Bihar Flood: बिहार में जल प्रलय जैसे हालात! इन बराजों से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी, 20 जिलों में तबाही का अलर्ट
बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। नेपाल में भारी बारिश के कारण नदियां अपना रौद्र रूप दिखा रही हैं। 20 जिलों में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। वाल्मीकिनगर बराज से 4. 74 लाख और कोसी बराज से 6 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। वहीं नेपाल के नारायणघाट से 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
जागरण टीम, पटना। नेपाल में हो रही भारी वर्षा के कारण बिहार में नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। स्थिति को देखते हुए राज्य के 20 जिले में अलर्ट जारी किया गया है।
इनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, शिवहर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर शामिल हैं।
24 घंटे और तीन पाली में अगले 72 घंटों के लिए पटना स्थित मुख्यालय में वॉर-रूम सक्रिय है। नदियां और ऊफनाईं तो, बिहार के उत्तरी और मध्य परिक्षेत्र पर आफत गुजरेगी।
वाल्मीकिनगर बराज से छोड़ा गया 4 लाख 74 हजार क्यूसेक पानी
पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर बराज से शनिवार को चार लाख 74 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे दियारा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बराज के सभी 36 फाटक उठा दिए गए हैं।
नेपाल के नारायणघाट से छोड़ा गया 6 लाख क्यूसेक पानी
उधर, नेपाल के नारायणघाट से भी छह लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, इससे पहाड़ी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पश्चिमी चंपारण के गौनाहा प्रखंड के 200 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।कोसी बराज से भी छोड़ा गया 6 लाख क्यूसेक पानी
शनिवार की रात 10 बजे तक कोसी बराज से छह लाख एक हजार 600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। 1968 के बाद सबसे ज्यादा पानी एक दिन में छोड़ा गया है। 1968 में पांच अक्टूबर को 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
कोसी क्षेत्र में पड़ने वाले मधुबनी के प्रखंड क्षेत्रों में स्थिति गंभीर हो गई है। पानी तेजी से बढ़ रहा है। कई जगहों पर घरों में पानी प्रवेश करना शुरू हो गया है। शाम तक जहां हल्का पानी था, वहां कमर से ज्यादा पानी हो गया है।अत्यधिक जलस्राव को देखते हुए नेपाल प्रशासन ने कोसी बराज होकर आवाजाही पर रोक लगा दी है। मुख्य अभियंता ई, वरुण कुमार ने बताया कि फिलहाल कोसी बांध और बराज पर कोई खतरा नहीं है। तटबंध पर पूरी निगरानी बरती जा रही है।
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