दरभंगा से सहरसा वाया सकरी, झझारपुर, निर्मली, सरायगढ़, सुपौल, गढ़बरुआरी तो जुड़ेगा ही, पूर्वोत्तर भारत में आवागमन के लिए एक और वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध हो जाएगा।
सकरी-झझारपुर रेलखंड का आमान परिवर्तन पूर्ण हो जाने के बाद इस खंड पर पहली मालगाड़ी झझारपुर पहुंची। 20 किलोमीटर लंबा यह रेलखंड अब मालगाड़ी के परिचालन के लिए तैयार है। लगभग 110 करोड़ रुपये की लागत से किए गए कार्य में 14 लघु पुल, सात सबवे के अलावा गर्डर वाले 4 पुलों सहित कुल 13 प्रमुख पुलों का निर्माण किया गया है। इसी रेलखंड में कमला नदी पर 230 मीटर लंबे अति महत्वपूर्ण पुल का भी निर्माण किया गया है। सड़क से जाने वालों की सुविधा तथा संरक्षा के मद्देनजर इस रेलखंड में 6 समपारों को लो हाइट सबवे में बदल दिया गया है। दो लेवल क्रॉसिंग को समाप्त कर दिया गया है। शेष 13 समपारों को मानवसहित कर दिया गया है। इस रेलखंड में अब कोई मानवरहित लेवल क्रॉसिंग नहीं है।
सकरी-झझारपुर रेलखंड के चार स्टेशनों पर बुकिंग ऑफिस, वेटिंग रूम, हाई लेवल प्लेटफॉर्म तथा सभी सुविधाओं से युक्त उच्च श्रेणी प्रतीक्षालय के साथ नए स्टेशन भवनों का निर्माण किया गया है। झझारपुर स्टेशन पर दो मंजिला भवन, पोर्टिको तथा सभी प्लेटफॉर्म पर आवागमन के लिए यात्रियों की सुविधा हेतु सबवे का निर्माण किया गया है।