Rakesh Sinha: 'बढ़ रही मुस्लिमों की संख्या, घट रहे हिंदू'; पूर्व सांसद राकेश सिन्हा बोले- यह खतरे की घंटी
राकेश सिन्हा ने जनसंख्या को लेकर बड़ा दावा किया है। पूर्व सांसद ने कहा कि पिछले कुछ समय से हिंदुओं की जनसंख्या घट रही है और मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ रही है। पूर्व सांसद ने कहा कि यह खतरे की घंटी है। इस तरह की वृद्धि समाज के साथ सभ्यता पर असर डाल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बढ़ी जनसंख्या का असर संसाधन और सभ्यता पर पड़ता है।
जागरण संवाददाता, पटना। पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि देश में हिंदुओं के मुकाबले मुस्लिमों की संख्या बढ़ रही है। बीती 15 जनगणनाओं के आंकड़ों पर नजर डालें, तो हर बार के परिणाम इस ओर इंगित करते हैं। उन्होंने कहा कि यह खतरे की घंटी है। इस तरह की वृद्धि समाज के साथ सभ्यता पर असर डाल रही है।
सिन्हा मंगलवार को बबुआजी स्मृति एवं शोध संस्थान द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इसके पहले बिहार विधान परिषद सभागार में 'जनसांख्यिकी असंतुलन और बिहार' विषय पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह और प्रो. राकेश सिन्हा आदि ने किया।
'जनसंख्या का प्रश्न गंभीर है'
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि जनसंख्या का प्रश्न गंभीर है। इस विषय पर राजनीति होती है, लेकिन गंभीर मुद्दे नारों में तब्दील होकर रह जाते हैं। बढ़ी जनसंख्या का असर संसाधन और सभ्यता पर पड़ता है। इस असंतुलन का असर देश पर पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि हमने समस्या के उपाय करने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी दी, जो केवल अपने लिए सोचते हैं। राकेश ने विषय के केंद्र में रखते हुए बताया कि बिहार के हर प्रखंड में हिंदुओं के मुकाबले मुस्लिमों की संख्या बढ़ रही है। लोग जनसंख्या के विषय में बोलते हैं, पर पढ़ते नहीं हैं। जनसंख्या पर सख्त कानून बनाने के साथ मुस्लिम महिलाओं को शिक्षित करने की जरूरत है।
मुख्य अतिथि व बबुआजी स्मृति एवं शोध संस्थान के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा कि राकेश सिन्हा की बातों को गंभीरता से सोचने की जरूरत है। बबुआजी स्मृति एवं शोध संस्थान द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए ऐसे कार्यक्रम आगे भी आयोजित किए जाएंगे।
अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि बबुआजी ने हमें बेहतर भविष्य की राह दिखाई। उनके विचार सबको साथ लेकर चलने के हैं।धन्यवाद ज्ञापित करते हुए संस्थान के सचिव आनंद प्रकाश नारायण सिंह व बबुआजी के पौत्र आनंद प्रकाश नारायण सिंह ने कहा कि कार्यक्रम से मिली सीख पर विचार करने की जरूरत है। इस दौरान पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद, संस्थान के न्यासी डॉ. मोहन सिंह, राजकुमार सिन्हा, उपाध्यक्ष यशवंत कुमार, चंद्र मोहन खन्ना और अनिल ठाकुर आदि मौजूद थे।
ये भी पढ़ें- Giriraj Singh: 'विस्फोटक हो रहे हालात', गिरिराज सिंह को किस बात का डर? विभाजन-नेहरू और सनातनी सब आए यादये भी पढ़ें- Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने अचानक बुलाई हाई लेवल मीटिंग, लालू भी हो सकते हैं शामिल; बड़ा 'खेल' होगा?
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।