Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Bihar News: 67 हजार के Mobile के बदले फ्लिपकार्ट ने भेज दी ऐसी चीज... युवक के उड़ गए होश; फिर...

Patna News पटना में एक शख्स ने फ्लिपकार्ट से 67900 रुपये का मोबाइल फोन ऑर्डर किया था। उसने पेमेंट भी ऑनलाइन ही दी थी। हालांकि जब ऑर्डर रिसीव हुआ तो उसके होश उड़ गए। मोबाइल के डिब्बे के अंदर साबुन की टिकिया मिली। इसके बाद शख्स ने शिकायत की। जब कंपनी से कोई मुआवजा नहीं मिला तो मामला उपभोक्ता आयोग पहुंचा।

By Vikash Chandra PandeyEdited By: Rajat MouryaUpdated: Mon, 11 Dec 2023 06:06 PM (IST)
Hero Image
67 हजार के Mobile के बदले फ्लिपकार्ट ने भेज दी ऐसी चीज... युवक के उड़ गए होश; फिर... (प्रतीकात्मक तस्वीर)

राज्य ब्यूरो, पटना। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (फ्लिपकार्ट) पर पटना के अनिमेष कुमार ने 67,900 रुपये के मोबाइल फोन का ऑर्डर किया। उन्हें डिब्बे में साबुन की टिकिया मिली। बार-बार शिकायत पर फ्लिपकार्ट से मात्र समाधान का आश्वासन मिला। कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई। अनिमेष भुगतान भी कर चुके थे। अंतत: उन्होंने जिला उपभोक्ता आयोग में गुहार लगाई। वहां फ्लिपकार्ट का कहना था कि वह खरीद-बिक्री के लिए मात्र प्लेटफार्म उपलब्ध कराता है। विक्रेता कोई दूसरी कंपनी है।

सभी पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने विक्रेता कंपनी को आदेश दिया कि वह छह प्रतिशत ब्याज के साथ 68 हजार रुपये वापस करे। इसके अलावा यह कि इस मामले से फ्लिपकार्ट कन्नी नहीं काट सकता, क्योंकि ग्राहक उसे ही जानता है, ना कि उस फ्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध छोटी-बड़ी विक्रेता कंपनियों को, इसलिए फ्लिपकार्ट को पांच हजार रुपये का हर्जाना देना होगा।

क्या है पूरा मामला?

सैमसंग कंपनी के मोबाइल (एक्सएफ-240 52) के लिए भुगतान वर्ष 2018 में 30 नवंबर को हुआ था। पैकेट खोलते समय अनिमेष ने उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की थी। उसी साक्ष्य के आधार पर वे फ्लिपकार्ट को अपने साथ हुई धोखाधड़ी की ऑनलाइन सूचना दी। फ्लिपकार्ट के शुरुआती संदेश से आभास हो रहा था कि वह मामले में उचित हस्तक्षेप करेगा, लेकिन बाद में प्रतीत हुआ कि टालमटोल हो रहा है।

उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष विधु भूषण पाठक व सदस्य रजनीश कुमार के समक्ष भी फ्लिपकार्ट का वही रवैया रहा। तर्कों-तथ्यों का आकलन कर दोनों न्यायकर्ताओं ने पाया कि सौदे में बेईमानी हुई है। विक्रेता कंपनी (साने रिटेल्स प्राइवेट लिमिटेड) को फ्लिपकार्ट ने नि:शुल्क अपना प्लेटफॉर्म तो उपलब्ध कराया नहीं, वह कमीशन पाता है, इसलिए खरीद-बिक्री में पारदर्शिता के दायित्व से वह मुकर नहीं सकता।

निर्णय यह कि विक्रेता कंपनी दो माह के भीतर ब्याज सहित राशि वापस करेगी। 30 नवंबर, 2018 से राशि की वापसी की तिथि तक ब्याज की गणना होगी। मानसिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति के एवज में अनिमेष को फ्लिपकार्ट पांच हजार रुपये देगा।

ये भी पढ़ें- Nitish Kumar के 'वन टू वन' फॉर्मूले की क्या है जमीनी हकीकत? JDU-RJD और कांग्रेस में ही छिड़ सकती है 'पावर गेम

ये भी पढ़ें- उपेंद्र कुशवाहा का NDA को क्लियर मैसेज! इन 8 लोकसभा सीटों पर मजबूत की दावेदारी, प्रभारियों को ड्यूटी पर लगाया

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर