बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी! योगदान की तिथि से EPF मिलने का रास्ता साफ, निर्देश जारी
बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। अब योगदान की तिथि से ईपीएफ मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए ईपीएफओ ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। अपने आदेश में ईपीएफओ ने अफसरों को आगाह करते हुए कहा है कि यह संपूर्ण कार्रवाई दस दिनों की निर्धारित समय-सीमा के अंदर करना सुनिश्चित करें।
By Dina Nath SahaniEdited By: Rajat MouryaUpdated: Fri, 24 Nov 2023 07:37 PM (IST)
दीनानाथ साहनी, पटना। Bihar Teacher EPF News राज्य के प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत तकरीबन चार लाख नियोजित शिक्षकों को योगदान की तिथि से ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इससे संबंधित निर्देश कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने जिला शिक्षा अधिकारियों को दिया है।
ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा दिए गए निर्देश में नियोजित शिक्षकों को भविष्य निधि का लाभ एक सितंबर 2020 की जगह उनके वास्तविक योगदान की तिथि से देने हेतु अग्रेतर कार्रवाई करने के लिए अफसरों को कहा गया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय, भागलपुर द्वारा नियोजित शिक्षकों को योगदान की तिथि से भविष्य निधि का लाभ देने हेतु जमुई, मुंगेर, भागलपुर, बांका, शेखपुरा, लखीसराय, खगड़िया, कटिहार, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया और किशनंगज के संबंधित के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को निर्देश दिया गया है।
10 दिनों में करनी होगी संपूर्ण कार्रवाई
अपने आदेश में ईपीएफओ ने अफसरों को आगाह करते हुए कहा है कि यह संपूर्ण कार्रवाई दस दिनों की निर्धारित समय-सीमा के अंदर करना सुनिश्चित करें अन्यथा ईपीएफ तथा एमपी एक्ट 1952 के तहत शिक्षा विभाग पर कानूनी कार्रवाई करने पर बाध्य होंगे। इस आदेश के आधार पर सभी नियोजित शिक्षकों को योगदान की तिथि से ही भविष्य निधि का लाभ मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
हालांकि, शिक्षा विभाग के संबंधित अफसरों ने ईपीएफओ के इस आदेश पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वैसे सरकार के स्तर से नियोजित शिक्षकों के हित में जो सकारात्मक फैसले लिए गए हैं उससे माना जा रहा है कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलने के बाद उनके योगदान की तिथि से भविष्य निधि का लाभ मिलना तय है।
शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2020 में पटना उच्च न्यायालय के न्यायिक आदेश के बाद सरकार ने नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ लाभ दिया था, लेकिन यह लाभ उनके वास्तविक योगदान की तिथि की बजाय सभी शिक्षकों को एकसाथ एक सितंबर, 2020 से दिया गया है। सरकार के इस कदम से शिक्षकों को भविष्य निधि से मिलने वाले लाभ में नुकसान तो हुआ ही है।
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