बिहार में बाढ़ से हालात बेकाबू, पटना शहर के घरों में घुसा गंगा का पानी; बक्सर से राहत की खबर
Bihar Flood गंगा सोन गंडक समेत उत्तर बिहार की तमाम छोटी-बड़ी नदियों में एक साथ उफान से बिहार में बाढ़ के हालात बेकाबू होते दिख रहे हैं। और तो और पटना में गंगा के किनारे बने कई घरों में पानी प्रवेश कर गया है।
By Shubh Narayan PathakEdited By: Updated: Sat, 14 Aug 2021 12:10 PM (IST)
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Flood: गंगा, सोन, गंडक समेत उत्तर बिहार की तमाम छोटी-बड़ी नदियों में एक साथ उफान से बिहार में बाढ़ के हालात बेकाबू होते दिख रहे हैं। और तो और पटना में गंगा के किनारे बने कई घरों में पानी प्रवेश कर गया है। राजधानी के ज्यादातर गंगा घाट पहले ही पानी में डूब चुके हैं। गंगा का पानी दीघा नहर के रास्ते दानापुर के घरों में घुसने का खतरा बढ़ गया है। यहां नहर का गेट बंद करते हुए पानी मोटर के सहारे गंगा में गिराया जा रहा है। इधर, गंगा में बाढ़ से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और वाराणसी में गंगा का जलस्तर घटने लगा है, वहीं बिहार के पहले जिले बक्सर में स्थिर हो गया है। बक्सर में शाम तक गिरावट का सिलसिला शुरू होने की उम्मीद है। कल सुबह तक पटना में भी जलस्तर घटने की उम्मीद है, बशर्ते सोन के जलस्तर में भी राहत रहे।
पटना के पास हाथीदह में गंगा ने तोड़ा पुराना रिकार्ड
पटना के पास हाथीदह में गंगा ने जलस्तर का पुराना रिकार्ड तोड़ दिया है। राहत की बात है कि शुक्रवार को इलाहाबाद के साथ बनारस में भी गंगा का जलस्तर घटने लगा है। गंगा में आई बाढ़ तब अधिक विकराल होती है, जब कम समय के अंतराल पर जलस्तर दोबारा बढ़ना शुरू कर दे। अगर गंगा के जलग्रहण इलाके में मानसून फिर से सक्रियता बढ़ाता है तो ऐसा खतरा हो सकता है। फिलहाल गंगा शुक्रवार को भी बक्सर से कहलगांव तक खतरे के निशान के काफी ऊपर बह रही है। सहायक नदियों में पुनपुन मात्र नौ सेमी नीचे उतरी है। बावजूद अभी पटना के श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 1.68 मीटर ऊपर है। सोन अभी मनेर में 1.16 मीटर ऊपर है। पटना के हाथीदह में गंगा ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए और 43.21 मीटर का नया एचएफएल (हाई फ्लड लेबल) बना दिया।
बक्सर में शुक्रवार को नौ सेमी बढ़कर गंगा लाल निशान से 83 सेमी ऊपर पहुंच गया था। दीघा घाट में गंगा खतरे के निशान से 24 घंटे में नौ सेमी बढ़कर 116 सेमी ऊपर चली गई है। गांधी घाट में 13 सेमी बढ़कर यह नदी खतरे के निशान से 163 सेमी ऊपर है। मुंगेर में 42, भागलपुर में 73 और कहलगांव में खतरे के निशान से 109 सेमी ऊपर यह नदी बह रही है। उधर, कोसी, गंडक, बागमती और कमला सहित उत्तर बिहार की कई नदियां फिर से उफनने लगी हैं। कोसी का डिस्चार्ज शुक्रवार को बराह क्षेत्र में 115 हजार और बराज पर एक लाख 70 हजार घनसेक पानी मिल रहा है। यह नदी खगडिय़ा में खतरे के निशान से 105 और कटिहार में 123 सेमी खतरे के निशान से ऊपर है।
गंडक का डिस्चार्ज भी वाल्मीकिनगर पर बराज पर एक लाख 14 हजार घनसेक है। यह नदी गोपालगंज में अब भी लगभग 40 सेमी ऊपर है। दूसरी नदियों में बागमती मुजफ्फरपुर में 88 तो सीतामढ़ी में भी 25 सेमी ऊपर बहने लगी है। बूढ़ी गंडक खगडिय़ा में 190 सेमी चली गई है। कमला झंझारपुर में 130 सेमी ऊपर बह रही है तो जयनगर में भी शुक्रवार को खतरे के निशान को छूने लगी है। लालबकेया पूर्वी चंपारण में 60 सेमी ऊपर बह रही है। खिरोई भी एक बार दरभंगा में खतरे के निशान को छूने लगी है। घाघरा भी सिवान में खतरे के निशान को पार कर गई।
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